नेपाल के भैरहवा शहर की
मुख्य सड़के चौड़ी हैं। दोनों तरफ सर्विस रोड भी बने हैं। यहां पर ठहरने के लिए
सस्ते से लेकर पांच सितारा तक होटल हैं। यहां कुछ होटलों में कैसीनो भी संचालित
होता है। किसी जमाने में भारत के लोग भैरहवा में खरीददारी करने आया करते थे। जैसे
बिहार से रक्सौल सीमा पार कर लोग बीरगंज पहुंचते हैं उसी तरह यूपी में सोनौली
बार्डर पार कर लोग भैरहवा पहुंचते हैं। अब मुक्त बाजार में भैरहवा शापिंग का कोई आकर्षण नहीं है।
लुंबिनी से आई बस मुझे भैरहवा के मुख्य बस स्टैंड में लाकर उतार देती है। बस स्टैंड काफी बड़ा और व्यवस्थित बना हुआ है। यहां भी हल्की बारिश जारी है। लोगों ने बताया कि सोनौली बार्डर जाने के लिए यहां से आपको एक और बस लेनी पड़ेगी। नेपाल में सीमा पर बेलहिया बाजार है। यह भैरहवा बस स्टैंड से तीन किलोमीटर आगे है। मुझे एक मिनी बस मिल गई जिसने बेलहिया बार्डर पर छोड़ दिया।
लुंबिनी से आई बस मुझे भैरहवा के मुख्य बस स्टैंड में लाकर उतार देती है। बस स्टैंड काफी बड़ा और व्यवस्थित बना हुआ है। यहां भी हल्की बारिश जारी है। लोगों ने बताया कि सोनौली बार्डर जाने के लिए यहां से आपको एक और बस लेनी पड़ेगी। नेपाल में सीमा पर बेलहिया बाजार है। यह भैरहवा बस स्टैंड से तीन किलोमीटर आगे है। मुझे एक मिनी बस मिल गई जिसने बेलहिया बार्डर पर छोड़ दिया।
अभी मैंने भारत भूमि में प्रवेश नहीं किया है पर कुछ टैक्सी
के एजेंट यहां पर आकर गोरखपुर के लिए सवारी तलाश रहे हैं। एजेंट ने कहा बस से एक
घंटे जल्दी गोरखपुर पहुंचा दूंगा। सबसे 300 किराया लिया है। आपसे 250 रुपये ही ले
लूंगा, चलिए ना। तो मैं उनके चक्कर में पड़ गया। भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी के
जवान तैनात हैं। उन्होने मेरा बैग चेक किया। फिर मैं भारत भूमि में प्रवेश कर गया।
यहां भी भारत नेपाल सीमा के बीच कोई नो मेंस लैंड नहीं है। दोनों तरफ आखिरी छोर तक
दुकानें हैं। एक कदम उधर से उधर रखने पर देश बदल जाता है। घड़ी की सूइ का समय बदल
जाता है।
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नेपाल यात्रा के बाद एक बार फिर भारत भूमि पर। |
मैं सोनौली में आल्टो कार की
आगे वाली सीट पर बैठ गया हूं। कार सरपट दौड़ पड़ी है गोरखपुर की ओर। सोनौली से
पांच किलोमीटर आगे नौतनवा बाजार आता है। गोरखपुर से नौतनवा तक रेलवे लाइन है। आप
पैसेंजर ट्रेन से सस्ते में गोरखपुर से नौतनवा पहुंच सकते हैं। ट्रेन तीन घंटे में
पहुंचती गोरखपुर से नौतनवा। बस भी तीन से चार घंटे लगा देती है। सोनौली से गोरखपुर
की दूरी कोई 120 किलोमीटर है।
टैक्सी वाले ने बताया कि मैं दो घंटे में पहुंचा दूंगा। फरेंदा से पहले टैक्सी वाले ने एक छोटे से रेस्टोरेंट में नास्ते लिए रोका। मैंने यहां पर पूड़ी, सब्जी और जलेबी नास्ते में लिया। खालिस पूर्वांचली नास्ता। तीस रुपये का नास्ता। दिल खुश हो गया। हमलोग उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से गुजर रहे हैं। सोनौली भी इसी जिले में आता है। इसके बाद अगला शहर आया फरेंदा। फरेंदा में रेलवे स्टेशन है उसका नाम आनंद नगर है। इसके बाद अगले शहर आए कैंपियर गंज फिर पीबी गंज।
इसके बाद गोरखपुर शहर की बाहरी सीमा शुरू हो चुकी है। मानीराम रेलवे स्टेशन गोरखपुर शहर का हिस्सा बन चुका है। राप्ती नदी का पुल पार करने के बाद फर्टिलाइजर का इलाका आ गया है। गोरखपुर में कभी एनएफएल का खाद कारखाना हुआ करता था जो अब बंद हो गया है। हम शहर की संकरी सड़क से गुजर रहे हैं। इसी संकरी सड़क पर गोरखनाथ मंदिर और गोरक्षपीठ स्थित है। धर्मशाला बाजार के बाद हम रेलवे स्टेशन के करीब पहुंच गए हैं। मैं टैक्सी वाले से आग्रह कर रेलवे स्टेशन से पहले रेलवे आरक्षण कार्यालय के पास उतर गया।
टैक्सी वाले ने बताया कि मैं दो घंटे में पहुंचा दूंगा। फरेंदा से पहले टैक्सी वाले ने एक छोटे से रेस्टोरेंट में नास्ते लिए रोका। मैंने यहां पर पूड़ी, सब्जी और जलेबी नास्ते में लिया। खालिस पूर्वांचली नास्ता। तीस रुपये का नास्ता। दिल खुश हो गया। हमलोग उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से गुजर रहे हैं। सोनौली भी इसी जिले में आता है। इसके बाद अगला शहर आया फरेंदा। फरेंदा में रेलवे स्टेशन है उसका नाम आनंद नगर है। इसके बाद अगले शहर आए कैंपियर गंज फिर पीबी गंज।
इसके बाद गोरखपुर शहर की बाहरी सीमा शुरू हो चुकी है। मानीराम रेलवे स्टेशन गोरखपुर शहर का हिस्सा बन चुका है। राप्ती नदी का पुल पार करने के बाद फर्टिलाइजर का इलाका आ गया है। गोरखपुर में कभी एनएफएल का खाद कारखाना हुआ करता था जो अब बंद हो गया है। हम शहर की संकरी सड़क से गुजर रहे हैं। इसी संकरी सड़क पर गोरखनाथ मंदिर और गोरक्षपीठ स्थित है। धर्मशाला बाजार के बाद हम रेलवे स्टेशन के करीब पहुंच गए हैं। मैं टैक्सी वाले से आग्रह कर रेलवे स्टेशन से पहले रेलवे आरक्षण कार्यालय के पास उतर गया।
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(BHAIRAHWA,
NEPAL, AIRPORT, BUDDHA, SONAULI, NAUTANWA, FARENDA, ANANDNAGR, CAMPIERGANJ,
PP GANJ, GORAKHAPUR )
बढ़िया रही आपकी यह यात्रा सर... अच्छे से घुमाया आपने
ReplyDeleteयात्रा अभी जारी है। आगे कुशीनगर फिर गोपालगंज होते हुए पटना।
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