
अंबामाई या महालक्ष्मी मंदिर
कोल्हापुर शहर के मध्य में स्थित है। इस मंदिर की कलात्मकता अद्भुत है। वास्तु
शिल्प और सौंदर्य के लिहाज से यह देश के बेहद सुंदर देवी मंदिरों में शामिल किया
जाता है। यह मंदिर देवी के 51
शक्तिपीठों में भी शुमार है। वहीं महाराष्ट्र के लोग इन्हें भगवान विष्णु की पत्नी
का मंदिर मानते हैं। महाराष्ट्र से तिरुपति बालाजी जाने वाले श्रद्धालु तिरुपति से
लौटने के बाद अंबामाई के दर्शन जरूर करते हैं।
अदभुत किरणोत्सव –
कोल्हापुर महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण के वास्तु में कुछ इस तरह का
कमाल है कि साल में छह दिन सूरज की किरणें माता की मूर्ति और उनके चरणों पर पड़ती
हैं। मंदिर के पश्चिमी दीवार पर एक छोटी सी खुली खिड़की है। इस खिड़की के माध्यम
से सूरज की किरणें हर साल जनवरी 31, 1 और 2 फरवरी और नवंबर महीनों के 9,
10 और 11 तारीख के आसपास तीन दिनों के लिए
देवीजी की मुख मंडल पर आकर पड़ती हैं। इन छह दिनों में मंदिर में किरणोत्सव मानाया
जाता है। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है।
महालक्ष्मी मंदिर को बाद में
नौंवीं शताब्दी में शिलहार यादव ने इसे विस्तार प्रदान किया। अंबामाई मंदिर
परिसर में काशी विश्वेश्वर, कार्तिकस्वामी,
सिद्धिविनायक, महासरस्वती, महाकाली, श्री दत्ता और श्री राम भी विराजमान हैं।
चार प्रवेश द्वार - मंदिर में प्रवेश के लिए चारों
तरफ से चार द्वार बने हैं। पर महाद्वार जो पश्चिम की तरफ से है,
वहां से प्रवेश करते ही देवी के दर्शन हो जाते हैं। श्रद्धालु अपनी सुविधा से किसी भी द्वार से प्रवेश करते हैं।
मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से
लेकर शाम तक सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। दर्शन के लिए आपके पास दो से
तीन घंटे का समय होना चाहिए। अगर कम समय है तो मुख दर्शन का विकल्प मौजूद है।
इसमें आप दूर से माता के दर्शन कर सकते हैं।
नवरात्र के अलावा अक्षय तृतीया
के दिन लोग खासतौर पर कोल्हापुर स्थित महालक्ष्मी के मंदिर उनके दर्शन करने के
लिए जाते है। अक्षय तृतीया को महालक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु
खास तौर पर मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।
दर्शन का समय –
मंदिर सुबह 5 बजे से खुल जाता है। रात्रि नौ
बजे तक दर्शन किए जा सकते हैं। इस दौरान मंदिर में दिन भर में पांच अलग अलग तरह की
भव्य पूजा देवी की होती है।
महालक्ष्मी परिसर के आसपास भव्य
बाजार है। जहां दिन भर रौनक रहती है। आसपास से आए श्रद्धालु यहां खरीददारी करते
रहते हैं। आसपास में खाने पीने की दुकानें और रहने के लिए होटल हैं।
कैसे पहुंचे –
कोल्हापुर रेलवे स्टेशन से महालक्ष्मी मंदिर की दूरी तीन किलोमीटर
है। बस स्टैंड से मंदिर की दूरी 4 किलोमीटर है। मंदिर के
आसपास आप कोल्हापुरी स्वाद का आनंद ले सकते हैं।
बिंदु चौक कोल्हापुर –
महालक्ष्मी मंदिर से पहले बिंदू चौक पड़ता है। कोल्हापुर शहर के
इतिहास में इस चौक का खास महत्व है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान इस चौक पर कई बार
ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ आवाज बुलंद हुई थी। बिंदु चौक पर आजकल महान समाज सुधारक
महात्मा फूले और डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( MAHALAXMI TEMPLE, KOLHAPUR, BINDU CHAUK, )
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 99वीं जयंती - पंडित रवि शंकर और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान जरूर बढ़ाएँ। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDeleteधन्यवाद
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