
कई बार महानगरों की तुलना में मध्यम आबादी वाले शहर कुछ नई चीजें शुरू करते हैं जो खूब सफल हो जाती हैं। जैसे भोपाल शहर में सिटी बसों में टिकट बुकिंग के लिए मोबाइल एप शुरू किया गया है। युवा पीढ़ी के लोग इस एप का इस्तेमाल खूब कर रहे हैं। आप गूगल के प्ले स्टोर से चलो नामक एप डाउन लोड कर सकते हैं। यह एप सिर्फ बस टिकट बुकिंग ही नहीं करता है बल्कि हर रुट पर आने जाने वाली बसों की ट्रैकिंग भी करता है। अभी दिल्ली मुंबई में इस तरह का एप विकसित नहीं किया जा सका है।
भोपाल में जेएनआरयूएम के तहत जो
भी नई सिटी बसें आई हैं वे सभी बसें जीपीएस से युक्त हैं। इन बसों का टिकट चलो एक
के माध्यम से बुक किया जा सकता है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने वालों को किराये में
रियायत भी मिलती है। भोपाल में इंजीनयरिंग की पढ़ाई कर रहे एक युवा बताते हैं कि
मैं हमेशा एप से ही टिकट बुक करता हूं। साथ ही मैं अपने रूट पर आने वाली बस की
लोकेशन भी देखता रहता हूं। यह एप एंड्राएड मोबाइल इस्तेमाल करने वालों के लिए
वरदान बनकर आया है। वैसे भोपाल में प्राइवेट सिटी बसें भी चलती हैं। ये मिनी बसें
हैं पर इसके किराये का कोई हिसाब किताब नहीं है। कंडक्टर नए और अनजान लोगों से
अनापसनाप किराया ले लेते हैं। ऐसी निजी बसों से थोड़ा सावधान रहिएगा। इनकी तुलना
में सरकारी बसों का किराया वाजिब है और वे समय सारणी से चलती हैं।
किराए की साइकिल से भरें
फर्राटा – कुछ और महानगरों की तर्ज पर
भोपाल में भी साइकिल रेंटल की शुरुआत की गई है। इसके लिए जगह जगह साइकिल स्टैंड
बनाए गए हैं। बढ़ते प्रदूषण से मुकाबले लिए भोपाल में साइकिल रेंटल की शुरुआत की
गई है। इसका किराया हर आधे घंटे के लिए 5 रुपये है। यानी 10 रुपये घंटा। इसका नाम
दिया गया है चार्टर्ड बाइक। ऐसे बाइक रेंट करने के लिए जगह जगह बाइक स्टेशन बनाए
गए हैं। किराये पर दी जाने वाली ये साइकिलें जीपीएस युक्त हैं। यानी आपकी निगरानी
होती रहती है।
विदेशी कंपनी पब्लिक बाइक
शेयरिंग (पीबीएस) की सहायता से ये सेवा शहर में शुरू की गई है। साइकिलें जर्मनी की
बनी हुई हैं। इसमें बिजली के लिए डायनेमो समेत स्मार्ट साइक्लिंग वाली सुविधाएं
मौजूद हैं। कंपनी ने शुरूआत में 500 साइकिल
की खेप भोपाल लांच की है। नगर में कुल 50 साइकिल स्टैंड बनाए
गए हैं। हालांकि भोपाल ऊंचा-नीचा शहर है इसलिए यहां साइकिल लोगों की पसंद नहीं बन
पा रही है। फिर भी पर्यावरण बचाने के लिए इस तरह की कोशिश जरूरी है। साइकिल रेंटल
की ऐसी स्कीम मैसूर, पुणे जैसे शहरों मे सफलतापूर्वक चल रही है। दिल्ली में भी
साइकिल रेंटल लोकप्रिय नहीं है।
भोपाल में साइकिल किराये पर
लेने के लिए पहले आपको एक स्मार्ट कार्ड 50 रुपये में खरीदना पड़ता है। इसके बाद
आप इस कार्ड को रिचार्ज कर सकते हैं। साइकिल का किराया इसी कार्ड में से काट लिया
जाता है। साइकिल किसी भी स्टैंड से लेने के बाद नजदीक के किसी भी दूसरे स्टैंड पर
जमा कर सकते हैं।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( BHOPAL CITY BUS SERVICE, CYCLE ON RENT )
( BHOPAL CITY BUS SERVICE, CYCLE ON RENT )
Nice information
ReplyDeleteThanks
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