सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण
दिल्ली के वजीराबाद में यमुना नदी पर किया किया गया है। यह दिल्ली का नया आकर्षण
बन गया है। आते जाते लोग इस पुल के पास रुक कर तस्वीरें खिंचवाते हैं। यमुना नदी
पर बना यह दिल्ली का पहला रज्जु कर्षण सेतु है। यह दिल्ली की एक नई पहचान बन चुका
है।
देश
का पहला केबल रक्षित पुल - यह देश का
पहला केबल-रक्षित पुल है। हस्ताक्षर पुल दिल्ली में सबसे ऊंची संरचना है और 154
मीटर ऊंचे देखने वाले बॉक्स के साथ कुतुबमीनार की ऊंचाई दोगुनी है। इसका मध्य स्तंभ
175 मीटर ऊंचा है। यह
दिल्ली में स्थित किसी भी इमारत से ज्यादा उंचा है।
इस पर दो भूमिगत मार्ग,
फुटपाथ
और साइकिल पथ भी बनाए गए हैं। इसके अलावा इस पर दोहरे चार-लेन के सड़क मार्ग बनाए गए
हैं। इनमें से प्रत्येक 14 मीटर चौड़ा है। इसके मध्य में 1.2 मीटर चौड़ी मध्यपट्टी
है। केबलों
को गांठने के लिए स्थान, रखरखाव
पैदल मार्ग और मध्यपट्टी के दोनों किनारों पर टक्कर अवरोधक भी बनाए गए हैं। इस पुल
का मुख्य स्पैन 251 मीटर का है। दोनों किनारों पर अभिगमन स्पैन प्रत्येक 36 मीटर
का है।
इस सेतु के निर्माण को दिल्ली
मंत्रीमंडल ने 23 फरवरी 2010 को स्वीकृति दी गई थी। पुल के बनने में कई साल लगे।
इसके निर्माण कार्य पूरा होने की तारीखें टलती रहीं। अंततोगत्वा पुल का उदघाटन 4
नवंबर 2018 को दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया। इस सेतु के निर्माण की कुल लागत 1128 करोड़ का
अनुमान था।
सिगनेचर ब्रिज का निर्माण
पुराने वजीराबाद पुल के ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए किया गया है। यह पुराने
वजीराबाद पुल के दक्षिण किनारे पर बनाया गया है। यह उत्तर और पूर्वोत्तर दिल्ली के
बीच यात्रा के समय को कम कर देता है। इस पुल के बन जाने से लोगों को काफी राहत
मिली है। इससे पहले वजीराबाद पुल पर सुबह और शाम के समय दो दो घंटे का लंबा जाम
लगता है। कई किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग जाती थी। पर अब इससे निजात मिल चुकी
है।
इस पुल के निर्माण का विचार
पहली बार 1997 में आया था। पर इस पुल की अवधारणा 2004 में जाकर बन सकी। फिर 2007
में दिल्ली कैबिनेट द्वारा इस परियोजना को अनुमोदित किया गया। वैसे तो इसका निर्माण
तो 2010 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों से पहले ही पूरा करने का लक्ष्य
रखा गया था। पर पर्यावरण
मंजूरी न मिल पाने से यह परियोजना शुरू ही नहीं हो सकी। इसके बाद भी कई सालों तक इस
पुल का मामला अधर में लटका रहा।
आखिरकार 2011 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ,
और
इसकी समय सीमा दिसंबर 2013 तय की गई। निर्माण कार्य पूरा न हो पाने की वजह से
समापन तिथि को बाद में जून 2016 और फिर जुलाई 2017 तक आगे बढ़ा दिया गया। जुलाई 2017
में दिल्ली सरकार ने इस परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये जारी किए। फिर मार्च 2018
की एक नई समय सीमा तय की गई। इसे बाद में अप्रैल 2018 फिर अक्तूबर 2018 तक बढ़ा
दिया गया।
अब पिकनिक स्थल भी - दिल्ली
सरकार सिग्नेचर ब्रिज को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित कर रही है।
सिग्नेचर ब्रिज परियोजना के तहत तैयार किया जा रहा पिकनिक स्थल लोगों का नया आकर्षण होगा। साथ ही यहां पर सेल्फी प्वाइंट भी विकसित किया जा रहा है। इसमें लिफ्ट से ऊंचाई पर जाने का इंतजाम होगा। यहां से दिल्ली का विहंगम दृश्य दिखाई देगा।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य – vidyutp@gmail.com
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