देश भर में गणपति के प्रसिद्ध
मंदिरों में से एक है सीहोर का चिंतामण गणेश मंदिर। कहते हैं यहां के गणेश जी
जल्दी सुनते हैं। आपकी चिंता दूर करते हैं और मुरादें पूरी करते हैं। देश के बड़े
बड़े उद्योगपति और राजनेता यहां गणेश जी के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने आते
हैं। मंदिर सीहोर शहर से तीन किलोमीटर बाहर हरे भरे क्षेत्र में स्थित है।

सीहोर के गणपति के
बारे में कहा जाता है कि भगवान गणपति आज भी यहां साक्षात मूर्ति रूप में निवास
करते हैं। यह भी कहा जाता है कि बप्पा को यहां सच्चे मन से पूजने पर वे कभी भी
अपने भक्तों को खाली हाथ नहीं जाने देते। इसी वजह से गणेश उत्सव के बाद भी यहां
सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है।
माना जाता है कि इस मंदिर की
स्थापना विक्रमादित्य ने की थी लेकिन इसकी मूर्ति उन्हें स्वयं गणपति ने दी थी। प्रचलित
कहानी के अनुसार महाराजा
विक्रमादित्य को गणपति की यह मूर्ति स्वयं गणेश जी ने ही दी थी। कहा जाता है कि
विक्रमादित्य के पूजन से प्रसन्न होकर भगवान गणपति ने उन्हें दर्शन दिए और मूर्ति
रूप में स्वयं ही यहां स्थापित हो गए और सदैव ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने का
आशीर्वाद दिया।
स्थानीय लोग बताते
हैं कि जब भी महाराजा विक्रमादित्य संकट में होते थे या उन्हें कोई चिंता परेशान
करती तो वे गणपति बप्पा की शरण में यहां आया करते थे। इसके बाद उन्हें अपनी समस्या
का समाधान मिलने में ज्यादा देर नहीं लगती थी। ऐसी मान्यता के चलते भी लोग यहां अपनी
समस्याओं को लेकर आते हैं। वे बप्पा से अपनी चिंता दूर करने की मन्नत मांगते हैं।
गणेश चतुर्थी पर विशाल मेला - ऐसा भी बताया जाता
है कि गणपति की आंखें किसी जमाने में हीरे की हुआ थीं किंतु बाद में इन्हें चोरों
ने चुरा लिया। यहां हर साल गणेश
उत्सव के दौरान देशी और विदेशी भक्तों की भीड़ उमड़ती है। गणेश चतुर्थी से दस दिनों
तक यहां विशाल मेला लगा रहता है। तब मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।
चिंतामण गणेश मंदिर
दर्शन के लिए सुबह सूर्योदय से रात्रि नौ बजे तक खुला रहता है। मंदिर के आसपास कई
प्रसाद की दुकानें हैं। प्रसाद के रुप में गणपति को मोदक चढ़ाया जाता है। यहां
दुकानदार विशाल आकार के मोदक प्रसाद में बनाते हैं। यहां रहने के लिए धर्मशाला बनी
है। आप सीहोर शहर में रुक कर भी दर्शन के लिए यहां पहुंच सकते हैं। भाजपा की सांसद
रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सीहोर के चिंतामण गणेश मंदिर में दर्शन के लिए
अक्सर आती हैं।
गणपति की चार
स्वयंभू प्रतिमाएं - चिंतामण गणेश की चार प्रतिमाएं देशभर में मौजूद मानी जाती हैं।
एक सवाई माधोपुर राजस्थान के रणथंभौर में, दूसरी उज्जैन में, तीसरी गुजरात के सिद्धपुर में और चौथी सीहोर में
स्थित है।
कैसे पहुंचे –
सीहोर के चिंतामण गणेश मंदिर तक सीहोर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से रिक्शा आदि
वाहनों से पहुंच सकते हैं। बस स्टैंड से मंदिर की दूरी तीन किलोमीटर है। वहीं
भोपाल से सीहोर की दूरी 35 किलोमीटर है।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( CHINTAMAN GANESH MANIDR, SIHORE, MP )
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