पुराना किला के पार्श्व में स्थित है दिल्ली का चिड़िया घर यानी राष्ट्रीय जंतु विज्ञान पार्क। यह कुल 176 एकड़ ( 71 हेक्टेयर) में फैला हुआ है। यह दिल्ली वालों के घूमने की पसंदीदा जगह है। यहां आने पर आप चाहें तो एक ही दिन में चिड़ियाघर के साथ पुराना किला भी घूम सकते हैं। तो पहले चलिए चिड़िया घर की सैर करने।
दिल्ली के इस चिड़िया घर का उदघाटन 1 नवंबर 1959 को नेहरू मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री रहे पंजाब राव देशमुख ने की थी। हालांकि इसके स्थापना की तैयारी कई सालों से चल रही थी। दरअसल जब देश आजाद हुआ तब दिल्ली में कोई चिड़िया घर नहीं था। सरकार ने ऐसे जू बनाने की जरूरत महसूस किया जहां लोग छुट्टियों में घूम सकें साथ ही स्कूली बच्चे अपनी जानकारी में इजाफा कर सकें। धीरे -धीरे यहां संग्रह में इजाफा होने लगा। साल 1982 में इसे नेशनल जूलोजिकल पार्क का दर्जा मिला।
दिल्ली का चिड़िया घर प्रगति मैदान के आगे मथुरा रोड पर स्थित है। टिकट काउंटर के पास निजी वाहनों के लिए पार्किंग उपलब्ध है। चिड़ियाघर में प्रवेश कर जाने के बाद आपके पास घूमने के लिए दो विकल्प है। आप चाहें तो पैदल सैर करें । यही अच्छा भी है। पर आप बैटरी से चलने वाली प्रदूषण मुक्त गाड़ियों का सहारा भी ले सकते हैं। इसके लिए अलग से टिकट दरें तय की गई हैं।
जी हां आप चाहें तो गोल्फ कार्ट से भी सैर कर सकते हैं।
टिकट दरें बढ़ी – साल 2021 में दिल्ली चिड़िया घर में वयस्कों की टिकट 40 रुपये
से बढ़कर 80 रुपये कर दी गई है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को
चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए 20 रुपये की जगह 40 रुपये देने होंगे।
कई साल पहले यानी 1998 में मैं दिल्ली के चिड़ियाघर में पहली बार अपने पत्रकार मित्र जीवन प्रकाश शर्मा के साथ गया था। उसके बाद दो बार बेटे अनादि के साथ चिड़ियाघर जाना हुआ। पर इस बीच इसके संग्रह में काफी इजाफा हुआ है।
दिल्ली के चिड़ियाघर में वन्य जीवों का अच्छा संग्रह है। यहां कुल 130 प्रजाति के जानवर रखे गए हैं। यहां पर आप बाघ को उसके बाड़े में काफी निकट से देख सकते हैं। इसके अलावा तेंदुआ, मणिपुर का संगाई हिरण, गेंडा समेत कई प्रजााति के जीवों को देखा जा सकता है।
दिल्ली के चिड़िया घर में पक्षियों का भी बसेरा होता है। यहां 1300 से ज्यादा प्रजाति के पक्षियों का भी संग्रह है। वास्तव में जिसे हम चिड़िया घर कहते हैं वह वनस्पति उद्यान होता है। यानी यहां पर जीव जंतुओं के अलावा अलग अलग किस्म के पेड़ पौधों से भी हम साक्षात्कार कर सकते हैं।
खुलने का समय - दिल्ली का चिड़िया घर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है। यह हर शुक्रवार को बंद रहता है। टिकट काउंटर के पास क्लाक रुम की सुविधा उपलब्ध है।
दिल्ली के चिड़ियाघर काफी बार गया हूँ। वहाँ जाना हमेशा ही रोचक होता है। पुराना किला वाली यात्रा का इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteहां जी , जरूर
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