

जम्मू तवी अहमदाबाद
एक्सप्रेस फिरोजपुर शहर में पूरे एक घंटे रुकती है। जैसे मुझे ये पता चलता है कि
ठहराव एक घंटे का है तो मैं प्लेटफार्म नंबर पांच से ट्रेन से उतरकर बाहर आ गया। इस
एक घंटे का इस्तेमाल रेलवे स्टेशन देखने के लिए किया जाए। अक्सर जिस शहर में
डीआरएम आफिस होता है वहां के स्टेशन माडल स्टेशन होते हैं। पर फिरोजपुर के साथ ऐसा
नहीं है। यह एक पुराना सोता हुआ स्टेशन ही नजर आता है। पर बाहर आने के दो फायदे
हुए। पहली थोड़ी भूख लगी है तो कुछ खाना पीना और स्टेशन भवन के बाहर विराज रहे
नैरो गेज के एक पुराने डीजल लोकोमोटिव से मुलाकात।
फिरोजपुर उत्तर रेलवे का मंडल है। यहां डीआरएम बैठते हैं। हिमाचल से लेकर पंजाब के बड़े हिस्से फिरोजपुर डिविजन में आते हैं। पर फिरोजपुर शहर पंजाब एक कोने में स्थित है। हालांकि ये मध्यकालीन शासक फिरोजशाह तुगलक द्वारा स्थापित देश 250 शहरों में से एक है। भारत पाक विभाजन से पहले फिरोजपुर देश का प्रमुख शहर हुआ करता था। पर अब इसका वह रुतबा नहीं रहा। फिरोजपुर से भारत पाक सीमा महज 8 किलोमीटर है।
फिरोजपुर रेलवे स्टेशन का भवन एक मंजिला और साधारण सा है। यात्रियों की आवाजाही ज्यादा नहीं है, शायद इसलिए बड़े भवन की आवश्यकता न महसूस की गई हो।
फिरोजपुर रेलवे स्टेशन
के मुख्य भवन के सामने एक नैरो गेज का डीजल इंजन शान से खड़ा दिखाई देता है। हम
बात कर रहे हैं जेडडीएम-3 के 150 नंबर लोकोमोटिव की। साल 2015 में 25 अक्तूबर को
ये लोकोमोटिव यहां पर दर्शकों के लिए लाकर स्थापित किया गया। तब नरेश चंद्र गोयल
फिरोजपुर के डीआरएम थे। हालांकि यहां स्थापित पट्टिका में इसे छोटी लाइन का इंजन
लिखा गया है। आमतौर पर छोटी लाइन से मीटर गेज का बोध होता है। पर ये नैरो गेज का
लोकोमोटिव है।
यह लोको 700 हार्स पावर का मॉडल 21 मेक का है। इसका वजन 36.80 टन
है। इसकी क्षमता 1000 लीटर डीजल की रही है। इसका निर्माण 1971 में 30 मई को
चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में हुआ था। इस हिसाब से यह बहुत पुराना लोकोमोटिव नहीं है।
इसकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा रही है। हालांकि बाद के नैरो गेज डीजल
लोकोमोटिव की स्पीड में काफी इजाफा हो गया है। इस लोकोमोटिव ने कालका शिमला रेल
मार्ग पर तकरीबन 36 साल अपनी शानदार सेवाएं दीं। साल 2008 में 17 अगस्त को इसे
आखिरी बार चलाया गया था। अब यह फिरोजपुर रेलवे स्टेशन के बाहर तैनात है और आते
जाते लोग इसे कौतूहल से देखते हैं।
फिरोजपुर रेलवे स्टेशन
के बाहर रहने के लिए कुछ होटल और धर्मशालाएं हैं। हालांकि स्टेशन के आसपास बाजार
नहीं है। हां कुछ खाने पीने के अति समान्य किस्म के होटल और स्ट्रीट फूड के स्टाल
हैं। मैं भी थोड़ी से पेट पूजा करने और लोकोमोटिव को निहारने के बाद वापस
प्लेटफार्म नंबर पांच पर पहुंच गया हूं।
जम्मू तवी साबरमती एक्सप्रेस के खुलने का समय होने वाला है। मैं फिर से अपने उसी जनरल डिब्बे में पहुंच गया हूं। अपनी उसी पुरानी सीट पर। वही पुराने सहयात्री हैं। ट्रेन में यहां कोई भीड़ नहीं बढ़ी है इसलिए सब खैरियत है। ट्रेन ने सिटी बजा दी है।
फिरोजपुर पर ये भी पढ़े - यहां घड़ी अपना समय बदल देती है...
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फिरोजपुर रेलवे स्टेशन पर पुरानी जल मीनार। |
फिरोजपुर रेलवे स्टेशन का भवन एक मंजिला और साधारण सा है। यात्रियों की आवाजाही ज्यादा नहीं है, शायद इसलिए बड़े भवन की आवश्यकता न महसूस की गई हो।



जम्मू तवी साबरमती एक्सप्रेस के खुलने का समय होने वाला है। मैं फिर से अपने उसी जनरल डिब्बे में पहुंच गया हूं। अपनी उसी पुरानी सीट पर। वही पुराने सहयात्री हैं। ट्रेन में यहां कोई भीड़ नहीं बढ़ी है इसलिए सब खैरियत है। ट्रेन ने सिटी बजा दी है।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
मुम्बई से फिरोजपुर तक ट्रेन भी चलती है...फिरोजपुर के बारे में वाकई बहुत अच्छी जानकारी दी आपने...
ReplyDeleteहां जी , धन्यवाद
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