दिल्ली
से सटे नोएडा में एक सुंदर दर्शनीय स्थल बन चुका है। यमुना नदी के किनारे बने
विशाल हरे भरे पार्क में बने इस स्थल का नाम है राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल। इस
पार्क के साथ विशाल हरित उद्यान का निर्माण कराया गया है। हरे भरे पेड़ों के संग टहलना यहां बड़ा सुखकर लगता है।
33 एकड़ में फैला विशाल पार्क - दलित प्रेरणा स्थल का उदघाटन 2011 में 14 अक्तूबर को
उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारी मायावती ने किया था। यह 33 एकड़ जमीन
पर फैला हुआ है। पार्क के निर्माण में 685 करोड़ रुपये का खर्च आया था। इस विशाल
पार्क में देश के ऐसे महापुरुषों की विशाल मूर्तियां लगाई गई हैं जिन्होंने दलित
और पिछड़े समाज के जीवन में प्रकाश लाने के लिए अपने जीवन में बड़े और प्रेरक
कार्य किए। इनमें कई ऐसे लोग हैं जिनकी मुख्य धारा में चर्चा भी नहीं होती।
महापुरुषों की मूर्तियां- दलित प्रेरणा
स्थल में आप संत शिरोमणि रविदास, गौतम बुद्ध, संत कबीर, डाक्टर भीमराव आंबेडकर, कांशीराम,
मायावती, छत्रपति शाहूजी महाराज, बिरसा मुंडा, ईवी रामास्वामी पेरियार, महात्मा ज्योतिबा
फूले और श्रीनारायण गुरु की विशाल प्रतिमाएं देख सकते हैं। हालांकि इसमें कुमारी
मायावती प्रतिमा लगाए जाने को लेकर विवाद हुआ था, क्योंकि अभी वे जीवित हैं। पर इस
विवाद को छोड़ दें तो यह पार्क काफी विशाल और भव्य बना है। दिल्ली एनसीआर में रहने
वालों के लिए ये पार्क के अनुपम देन है। क्योंकि भीड़ भाड़ से भरी, भागती दिल्ली
के बीच आपको ये विशाल पार्क ऐसा हरा भरा स्थल प्रदान करता है जहां पर आप प्रदूषण
मुक्त वातावरण में वक्त गुजार सकते हैं।
पार्क
में जो प्रतिमाएं लगी हैं उनमें श्रीनारायण गुरु का संबध केरल से है। वे एकमात्र
दक्षिण भारतीय संत हैं जिसकी प्रतिमा पार्क में लगी है। यहां पर इन महान संतों के
बीच तमिल संत तिरुवल्लुर की प्रतिमा की कमी जरूर खलती है। महाराष्ट्र के संत
नामदेव और बाबा गदगे की प्रतिमा भी यहां होती तो बेहतर होता। इन प्रतिमाओं के साथ
उनके योगदान की भी जानकारी संक्षेप में संगमरर पट्टिका पर अंकित कराई जानी चाहिए।
स्वागत में खड़े 24 हाथी - पार्क में प्रवेश करने पर 24 हाथियों की विशाल
प्रतिमा दिखाई देती है। सूंड उठाए ये हाथी स्वागत की मुद्रा में हैं। उनकी ऊंचाई
18 फीट है। साल 2102 के उत्तर प्रदेश चुनाव में इन हाथियों की प्रतिमा को लेकर भी
विवाद हुआ था। तब थोड़े समय के लिए इन प्रतिमाओं पर पर्दा कर दिया गया था।
विशाल हरित उद्यान – पार्क में टहलने के लिए काफी लंबा वॉकिंग ट्रैक बना
हुआ है। अगर आप पूरा पार्क घूमना चाहते हैं तो आपके पास दो घंटे से ज्यादा का वक्त
होना चाहिए। ट्रैक के साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है। कई जगह तो ऐसे
ट्रैक हैं जहां आपको प्रतीत होता है कि मानो आप किसी सघन वन से गुजर रहे हों।
दिल्ली में इस तरह की अनुभूति बहुत कम जगह पर मिलती है।
कैसे पहुंचे - ये पार्क दिल्ली से नोएडा जाने पर डीएनडी फ्लाईओवर के
ठीक बाद दाहिनी तरफ स्थित है। पार्क के एक तरफ यमुना नदी बहती है। पार्क की सीमा
आगे ओखला बर्ड सेंक्चुरी से जाकर जुड़ जाती है। दलित प्रेरणा स्थल नोएडा के फिल्म
सिटी के पास स्थित है। पार्क में कई प्रवेश द्वार हैं। पर आम जन को प्रवेश गेट
नंबर पांच से मिलता है। गेट पास पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
प्रवेश के लिए टिकट - आजकल इसमें प्रवेश के लिए 15 रुपये प्रति व्यक्ति
का टिकट लिया जाता है। औसतन हर रोज एक हजार लोग इस पार्क में टिकट लेकर घूमने आते
हैं। आंबेदकर जयंती के दिन दर्शकों की संख्या बढ़ जाती है।
खुलने का समय – गर्मियों में सुबह 11 से 6 बजे तक और सर्दियों में
पार्क 11 से 5 बजे तक खुला रहता है। हर सोमवार को पार्क बंद रहता है। इसका प्रबंधन
उत्तर प्रदेश का उद्यान विभाग देखता है।
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(
RASHTRIA DALIT PRERNA STHAL )
वाह क्या बात है
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteInformative
ReplyDeleteधन्यवाद
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