अलीबाग में हमारी बस से काफी लोग उतर गए हैं। तो बस खाली खाली लग रही है। अलीबाग डिपो में बस ने ईंधन लिया। हमने भी आसपास से थोड़े
फल खरीदे। वैसे आपको पता है अलीबाग को महाराष्ट्र का गोवा कहते हैं। अलीबाग रायगढ़ जिले के कोंकण क्षेत्र में स्थित महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर बसा एक छोटा सा शहर है।
आम और नारियल के बाग - सत्रहवीं शताब्दी में इस जगह का
शिवाजी महाराज के काल में काफी विकास हुआ। सन 1852 में इसे 'तालुका' घोषित किया गया। तीन तरफ से पानी से
घिरे होने के कारण अलीबाग में बहुत सारे सुंदर तट हैं। सन 2011 में अलीबाग शहर की
जनसंख्या 20 हजार से ज्यादा थी। तो यहां अली नामक एक इजरायली आकर बस गया था। उसके
विशाल आम और नारियल के बाग थे। उसी के नाम पर इस जगह को लोग अलीबाग कहने लगे।
मुंबई से काफी संख्या में लोग अलीबाग घूमने आते हैं।
कई अमीर लोगों ने अलीबाग के
आसपास रिसार्ट भी बनाए हैं। इसी अलीबाग में हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने अपना 100
करोड़ का बंगला बनाया था जिसे अवैध पाए जाने पर ध्वस्त किया गया। अलीबाग में
सैलानियों को आकर्षित करने के लिए उत्सवों का भी आयोजन होता रहता है। अलीबाग पहुंचने
के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन पेण (PEN) है।
अब अलीबाग से हमारी बस आगे के
सफर पर चल पड़ी है। एक तरफ समंदर और दूसरी तरफ सड़क। अलीबाग से मुरुड की सड़क
ज्यादा चौड़ी नहीं है पर रास्ता हरा भरा है। सीधी सपाट सड़क नहीं है। रास्ते में
काफी तीखे मोड़ हैं। इसलिए बस 45 किलोमीटर का सफर दो घंटे में तय करती है।
अलीबाग से थोड़ी दूरी तय करने
पर चौल नामक गांव आया। इसके बाद रेवदंडा का किला दिखाई दिया। यह किला घायल अवस्था
में है। हमारी बस रेवदंडा बस स्थानक में भी थोड़ी देर के लिए जाकर रुकी। इसके बाद
कोलाई फिर बोलीनाका। बोलीनाका में अच्छा खासा बाजार है। इसके आगे कासिद बीच आया।
यहां काफी लोग समुद्र तट पर मस्ती करते नजर आए।
कासिद में समुद्र तट के आसपास कुछ होटल भी हैं।
मुरुड आने वाले सैलानी यहां रुक कर भी समंदर का नजारा करते हैं। कई लोग कहते हैं
कि सारे समुद्र के तट तो एक ही जैसे है। पर कई लोगों को हर समुद्र तट कुछ अलग लगता
है। तो कासिद बीच भी काफी लोगों का पसंदीदा समुद्र तट है। हमारी बस सरपट भाग रही है। अब कासिद के बाद आया
नंदी गांव। नंदी गांव से मुरुड आठ किलोमीटर रह गया है।
दुपहरिया में दो घंटे का सफर तय
करके हमलोग मुरुड पहुंच गए हैं। हमारे होटल का नाम है अंजुम होलीडे होम। यह बस
स्टैंड से पहले ही है। मोबाइल के जीपीएस में होटल की लोकेशन देखते हुए हमलोग बस से
होटल के बिल्कुल पास उतर गए। होटल के दूसरी मंजिल के कमरे में अपना सामान पटकने के
बाद हमारा पहला लक्ष्य है पेट पूजा।
अंजुम होलीडे होम के पास ही एक
चलता हुआ होटल नजर आया बस वहां आर्डर करके बैठ गए। ज्यादा रिसर्च करने का वक्त
नहीं है। होटल विनायक का रेस्टोरेंट के अलावा समुद्र तट के किनारे कमरों वाला होटल
भी है। यहां हमने एक थाली और एक प्लेट बिरयानी आर्डर की है। थाली में खास किस्म की
कोकूम की चटनी भी है। तो यह बिरयानी बहुत मसालेदार है। फिलहाल इसी का स्वाद लिया जाए...
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विद्युत
प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
( ALIBAUG TO MURUD, ANJUM HOLYDAY HOME )
( ALIBAUG TO MURUD, ANJUM HOLYDAY HOME )
सफर के बाद खाने का मज़ा ही कुछ और है। बहुत खूब।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन भरतनाट्यम की प्रसिद्ध नृत्यांगना टी. बालासरस्वती जी की 101वीं जयंती और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteधन्यवाद।
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