सानासर लेक से हमलोग वापसी की राह पर चल पड़े हैं। वापसी में वही नत्था टॉप वाला रास्ता है। पटनी टॉप से आगे बढ़ने पर एक बार फिर हमारे चालक बिट्टू शर्मा जी के बेटे का होटल आया। वहां रुक कर उन्होंने बेटे का हाल चाल लिया और आगे चल पड़े। हमलोग वापसी में पहाड़ से मक्की का आटा खरीदना चाहते थे पर रास्ते में कोई चक्की खुली हुई नहीं मिली तो आटा नहीं ले सके। चेनानी के बाद एक फिर हमलोग समरोली में उसी तवी व्यू होटल में शाम के नास्ते के लिए रुक गए। इस बार हमने कलारी आर्डर किया। अब बात कलारी की...
जम्मू
क्षेत्र का खास व्यंजन है कलारी। कलारी का स्वाद दिन में पटनी टॉप के पास नाग
मंदिर के पास भी हम ले चुके थे। दूर से देखने में यहां यह ब्रेड ऑमलेट जैसी नजर
आती है। पर यह खालिस दूध से बनने वाला व्यंजन है।
तो आइए और जानते हैं कलारी के
बारे में। कलारी बनाने के लिए दूध से निकाले गए मावा (खोया) को छोटी छोटी पूड़ियों
के आकार का गढ़ लिया जाता है। फिर से दो से तीन दिनों तक सुखाया जाता है। इस सूखी
हुई कलारी को को दुकानदार आर्डर मिलने पर तवे पर गर्म करते हैं।
इसे ब्रेड की तरह
काट दिया जाता है। इसके उपर नमकीन मसाले का छिड़काव किया जाता है। इस कलारी को
धनिया पुदीना की चटनी के साथ खाया जाता है। जाते समय एक परिवार को जब मैंने कलारी
खाते हुए देखा तो मुझे लगा कि वे ब्रेड आमलेट खा रहे हैं। पर बाद में मुझे इसकी
असलियत पता चली।
फिर हमने सुबह में नाग मंदिर के पास एक दुकान में कलारी का स्वाद लिया। यह इतनी भा गई हमें कि वापसी शाम को तवी व्यू होटल में एक बार फिर कलारी आर्डर किया।

फिर हमने सुबह में नाग मंदिर के पास एक दुकान में कलारी का स्वाद लिया। यह इतनी भा गई हमें कि वापसी शाम को तवी व्यू होटल में एक बार फिर कलारी आर्डर किया।

हाजी मुसलिम स्वीट शॉप - वैसे तो जम्मू क्षेत्र हिंदू
बहुल इलाका है। पर इस मार्ग पर कई मुस्लिम भाइयों की मिठाई की भी दुकानें हैं।
मुझे रास्ते में पाकीजा स्वीट्स, जायका स्वीट्स, हाजी मुस्लिम स्वीट शॉप जैसी कई मिठाई की दुकानें दिखाई दे रही हैं जिसे
मुस्लिम भाई लोग चलाते हैं।
अंधेरा होने लगा है। हमलोग
ऊधमपुर से श्रीनगर मार्ग पर बढ़ रहे हैं। अब ये सड़क फोर लेन हो गई। रास्ते में एक
सुरंग आई। थोड़ी देर में हमलोग जम्मू शहर की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। रात को
हमें जाकर जिस होटल में रुकना है उसका नाम रघुनाथ होटल है। यह होटल रघुनाथ मंदिर
के ही पास है।
हमने चालक महोदय की होटल के मैनेजर से बात करा दी ताकि वे हमें होटल तक सुगमता से छोड सकें। मंदिर के पास होटल गली में है। होटल का एक स्टाफ सड़क पर आया और उसने हमारा सामान होटल तक पहुंचाने में मदद की। रघुनाथ होटल भले ही गली में है पर उसका रिसेप्शन साफ सुथरा और आकर्षक है। हमें जो कमरा आवंटित किया गया वह भी करीने से सजा हुआ है। यहां पर कमरे में तेज वाईफाई उपलब्ध है।
हमने चालक महोदय की होटल के मैनेजर से बात करा दी ताकि वे हमें होटल तक सुगमता से छोड सकें। मंदिर के पास होटल गली में है। होटल का एक स्टाफ सड़क पर आया और उसने हमारा सामान होटल तक पहुंचाने में मदद की। रघुनाथ होटल भले ही गली में है पर उसका रिसेप्शन साफ सुथरा और आकर्षक है। हमें जो कमरा आवंटित किया गया वह भी करीने से सजा हुआ है। यहां पर कमरे में तेज वाईफाई उपलब्ध है।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य – vidyutp@gmail.com
मौर्य जी नमस्कार, सर जम्मू में हमेशा पिछले २० साल से हम इसी होटल में रुकते हैं. पहले थोडा सिंपल था पर अब तो शानदार बना लिया हैं.
ReplyDeleteअच्छा जी
ReplyDeleteलज़ीज़ पोस्ट
ReplyDeleteधन्यवाद सर
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