दिल्ली
मेट्रो, दिल्ली की शान है। यह दिल्ली की लोगों की जरूरत का हिस्सा बन चुकी है। सन 2002
में शुरू हुई मेट्रो रेल सेवा अब दिल्ली एनसीआर के लगभग हर हिस्से में लोगों को
पहुंचाती है। नोएडा, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे शहर मेट्रो
के कारण आपस में अच्छी तरह जुड़ चुके हैं। आजकल इसकी कुल लंबाई 389 किलोमीटर है। यानी 400 किलोमीटर के करीब।
कई साल से चल रहे प्रयास के बाद 24
दिसंबर 2002 को सपना साकार हुआ। पहली मेट्रो पूर्वी दिल्ली शहादरा के पास वेलकम से तीस हजारी के बीच चली। मुझे
2004 में पहली बार दिल्ली मेट्रो की सवारी करने का मौका मिला। जब मैं जालंधर से
दिल्ली किसी काम से आया था।
ई
श्रीधरन की बड़ा योगदान - दिल्ली मेट्रो के पहले पहले चेयरमैन ई श्रीधरन थे। वे
केरल के रहने वाले हैं। उनका दिल्ली मेट्रो से पहले कोंकण रेल के निर्माण का
पुराना अनुभव था। दिल्ली मेट्रो के सपने को साकार करने में उनक बड़ी भूमिका रही। साल
2011 तक श्रीधरन दिल्ली मेट्रो को अपनी सेवाएं देते रहे। बढ़ती उम्र के बाद जब वे
अलग हुए तो मंगू सिंह को अपना कार्यभार सौंपा। 25 साल दिल्ली मेट्रो को अपनी सेवाएं देेने के बाद श्रीधरन ने जब अपना रिटायरमेंट तय किया तो रहने के लिए वे अपने केरल के गांव में लौट गए।
ब्रॉडगेज
और स्टैंडर्ड गेज – जब दिल्ली मेट्रो का परिचालन शुरू किया जाना था तो इस पर काफी
समय तक कवायद चलती रही कि इसके लिए ब्राडगेज ( 1676 मिली मीटर) पटरियों का नेटवर्क
अपनाया जाए या फिर स्टैंडर्ड गेज ( 1435 मिली मीटर ) पर बाद में ब्रॉडगेज पर सहमति बनी। तो पहला
नेटवर्क ( रेड लाइन ) जो अब रिठाला से नया गाजियाबाद तक जाता है ब्रॉडगेज वाला है।
पर बाद
जो नए नेटवर्क बने वे स्टैंडर्ड गेज के अपनाए गए। कश्मीरी गेट से बल्लभगढ़ वाली
लाइन, बोटानिकल गार्डन से जनकपुरी
(मेजेंटा लाइन ) और पिंक लाइन ( रिंग रोड के साथ साथ चलने वाली) सभी स्टैंडर्ड गेज
की हैं।
मेट्रो
के बारे में और जाने – पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय में आर मेट्रो का संग्रहालय देख
सकते हैं। यहां पर आप मेट्रो के प्रगति की कहानी को समझ सकते हैं। पटेल चौक मेट्रो
स्टेशन पर सोवनियर शॉप भी है। यहां पर आप मेट्रो से जुड़ी कई चीजें जैसे कलम,
टोपी, मेट्रो का मिनिएचर माडल आदि खरीद सकते हैं।
कश्मीरी
गेट तीन मेट्रो का संगम – कश्मीरी गेट ऐसा मेट्रो स्टेशन है तो तीन मेट्रो लाइनों
का संगम है। यहां रेड लाइन, येलो लाइन और वायलेट लाइन का संगम है। यहां पर तीनों
मेट्रो नेटवर्क तीन अलग अलग तल पर हैं। रेड लाइन आसमान में है तो बाकी दो लाइनें
भूमिगत हैं।
दिल्ली
मेट्रो के मेजेंटा लाइन और पिंक लाइन के कोच पुराने मेट्रो के कोच से ज्यादा
आधुनिक हैं। इसमें डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम भी लगा हुआ है। सीटों की बनावट में भी
सुधार किया गया है। भले स्टैंडर्ड गेज की पटरियों की चौड़ाई कम हो पर इसके कोच की चौड़ाई अंदर से कम नहीं दिखाई देती। खास तौर पर मैजेंटा लाइन और पिंक लाइन में।
नई
दिल्ली से एयरपोर्ट तक जाने वाली एयरपोर्ट मेट्रो के कोच ज्यादा लग्जरी वाले हैं।
यह मेट्रो पहले निजी क्षेत्र में अनिल अंबानी की कंपनी चलाती थी। पर लगातार घाटे
में चलने के बाद दिल्ली मेट्रो ने इसका अधिग्रहण कर लिया। अब इसमें दिल्ली मेट्रो का यात्रा कार्ड मान्य रहता है। साथ ही कार्डधारियों को 10 फीसदी डिस्काउंट भी मिलता है। यह मेट्रो आपको सीधे एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 तक पहुंचाती है।
कुछ ऐसी है दिल्ली मेट्रो
12 लाइनें
आजकल संचालित हैं दिल्ली मेट्रो की ( एक्वा लाइन और रैपिड मेट्रो के साथ )
389 किलोमीटर है कुल लंबाई मेट्रो नेटवर्क की
285 मेट्रो स्टेशन हैं दिल्ली मेट्रो के
20
सेकेंड औसतन रुकती है मेट्रो एक स्टेशन पर
07 वां
सबसे बड़ा दुनिया का मेट्रो नेटवर्क है दिल्ली में
01
नंबर पर भारत के मेट्रो में दिल्ली मेट्रो
1995
में 3 मई को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन कंपनी का गठन हुआ
( आंकड़े 2019 के )
दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क -
रेड
लाइन – नया गाजियाबाद से रिठाला
येलो
लाइन – समयपुर बादली से हुडा सिटी सेंटर
ब्लू
लाइन – इलेक्ट्रानिक सिटी नोएडा से द्वारका, यमुना बैंक से वैशाली
ग्रीन
लाइन – बहादुरगढ से इंद्रलोक, अशोक पार्क से कीर्ति नगर
वायलेट
लाइन – कश्मीरी गेट से बल्लभगढ
पिंक
लाइन – शिव विहार से आनंद विहार होकर आजादपुर तक ( सबसे लंबी लाइन )
आरेंज
लाइन – नई दिल्ली से द्वारका सेक्टर 21 ( एयरपोर्ट मेट्रो)
मेजेंटा
लाइन – बोटानिकल गार्डन से जनकपुरी
एयरपोर्ट मेट्रो - नई दिल्ली से द्वारका के बीच
ग्रे लाइन - द्वारका से नजफगढ़
एक्वा लाइन - नोएडा से ग्रेटर नोएडा ( अलग कंपनी है )
रैपिड मेट्रो - गुरुग्राम में चलती है
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( DELHI METRO, GAZIABAD, NOIDA, VAISHALI, FARIDABAD, GURUGRAM, BAHADURGARH )
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