बड़ागांव के त्रिलोकतीर्थ धाम
में कुल 3770 जैन मूर्तियां स्थापित की गई है। मंदिर अपनी भव्यता में श्रद्धालुओं
को चकाचौंध कर देता है। पर बड़ागांव में त्रिलोकतीर्थ के अलावा कई और जैन मंदिर
श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं। बड़ागांव का दूसरा प्रमुख मंदिर है श्री
1008 भगवान आदिनाथ भगवान मनोज्ञ्य चैत्यालय। यह मंदिर त्रिलोकतीर्थ के पास ही
स्थित है।
हरे भरे खेतों का पास बने इस
मंदिर में दक्षिण भारत के श्रवणबेलगोला में स्थित बाहुबली की प्रतिमा की अनुकृति
भी निर्मित की गई है। मंदिर के छत पर बनी बाहुबली की यह प्रतिमा दूर से ही नजर आती
है। यह बाहुबली की मूल प्रतिमा से काफी मिलती जुलती है। जो श्रद्धालु कर्नाटक के
श्रवणबेलगोला नहीं जा सकते हैं। वे यहां पर आकर इस प्रतिमा की अनुकृति देख सकते
हैं।
साधुओं के निवास के बाद अंदर
जाने पर हरित परिसर में छोटा सा मंदिर स्थित है। इस मंदिर में आदिनाथ भगवान की
प्रतिमा है। दिगंबर जैन श्रद्धालुओं के बीच ये मंदिर भी काफी लोकप्रिय है। मंदिर
में साधुओं के लिए भोजनालय संचालित होता है। यहां रहने वालों के लिए जैन आचार
व्यवहार का पालन करना आवश्यक है। मंदिर के परिसर में दीवारों पर अच्छी अच्छी
प्रेरक सूक्तियां लिखी गई हैं।
इस मंदिर के साथ ही जैन
साधुवृति आश्रम भी बना हुआ है। इस आश्रम में जैन साधु और साध्वियां निवास करती
हैं। त्रिलोकतीर्थ के परिसर में गुरु समाधि मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इस
मंदिर के लिए देश भर के जैन श्रद्धालु दान दे रहे हैं। इन जैन मंदिरों के कारण
दिल्ली के पास का एक प्राचीन गांव आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है।
स्यादवाद जैन एकेडमी – त्रिलोक
तीर्थ के सामने ही बच्चों का स्कूल है। जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल में
स्थानीय बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कूल के आसपास छोटा सा बाजार है। यहां पर कुछ दुकाने
हैं जहां पर आप खाने पीने की कुछ चीजें और हैंडलूम के कपड़े आदि खरीद सकते हैं।
यहां कई दुकानों में पापड़ बड़ियां आदि मिलती हैं।
कैसे पहुंचे - दिल्ली से बड़ागांव जाने के लिए आपको वजीराबाद
रोड पर आना होगा। भोपुरा चौक से लोनी जाने वाली सड़क पर चलें। वहां से कोई पांच
किलोमीटर चलने के बाद बंथला से दाहिने मुड़ना है। फ्लाईओवर के नीचे से रास्ता जा
रहा है जिसे बंथला ढिकोली मार्ग कहते हैं। सड़क काफी अच्छे हाल में है। इस मार्ग
पर चिरोडी के बाद गाजियाबाद जिले की सीमा समाप्त हो जाती है।
बागपत जिले का पहला गांव आता है भगौट इसके बाद धौली प्याउ चौकी आती है। इसके बाद रटौल गांव को पार करने के बाद ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे को सड़क नीचे से पार करती है। यहीं पर एक बायीं तरफ का मोड़ आता है। इस मोड से बड़ागांव जैन मंदिर की दूरी दो किलोमीटर है। बड़ागांव की लोकेशन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से पूर्वी तरफ है। यह बागपत जिले के खेकड़ा शहर के भी काफी करीब है। बड़ागांव से खेकड़ा की दूरी पांच किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए खेकड़ा निकटतम रेलवे स्टेशन हो सकता है जिसकी दूरी कुल छह किलोमीटर है।
बागपत जिले का पहला गांव आता है भगौट इसके बाद धौली प्याउ चौकी आती है। इसके बाद रटौल गांव को पार करने के बाद ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे को सड़क नीचे से पार करती है। यहीं पर एक बायीं तरफ का मोड़ आता है। इस मोड से बड़ागांव जैन मंदिर की दूरी दो किलोमीटर है। बड़ागांव की लोकेशन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से पूर्वी तरफ है। यह बागपत जिले के खेकड़ा शहर के भी काफी करीब है। बड़ागांव से खेकड़ा की दूरी पांच किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए खेकड़ा निकटतम रेलवे स्टेशन हो सकता है जिसकी दूरी कुल छह किलोमीटर है।
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( BADAGAON, RAVAN, BAHUBALI SATUE , ADINATH JAIN TEMPLE )
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