दिल्ली आने वाले सैलानियों के लिए नया आकर्षण बन चुका है अक्षरधाम मंदिर। अब दिल्ली की टूरिस्ट बसें शाम को सैलानियों को यहां छोड़ देती हैं। वहीं दिल्ली के लोग भी यहां खूब पहुंचते हैं। कभी कभी तो शाम को इतनी भीड़ हो जाती है कि लोगों का प्रवेश रोकना पड़ता है। दुनिया में कई प्रमुख शहरों में स्वामीनारायण संप्रदाय द्वारा अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कराया गया है। पर इन सब मंदिरों में आकार में दिल्ली का मंदिर सबसे विशाल है।
लाल पत्थरों की विशाल परिक्रमा- मंदिर में राजस्थान से लाए हुए
लाल पत्थरों से बनी 3000 फीट
लंबी परिक्रमा गैलरी है। इसकी संरचना दो मंजिला है। इसमें 1,152
खंभे
और 145 खिड़कियां हैं।
यह परिक्रमा मंदिर के चारों तरफ एक सुंदर माला की तरह फैली हुई है। परिक्रमा में
चलते समय इन 108 गौमुख से पानी
की ध्वनि भी सुनाई पड़ती है।
दस दिशाओं में दस द्वार - अक्षरधाम मंदिर में 10
द्वार
बनाए गए हैं, जो वैदिक
साहित्य के अनुसार 10 दिशाओं
का प्रतीक हैं। ये द्वार दर्शाते हैं कि सभी दिशाओं से अच्छाई आती रहेगी। मंदिर का
यज्ञ कुंड है दुनिया में सबसे विशाल है। इसमें 108 छोटे
तीर्थ हैं। यह शानदार और भव्य मंदिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह हासिल
कर चुका है।
देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर - आकार में यह त्रिचुरापल्ली के श्रीरंगम मंदिर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। यह दिल्ली में यमुना नदी के तट पर बनाया गया है।
सुंदर म्यूजिकल फाउंटेन - मंदिर परिसर के अंदर नीलकंठ नाम
का एक थियेटर है, जहां
स्वामीनारायण की जिंदगी की घटनाएं दिखाई जाती हैं। यहां का म्यूजिकल फाउंटेन भी
बहुत खूबसूरत है। हर शाम यहां पर 15 मिनट
का शो चलता है। मंदिर में कई शो और गैलरियों को देखने के लिए टिकट का प्रावधान है।
ये टिकट महंगे भी हैं।
मंदिर परिसर में कैंटीन भी - मंदिर
परिसर में एक साफ सुथरी शाकाहारी कैंटीन भी है। पर यहां पर खाने पीने दरें बाजार
से भी ऊंची हैं। हालांकि मंदिर प्रशासन देसी घी में व्यंजन बनाने का दावा करता है।
कैंटीन का डायनिंग हॉल विशाल है।
मंदिर में प्रवेश – मंदिर के
प्रवेश द्वार पर विशाल पार्किंग बनी हुई है। पर मंदिर में प्रवेश के लिए सुरक्षा
कारणों से पर्स, मोबाइल, कैमरा, बेल्ट, जूते आदि जमा करने पड़ते हैं। आप सिर्फ जेब
में रुपये लेकर ही अंदर जा सकता है। मंदिर के आंतरिक हिस्सों में फोटोग्राफी भी
नहीं कर सकते हैं।
2005 में छह नवंबर इस विशाल अक्षरधाम मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।
11,000 कारीगरों और
हजारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के प्रयास से पांच वर्ष में इसका निर्माण पूरा किया
गया था।
100 एकड़ के दायरे में फैला हुआ है। इसमें 350 फीट
लंबे, 315 फीट चौड़े और 141
फीट
ऊंचे स्मारक बनाए गए हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( DELHI, SWAMI NARAYAN AKSHARDHAM TEMPLE )
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( DELHI, SWAMI NARAYAN AKSHARDHAM TEMPLE )
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