पटनी
टॉप में नागदेवता का मंदिर स्थित है। इस मंदिर की आसपास के लोगों काफी मान्यता है इसलिए दूर दूर से आने वाले
सैलानी भी नाग मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। यह एक लोकदेवता हैं। हिमाचल
प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कई इलाकों मे लोकदेवताओं की परंपरा रही है। हिमाचल में
तो कई नाग मंदिर हैं। इसलिए पटनी टॉप का नाग मंदिर भी काफी पुराना है। बदलते समय
के अनुसार मंदिर के आसपास के इलाके का सौंदर्यीकरण कर दिया गया है।
नागपूजा
का परंपरा सनातन संस्कृति में हजारों साल पुराना है। तो स्थानीय लोग बताते हैं कि
ये मंदिर कई हजार साल पुराना है। मुख्य सड़क से सीढ़ियां उतरते हुए आप मंदिर परिसर
में पहुंच जाते हैं। छोटे से मंदिर में
नागदेवता की मूर्ति स्थापित है। श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा करते हैं और
अपनी भूल चुक के लिए माफी मांगते हैं। कहा जाता है कि नागदेवता लोगों को कई तरह के
संकट से उबारते हैं।
इस
मंदिर में पूजा करने के लिए न सिर्फ हिंदू धर्म को मानने वाले बल्कि स्थानीय मुस्लिम
समाज के लोग भी नाग देवता के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। स्थानीय लोगों का इस मंदिर के प्रति बहुत सम्मान है। यह मंदिर सुबह सूर्योदय से
शाम को सूर्यास्त तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
मंदिर
की तस्वीर हरगिज न लें – आप नाग देवता के मंदिर मेंपहुंचे हैं तो दर्शन पूजन करें
पर मंदिर की तस्वीरें हरगिज न लें। ऐसा करने के लिए स्थानीय लोग और पुजारी भी मना
करते हैं। कहा जाता है कि अगर आपने तस्वीरें ले ली तो आपके घर में कलह शुरू हो
जाएगा। इतना ही नहीं नाग देवता आपका पीछा करने लगते हैं। वे आपके घर में पहुंच
जाते हैं। कई लोगों ने ऐसा न मानते हुए तस्वीरें ले लीं। वे लोग बाद में परेशानी
में पडने पर लौटकर आते हैं। वे अपनी तस्वीरों का प्रिंट आउट लेकर आते हैं और मंदिर
के पुजारी के पास जमा करते हैं। नागदेवता से क्षमा मांगते हैं और लौटकर जाते हैं।
कैसे
पहुंचे - पटनी टॉप में नाग मंदिर अपर कारलाह इलाके में स्थित है। कसाल मोड से यह
दूरी चार किलोमीटर के करीब है। या तो निजी वाहन से या फिर पैदल चलकर यहां तक
पहुंचा जा सकता है। आम तौर पर शेयरिंग वाहन नहीं मिलते।
मंदिर
के पास बाजार - नाग देवता के मंदिर के पास एक छोटा सा बाजार है। इस बाजार में खाने
पीने की नास्ते की दुकाने हैं। यहां पर छोले कुलचे, कालारी आदि खा सकते हैं। मंदिर
के पास ही एक बच्चों का स्कूल भी है। जब हमलोग पहुंचे हैं तब स्कूल खुला हुआ है और
स्कूल में बच्चे अपनी पढ़ाई में लगे हुए हैं। यह सरकारी मिड्ल स्कूल है, जो यहां
1991 से संचालित है। स्कूल का भवन अच्छा बना हुआ है।
मंदिर के पास छोटा
सा स्कूल - नाग मंदिर के आसपास भी कुछ होटल बने हुए हैं। यहां पर रहने का फायदा है
कि आपको आसपास में एक छोटा सा बाजार मिलता है। पर पटनी टॉप में मुझे को बैंक एटीएम
दिखाई नहीं दिया। आप यहां पर पहुंचे तो अपने लिए पर्याप्त नकदी निकालकर ही आएं तो
अच्छा रहेगा।
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विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
वाह , हमेशा की तरह मन को मोहने वाली पोस्ट सर | ऐसा ही एक मंदिर मनाली में हमने भी देखा था वहाँ फोटोग्राफी की मनाही नहीं थी , लेकिन मान्यता है तो जरूर ही इसके पीछे कोई आस्था होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए | बहुत शानदार चल रही है श्रृंखला सर , जारी रहिये |
ReplyDeleteधन्यवाद भाई साहब
ReplyDeleteनाग मंदिर की रोचक जानकारी
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