अगर
आपको दिल्ली एनसीआर में शाकाहारी स्वाद और सुमधुर संगीत के साथ एक सुहानी शाम
गुजारनी हो तो चोखी हवेली पहुंचें। यह जगह है नोएडा सेक्टर 33 में नोएडा हाट और
इस्कॉन मंदिर के बिल्कुल बगल में। यहां पर आप एक दमदार दुपहरिया या सुरमई शाम
गुजार सकते हैं। संगीत से सजी हुई शाम स्वाद को रोचक बनाती है। राजस्थान में शुरू
हुए चोखी ढाणी का ही लघु रूप है चोखी हवेली।
इसमें प्रवेश के लिए 499 रुपये
का टिकट है। इस राशि आप क्रेडिट कार्ड या पेटीएम से भी चुका सकते हैं। अगर आप
दोपहर में जाते हैं तो यहां शाम के 5 बजे तक रह सकते हैं। वहीं शाम को जाने वालों
के लिए प्रवेश 5.30 बजे होता है। शाम को प्रवेश के बाद यहां आप रात्रि 10.30 बजे
तक खाने पीने और संगीत का आनंद ले सकते हैं।
आपका प्रवेश करने के साथ ही चाय, जल जीरा और पकौड़े के साथ स्वागत होता है। इसके बाद आप संगीत और अन्य कई मनोरंजन का यहां मजा लेते रहिए। हां, भोजन कक्ष में एक ही बार जाना है। तो जब मौज मजा से जी भर आए तो भोजन कक्ष की ओर प्रस्थान करें।
इससे पहले आप मुफ्त में हेड
मसाज करा सकते हैं। मसाज वाले जैतून का तेल सिर में लगाकर आपकी अच्छी तरह मालिश
करते हैं। यह मसाज आपको सुकून दे जाता है। इससे पहले आप चाहें तो कई किस्म के पान
भी खा सकते हैं हालांकि इसके लिए आपको धन देना होगा।
चोखी हवेली में मुझे बनारस के कुम्हार मिल गए। वे अपना चाक लेकर आए हैं। यहां पर आने वालों को वे पॉटरी मेकिंग का ज्ञान देते हैं। यह सब कुछ लाईव देखना और सीखना शहरी बच्चों को लिए नए किस्म का अनुभव हो सकता है।
और सामने मंच सजा हुआ है। इस मंच पर राजस्थानी कलाकार नृत्य की लगातार प्रस्तुति देते रहते हैं। राजस्थान से आने वाले ये कलाकार राजस्थानी लोकनृत्य कालबेलिया की प्रस्तुति देते हैं। कई राजस्थानी गीतों पर मस्त लोक नृत्य पेश करते हैं। पर अगर आपकी इच्छा है तो मंच पर जाकर इनके साथ खुद भी नाच सकते हैं।
और अब भूख लगने लगी है तो भोजन कक्ष की ओर प्रस्थान करें। भोजन कक्ष की दीवारें राजस्थानी पेंटिंग से सजी हुई हैं। यहां पर नीचे बैठकर जीमने का भी इंतजाम है। वहीं टेबल कुर्सियां भी लगी हुई हैं। पर काफी लोग नीचे बैठना पसंद करते हैं।
खाने की थाली में क्या है... बाजरे की रोटी, बाजरे की खीर, चपाती, दाल बाटी, चूरमा, जलेबी, गट्टे की सब्जी, मिक्स वेज, कई किस्म की भूजिया, अचार, सलाद, सूखी सब्जियां, चावल, करी । ये सब कुछ आप जितना भी खाना चाहें वे पूछ पूछ कर खिलाते हैं। आप मना करेंगे पर खिलाने वाले पीछे नहीं हटेंगे।
खाने के बाद भी आप चाहें तो नृत्य संगीत का आनंद ले सकते हैं। प्रवेश द्वार के बाहर ऊंट की सवारी का भी मजा लिया जा सकता है। चोखी हवेली में सोमवार से शुक्रवार तक कम भीड़ होती है। तो आप इन्ही दिनों में जाएं तो अच्छा है। शनिवार और रविवार को काफी लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( CHOKHI HAWELI, RAJSTHANI FOOD AND CULTURE, NOIDA SEC 33 )