हिंदू धर्म में शक्ति की नौ
देवियों की अराधना की परंपरा है। ये दुर्गा के नौ रूप हैं। यानी नौ दुर्गा। अलग
अलग समय में मुझे इन नौ देवियों के मंदिरों में जाने का मौका मिल गया है। तो आइए
चलते हैं नौ देवियों के दर्शन करने। पहले जान लेते हैं नौ देवियों के मंदिर
कहां-कहां हैं।
1 मां वैष्णो देवी,
(कटरा,रियासी
, जम्मू एंड कश्मीर)
2 मां नैना देवी (नैना देवी
टाउन, बिलासपुर जिला,
हिमाचल
प्रदेश)
3 मां ज्वाला देवी (कांगड़ा जिला,
हिमाचल
प्रदेश)
4 मां वज्रेश्वरी देवी ( कांगड़ा
जिला,
हिमाचल
प्रदेश)
5 मां चिंतपूर्णी (ऊना जिला,
हिमाचल
प्रदेश)
6 मां चामुंडा देवी ( धर्मशाला,
हिमाचल प्रदेश )
7 मां शाकम्भरी देवी (सहारनपुर
जिला, उत्तर प्रदेश
)
8 मां मनसा देवी (हरिद्वार,
उत्तराखंड)
9 मां कालका ( कालका, हरियाणा
)
मां वैष्णो देवी का पींडी रूप
में दर्शन – मां वैष्णो देवी के मंदिर तक
जाने के लिए आपको 12 किलोमीटर की मनोरम पद यात्रा करनी पड़ती है। जम्मू कश्मीर के
कटरा शहर तक आप ट्रेन या बस से जा सकते हैं। तमाम देवी मंदिरों की तुलना में यहां
पर सबसे ज्यादा भीड़ होती है। पर जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड
द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं। इसलिए यात्रा में
मुश्किल नहीं होती। यहां माता के दर्शन पींडी रूप में होते हैं।
2 नैना देवी ( हिमाचल प्रदेश ) – नैना देवी का
मंदिर हिमाचल प्रदेश में पंजाब के शहर नंगल के पास स्थित है। नंगल तक का सफर आप
रेल से कर सकते हैं।उसके बाद बस से। नैना देवी मंदिर तक जाने के लिए 500 सीढ़ियां
चढ़नी पड़ती है। मंदिर के आसपास धर्मशाला और रहने के लिए निजी कमरे उपलब्ध हैं। अब
नैना देवी तक जाने के लिए रोपवे भी बन गया है। मंदिर की ऊंचाई से सुंदर नजारा
दिखाई देता है।
3 मां ज्वाला देवी (कांगड़ा जिला,
हिमाचल
प्रदेश) - ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल
प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यहां पहुंचने के पंजाब का होशियारपुर निकटतम सुगम
रेलवे स्टेशन है। होशियारपुर से बसों से सफर कर यहां पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर
की खास बात है कि पहाड की गुफा में अनवरत एक जोत जलती रहती है। इस देवी को माना
जाता है कि यह आंखों के जोत को सलामत रखती हैं। मंदिर के आसपास छोटा सा बाजार और
रहने के लिए धर्मशाला होटल आदि उपलब्ध है।
4. मां वज्रेश्वरी देवी ( कांगड़ा,
हिमाचल
प्रदेश) – कांगड़ा शहर के केंद्र में स्थित है मां व्रजेश्वरी देवी का मंदिर। इस
मंदिर के आसपास बाजार है और रहने के लिए धर्मशालाएं और सस्ते होटल भी उपलब्ध हैं। इन्हे
नगर कोट की देवी या कांगड़ा देवी के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में
श्रद्धालुओं के लिए भोजनालय भी संचालित होता है। यहां पठानकोट से कांगड़ा घाटी
रेलवे से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन कांगड़ा मंदिर दो किलोमीटर है।
5 मां चिंतपूर्णी (ऊना जिला,
हिमाचल
प्रदेश) – मां चिंतपूर्णी के मंदिर पहुंचने के लिए पंजाब के होशियारपुर शहर से
सड़क मार्ग का सुगम रास्ता है। डगसाई नामक कस्बे के पास चिंतपूर्णी का मंदिर स्थित
है। कहा जाता है कि मां समस्त मन की चिंताएं दूर करती हैं। मंदिर के आसपास दो
किलोमीटर लंबा बाजार है। रहने के लिए ढेर सारी धर्मशालाएं बनी हुई हैं।
6. चामुंडा देवी – धर्मशाला,
हिमाचल प्रदेश – मां चामुंडा देवी का मंदिर कांगड़ा और धर्मशाला के पास स्थित है।
चामुंडा यानी चंड और मुंड का संहार करने वाली देवी। चामुंडा देवी के मंदिर के बगल
में नदी की सुंदर धारा बहती है। आसपास में हरित क्षेत्र इलाके को मनोरम बनाता है।
मंदिर के आसपास आवासीय इंतजाम उपलब्ध है।
7 मां शाकम्भरी देवी (सहारनपुर
जिला, उत्तर प्रदेश
) – शाकंभरी देवी धन धान्य की देवी हैं।
इनका मंदिर सहारनपुर शहर के निकट जंगलों में हैं। पास से हरनंदी नदी की धारा
गुजरती है। मंदिर के आसपास का वातावरण काफी मनोरम है। यहां आने वाले श्रध्दालु
माता को शाक, भाजी और सब्जियां चढ़ाते हैं।
8. मां मनसा देवी (हरिद्वार,
उत्तराखंड)
– मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार में हर की पौड़ी से थोड़ी दूर पहाड़ी पर स्थित है।
कहा जाता है कि यह मन की इच्छा पूरी करती हैं। एक मनसा देवी का मंदिर चंडीगढ़ के
पास मनीमाजरा में भी स्थित है।
9. कालका देवी – मां कालका देवी
काली का रूप हैं। इनका मंदिर हरियाणा में चंडीगढ़ से शिमला के मार्ग पर कालका में
स्थित है। कालका देवी यानी काली का एक और मंदिर कोलकाता के काली घाट में भी स्थित
है।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( NINE DEVI TEMPLES )
बहुत शानदार
ReplyDeleteधन्यवाद
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