दिल्ली में रहकर जब भी कुछ खरीदादारी करने की इच्छा हो तो एकबारगी करोलबाग जाने का विचार मन में आता है। करोल बाग दिल्ली के केंद्र में स्थित ऐसा बाजार है जहां आप स्ट्रीट मार्केट से लेकर बड़े बड़े शोरूम से खरीददारी कर सकते हैं। अब करोल बाग की सूरत और भी संवर गई है।
मैं पहली बार दिल्ली
1991 में पहुंचा था। पर 1993 में दिल्ली दूसरी बार पहुंचा तो करोल बाग के हरध्यान
सिंह रोड में अपने एक दोस्त के घर में जाना हुआ था। जब 1995 में दिल्ली में रहना
शुरू किया उसके बाद से अनगिनत बार करोल बाग जाना हुआ होगा। साल 2003 में जब मेरी
शादी हुई तो उससे पहले शॉपिंग के लिए मैं एक बार फिर करोल बाग पहुंचा। हालांकि तब
मैं जालंधर में रहता था। करोल बाग के बैंक स्ट्रीट पर ज्यादातर ज्वेलरी की दुकाने
हैं। पीपी ज्वेलर्स फर्म की तब एक मल्टी स्टोर शॉप शुरू हुई थी पीपी डिजाईन
एस्टेट। वहां से भी कुछ खरीददारी की थी।
पर करोल बाग में शॉपिंग का बेहतरीन अनुभव है अजमल खां रोड पर पैदल सैर करते हुए चलना। अब आप करोल बाग मेट्रो स्टेशन से उतरकर उत्तर दिशा में चलते हुए अजमलखां रोड पर शॉपिंग कर सकते हैं। साल 2019 में इस सड़क का कायाकल्प हो गया है। भारी वाहनों के चलने पर रोक लग गई है। सड़क के दोनों तरफ बैठने के लिए जगह-जगह बेंच लगा दी गई है।
सड़क के बीच
में फूलों के गमले लगा दिए गए हैं। इस अजमल खां रोड पर जनक स्टूडियो, टाटा का
वेस्टसाइड से लेकर तमाम बड़े ब्रांड के शोरूम हैं। वहीं छोटी-छोटी मध्यम वर्गीय
लोगों के जेब के अनुकूल दुकानें भी हैं। उससे भी आगे स्ट्रीट मार्केट सस्ते कपड़े,
जूते, पर्स, बैग आदि की दुकाने हैं। आप अपने किसी भी टूटे-फूटे बैग की यहां पर आकर
मरम्मत करा सकते हैं।
अजमल खां रोड से आगे
बढ़कर आप चलते हुए बैंक स्ट्रीट पहुंच सकते हैं। यहां देश की जानीमानी ज्वेलरी की
दुकाने हैं। वहीं अजमल खां रोड के मध्य से पश्चिम की तरफ जाने पर गफ्फार मार्केट
पहुंच सकते हैं। महान स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान के नाम पर बने इस
मार्केट आज मोबाइल फोन और उसकी मरम्मत का हब बन चुका है।
पर आपको पता है कि
करोल बाग सन 1920 से पहले खेत और जंगल जैसा इलाका हुआ करता था। कनॉट प्लेस के
निर्माण के लिए जिन गांवों के लोगों को विस्थापित होना पड़ा वे करोलबाग में आकर
बसे। पर 1947 के करोल बाग इलाके की बड़ी मुस्लिम आबादी पाकिस्तान चली गई। करोल बाग
आजादी के बाद बड़े व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरा। करोल बाग ने सन 1984 में सिख
दंगों को दंश झेला। सन 2008 में इसने गफ्फार मार्केट में आतंकी धमाके को भी देखा। पर
इन सबके बीच जिंदगी अपनी रफ्तार से चलती रहती है।
करोलबाग की सड़कों
पर घूमते हुए आप दिल्ली के अलग-अलग तरह के स्वाद का भी मजा ले सकते हैं। यहां पंजाबी से लेकर दक्षिण भारतीय स्वाद उपलब्ध है। छोले
भठूरे, रसगुल्ले, के साथ पंरपरागत पूड़ी सब्जी का भी स्वाद ले सकते हैं। तो यहां
दक्षिण भारतीय खाने पीने के भी रेस्टोरेंट हैं। करोल बाग इलाके में कई मध्यमवर्गीय
होटल भी हैं।
करोल बाग के पास ही दिल्ली का प्रसिद्ध सर गंगाराम अस्पताल और बीएल कपूर मेमोरियल अस्पताल हैं। करोलबाग और राजेंद्र पैलेस मेट्रो स्टेशन के पास आईएएस के कोचिंग का बड़ा हब भी विकसित हो चुका है। देश के जाने माने कोचिंग संस्थान जहां अनगिनत लोगों को सपने बुने जाते हैं। इस कोचिंग जोन में कई प्राइवेट लाइब्रेरी बनी हैं जहां कंपटिशन देने वाले पढ़ाई करते हैं।
दिल्ली के किसी भी कोने से करोल बाग पहुंचने के लिए आप दिल्ली मेट्रो का सहारा ले सकते हैं। वैशाली से द्वारका वाली लाइन पर करोलबाग मेट्रो स्टेशन है। रेलवे स्टेशन की बात करें तो सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन सबसे करीब है। वैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पहाड़गंज वाले इलाके से भी यह ज्यादा दूर नहीं है।
तो कभी कुछ खरीददारी करने या अच्छा खाने पीने का दिल करे तो करोल बाग का रूख करें। दिल्ली के हर कोने से करोल बाग के लिए बसें भी चलती हैं। कोई न कोई बस आपके यहां से भी आती होगी न।
- विद्युत प्रकाश मौर्य – vidyutp@gmail.com ( KAROL BAG, DELHI, AJMAL KHAN ROAD, GAFFAR MARKET )
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