राजस्थान के शहर हनुमानगढ़ से अब मुझे बठिंडा जाना है। हनुमानगढ़ शहर में दो बस स्टैंड हैं। एक सिटी में दूसरा रेलवे स्टेशन के पास। किला देखने के बाद मैं सिटी बस स्टैंड पहुंच गया हूं। पर यहां पता चला कि बठिंडा जाने वाली बस रेलवे स्टेशन के बस स्टैंड से मिलेगी। तुरंत एक लंबी दूरी की बस जो रेलवे स्टेशन के पास वाले बस स्टैंड जा रही थी उसमें बैठ गया।
रात के
साढ़े आठ बजे हैं और मैं बठिंडा के बस स्टैंड में पहुंच गया हूं। हालांकि कई साल
पहले एक बार बठिंडा आना हुआ था जब यहां प्रकाश पंचम केंद्रीय विद्यालय में
पदस्थापित हुआ करते थे। इस बार मैंने बठिंडा में प्रवेश करने से थोड़ी देर पहले ही
मोबाइल एप से गोआईबीबो डाट काम से होटल डीआई रेसीडेंसी में एक कमरा बुक किया है।
यह होटल रेलवे स्टेशन के बिल्कुल पास में है। बस स्टैंड से एक शेयरिंग आटो रिक्शा
में बैठकर रेलवे स्टेशन पहुंच गया हूं। होटल तलाश करने में परेशानी नहीं हुई। स्वागत
कक्ष पर मौजूद लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग सुनकर तुरंत मेरा कमरा मुझे उपलब्ध करा
दिया। होटल का कमरा शानदार है। गर्म पानी से नहाकर दिन भर की थकान दूर की। इसके
बाद सड़क पर निकल आया हूं।
हनुमानगढ़ में सिटी और रेलवे स्टेशन के बीच कुछ किलोमीटर खाली जगह है।
रेलवे स्टेशन के पास छोटा सा बस स्टैंड है। यहां थोड़ी पूछताछ करने पर पता चला कि यहां
से सीधी बठिंडा की कोई बस नहीं मिलेगी। आप मंडी डबवाली जाएं, वहां से दूसरी बस
बठिंडा की मिल जाएगी। मंडी डबवाली हरियाणा में है। यानी राजस्थान से हरियाणा फिर
पंजाब में प्रवेश करना होगा। एक दिन बाद चुनाव है इसलिए बसें कम हैं। मंडी डबवाली
की ढेर सारी सवारियां बस का इंतजार कर रही हैं। एक निजी बस आई। सब लपक लिए। चूंकि
मुझे मंडी डबवाली तक जाना है इसलिए जगह मिल गई। आगे की सीट पर।
बस में साथ बैठे लोग चुनाव
पर चर्चा कर रहे हैं। आगे मानकसर गांव आया। फिर सांगरिया। सांगरिया राजस्थान का
हनुमान गढ़ जिले का विधान सभा क्षेत्र भी है। यहां स्वामी केशवानंद भारती
एग्रीकल्चर कालेज है। इसके बाद हरियाणा की सीमा शुरू हो जाती है। यहीं पर सिरसा
जिले का चौटाला गांव है जो हरियाणा के राजनीतिक परिवार चौधरी देवीलाल का गांव है।
मंडी डबवाली मैं शाम के साढ़े सात बजे पहुंचा हूं। हालांकि मंडी डबवाली ज्यादा देर रुकने का मौका नहीं मिला। बस स्टैंड
में उतरने के तुरंत बाद ही बठिंडा वाली बस मिल गई। यहां से बठिंडा की बस हमेशा
मिलती रहती है। तो हम हरियाणा से एक बार फिर पंजाब में प्रवेश कर रहे हैं।

बठिंडा के स्टेशन रोड पर एक चना सूप वाले हैं। वहां एक सूप पीने
के बाद थोड़ी देर और रेलवे स्टेशन के आसपास टहलने के बाद एक शाकाहारी भोजनालय में
खाने के लिए जाकर बैठ गया। शाकाहारी थाली 100 रुपये की। खाना बहुत शानदार तो नहीं
लगा पर कुछ बुरा भी नहीं है। भोजन के बाद कमरे में एक बेहतरीन नींद, क्योंकि सुबह
खूब जल्दी जग जाना है। तो सुबह की बातें अगली पोस्ट में।
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