त्रियुगी नारायण से दर्शन के
बाद वापस लौटते समय में सोन प्रयाग शहर का सुंदर नजारा दिखाई देता है। त्रियुगी
नारायण ऊंचाई पर है सोन प्रयाग नीचे। नीचे की ओर देखते हुए शहर बड़ा ही सुंदर लगता
है। अब त्रियुगी नारायण के दर्शन के बाद हमारी कोशिश है आज शाम तक चोपता पहुंच
जाने की। दोपहर के तीन बज चुके हैं। हमने दोपहर का भोजन नहीं लिया है।
हमने सोन प्रयाग में भोजन करने
की सोची पर साथी अमित ने कहा, भोजन
करेंगे तो देर हो जाएगी। तो हमलोगों ने सोन प्रयाग से गुप्त काशी की शेयरिंग
टैक्सी में जगह ले ली है। ज्यादा इंतजार भी नहीं करना पड़ा। टैक्सी सवारी भरने पर
तुरंत ही चल पड़ी। इसमें हमें पीछे वाली सीट मिली है।
टैक्सी में हमारे सामने एक महिला बैठी हैं जो अपनी पति के साथ पहाडों पर घूमती रहती हैं। उन्होंने हमें चोपता के बारे में ढेर सारी जानकारियां दीं। पहाड़ों पर ट्रैकिंग के और भी कई किस्से सुनाए। वह महिला बिना थके लगातार बोलती रही। मैं सुनता रहा। मेरी जानकारी बढ़ रही थी। बाद में अमित ने कहा, मुझे पहली बार ऐसी महिला मिली जिसके सामने आप चुप रहे और वह लगातार बोले जा रही थी। सही बात, मैं चुप था क्योंकि उसकी बातों से कई नई जानकारियां मिल रही थीं। सड़क अच्छी नहीं होने के कारण दो घंटे में 27 किलोमीटर का सफर तय करके शाम पांच बजे हमलोग गुप्त काशी के बाजार में पहुंच सके हैं।
टैक्सी में हमारे सामने एक महिला बैठी हैं जो अपनी पति के साथ पहाडों पर घूमती रहती हैं। उन्होंने हमें चोपता के बारे में ढेर सारी जानकारियां दीं। पहाड़ों पर ट्रैकिंग के और भी कई किस्से सुनाए। वह महिला बिना थके लगातार बोलती रही। मैं सुनता रहा। मेरी जानकारी बढ़ रही थी। बाद में अमित ने कहा, मुझे पहली बार ऐसी महिला मिली जिसके सामने आप चुप रहे और वह लगातार बोले जा रही थी। सही बात, मैं चुप था क्योंकि उसकी बातों से कई नई जानकारियां मिल रही थीं। सड़क अच्छी नहीं होने के कारण दो घंटे में 27 किलोमीटर का सफर तय करके शाम पांच बजे हमलोग गुप्त काशी के बाजार में पहुंच सके हैं।
पर गुप्त काशी टैक्सी स्टैंड
में पूछने पर पता चला कि उखी मठ के लिए कोई शेयरिंग टैक्सी उपलब्ध नहीं है। रिजर्व
करके जाना होगा। इस 12 किलोमीटर
की यात्रा के लिए टैक्सी वाले ने 800 रुपये
मांगे। हमने पूछा अगर सीधे चोपता छोड़ दो तब कितना लोगे। टैक्सी वाले ने कहा दो
हजार रुपये। गुप्त काशी से चोपता की दूरी 42 किलोमीटर
है। हमने तय किया की सीधे चोपता ही चलते हैं। शाम के पांच से ज्यादा बज गए हैं।
हमें भूख लग रही है। तो फटापट सामने की मिठाई की दुकान से कुछ मिठाइयां बिस्कुट
आदि खरीदे और हमलोग टैक्सी में बैठ गए। गुप्त काशी से सात किलोमीटर आगे कुंड में
मंदाकिनी नदी का पुल पार करने के बाद टैक्सी उखी मठ की तरफ बढ़ चली। कोई पांच
किलोमीटर बाद उखी मठ आ गया।
पर हमलोग उखी मठ बाजार में नहीं
गए। चोपता जाने वाली सड़क बाहर से ही निकल जाती है। आगे का रास्ता बड़ा मनोरम है।
एक तरफ ऊंचे पहाड़ दूसरी तरफ गहरी खाई।
देवरिया ताल -
उखी मठ के पास ही देवरिया ताल आता है। कहा जाता है यहीं पर यक्ष ने युधिष्ठिर से
प्रश्न पूछे थे। काफी लोग ट्रेकिंग करके देवरिया ताल तक जाते हैं। उखी मठ से चोपता
जाने के मार्ग में सारी गांव
से देवरिया ताल के लिए रास्ता बदलता है। टैक्सी ड्राईवर ने हमें चलते हुए वह मार्ग
दिखाया।
हमारी जीप उखी मठ से आगे बढ़
रही है। जिस टैक्सी से हम जा रहे हैं उसके चालक महोदय का नाम मनोज शुक्ला ( 96345-02811
) है। वे मूल रूप से जिला गाजियाबाद वाले हैं।
पर उनका परिवार कई पीढ़ियों पहले गुप्त काशी में आकर बस गया था। शाम गहरा रही है।
सड़क के दूसरी तरफ गहरी घाटियां और उसके उस पार सीढ़ीदार खेत नजर आ रहे हैं। यह
रास्ता गोपेश्वर होता हुआ चमोली चला जाता है। पूरा रास्ता वन क्षेत्र है। इसमें
रात में सड़कों पर लेपर्ड और गुलदार जैसे जानवर आ जाते हैं।
चोपता से पहले रास्ते में कुछ
होटल, गेस्ट हाउस और
तंबू वाले कैंप दिखाई देने लगे हैं। हमारे चोपता पहुंचने तक अंधेरा होने लगा है।
टैक्सी वाले मनोज शुक्ला हमें चोपता में राजकमल होटल के आगे ले जाकर रोक देते हैं।
सड़क एक तरफ रेस्टोरेंट है तो दूसरी तरफ उनका गेस्ट हाउस। हम कमरा देखते हैं। एक
कमरा 600 रुपये का है।
कमरा हमें पसंद आ जाता है। तो कमरे में सामान जमा देने के बाद हमलोग राजकमल होटल
में भोजन करके जल्दी सोने की कोशिश में लग जाते हैं।
चोपता के राजकमल होटल में - वैसे चोपता में राजकमल होटल के
आसपास चार पांच खाने पीने के होटल हैं। इतने ही गेस्ट हाउस भी आसपास में दिखाई दे रहे हैं। पर हमें इन सबके बीच राजकमल होटल अच्छा लगा। राजकमल होटल के प्रोपराइटर संदीप हैं उनका फोन नंबर -94105 08903 है। वे अच्छे गाइड भी हैं। वे आपकी तमाम समस्याओं का समाधान पेश करने के लिए तैयार रहते हैं। बाकी बातें कल सुबह करेंगे।
सुंदर ,अति सुंदर।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteअच्छा यात्रा वृत्तांत !!!
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteअति सुंदर---
ReplyDeleteधन्यवाद संगीता जी
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