हमलोग सिद्धि विनायक के दर्शन के बाद मंदिर परिसर में स्ट्रीट फूड का आनंद लेने लगे। गोलगप्पे।
खाते खाते गोलगप्पे वाले से पूछा, भैया, कहां घर है। जवाब मिला, बनारस। मंडुवाडीह। यहां 40 साल से
गोलगप्पे की दुकान लगा रहे हैं। मुंबई मेहनत करने वालों को बरकत देती है। थोड़ा और
घूमने के बाद मंदिर परिसर में स्थित सिद्धि विनायक कैफे में पहुंच गए। कैफे का
वातावरण सात्विक है। हमलोगों ने शाम का नास्ता लिया। पूरी भाजी और कॉफी। यहां चाय
पीतल के ग्लास में पेश की जा रही है। साफ सुथरा सुंदर सा रेस्टोरेंट है जहां हमेशा
लोगों की भीड़ लगी रहती है। अब बाहर निकलकर मिठाईवाली दुकान से अपना लगेज लिया। एक
टैक्सी वाले बात की छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसटीएम) छोड़ने के लिए।
उन्होंने इनकार किया पर उनके पीछे खड़े टैक्सी वाले तैयार हो गए।
टैक्सी वाले का नाम संतोष गायकवाड है। ( फोन नंबर – 98928 34213 ) वे कई दशक से टैक्सी चला रहे हैं मुंबई में। पर वे मुंबई के बड़े अच्छे गाइड हैं। मुंबई के हर दर्शनीय स्थल की खासियत जबानी बताते हैं। वे दिन भर टैक्सी बुक करके मुंबई घुमाते भी हैं। कभी आप मुंबई जाएं तो उन्हें याद कर सकते हैं।रास्ते में मरीन ड्राईव आने पर वे तारपोरवाला एक्वेरियम से पहले एक बड़ा पाव के स्टाल के बारे में बताते हैं। उसका बड़ा पाव इतना प्रसिद्ध है कि बाला साहेब ठाकरे और सचिन तेंदुलकर भी यहां से पैक कराते थे। गाड़ी जाम में फंसी है। मैं उतरकर उस पाव वाले के पास जाता हूं। लोग लाइन में लगे हैं। बड़ा तले जा रहे हैं। हमारे पास समय नहीं है इसलिए बिना स्वाद लिए आगे बढ़ जाता हूं। हमलोग अपनी मंजिल पर पहुंच गए हैं। सीएसएमटी रेलवे स्टेशन जो विश्व विरासत में शुमार है। हर बार कुछ नया दिखाई देता है।यहां तो कई बार आ चुका हूं। पर इस बार यहां नई चीज बन गई है सेल्फी प्वाइंट। हमें टैक्सी ड्राईवर इस सेल्फी प्वाइंट के बारे में पहले ही बता देते हैं। रात की रोशनी में अलग अलग रंग में चमकते सीएसएमटी के भवन के साथ तमाम लोग अलग अलग एंगिल से तस्वीरें खिंचवा रहे हैं।
दूसरी तरफ बीएमसी की इमारत रोशन है। इस इमारत के आगे एक विशाल प्रतिमा लगी है। अनादि नाम पढ़कर बताते हैं सर फिरोजशाह मेहता (1845-1915)। पारसी, मुंबई के जाने माने वकील, कांग्रेस के नरमपंथी नेता। वे बंबई नगरपालिका के संविधान (चार्टर) के निर्माता थे। साथ ही अंग्रेजी अखबार बांबे क्रानिकल के संस्थापक भी थे।तो अब भूख लग गई है, चलिए चलते हैं भोजन के लिए। सीएसएमटी के बाईं तरफ शिवाला वेज रेस्टोरेंट। ( मोतीवाला हाउस, वालचंद हीराचंद मार्ग, फोर्ट) रेलवे स्टेशन के पास शाकाहारी खाने की मुफीद जगह।हम दो थाली आर्डर करते हैं। एक 170 वाली और दूसरी 140 वाली। वे हमें पहले सूप पेश करते है। फिर खाने में तमाम वेराइटी। सुस्वादु खाना। खाकर हमलोग तृप्त हो गए।
शिवाला में नीचे समान्य और ऊपर एसी डायनिंग हॉल है। हमें कोई जल्दी नहीं है पुणे वाली ट्रेन 10.55 बजे है। शिवाला वेज से डिनर के बाद हमलोग सीएसएमटी रेलवे स्टेशन के अंदर आ गए हैं।
हमें तकरीबन एक घंटा ट्रेन का इंतजार करना है। इस बीच स्टेशन पर हमें मुंबई में 2008 में इस रेलवे स्टेशन पर हुए आतंकी हमले का स्मारक दिखाई देता है। वहां सभी जान गंवाने वाले यात्रियों और रेल कर्मचारियों के नाम लिखे गए हैं। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर विशाल डैने वाले पंखे लगे हैं जो ठंडी हवा दे रहे हैं। हमारी ट्रेन है 51027 फास्ट पैसेंजर। ये पंढरपुर तक जाती है। इसमें स्लिपर क्लास भी है। महज 100 रुपये में रातभर सोते हुए पुणे पहुंच जाएं। दूसरी बार इस ट्रेन से जा रहा हूं। सुबह 4.30 बजे हमलोग पुणे पहुंच गए हैं। यहां से सुबह-सुबह उबर कैब करके हमलोग खराडी की ओर चल पड़े।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
vidyutp@gmail.com
टैक्सी वाले का नाम संतोष गायकवाड है। ( फोन नंबर – 98928 34213 ) वे कई दशक से टैक्सी चला रहे हैं मुंबई में। पर वे मुंबई के बड़े अच्छे गाइड हैं। मुंबई के हर दर्शनीय स्थल की खासियत जबानी बताते हैं। वे दिन भर टैक्सी बुक करके मुंबई घुमाते भी हैं। कभी आप मुंबई जाएं तो उन्हें याद कर सकते हैं।रास्ते में मरीन ड्राईव आने पर वे तारपोरवाला एक्वेरियम से पहले एक बड़ा पाव के स्टाल के बारे में बताते हैं। उसका बड़ा पाव इतना प्रसिद्ध है कि बाला साहेब ठाकरे और सचिन तेंदुलकर भी यहां से पैक कराते थे। गाड़ी जाम में फंसी है। मैं उतरकर उस पाव वाले के पास जाता हूं। लोग लाइन में लगे हैं। बड़ा तले जा रहे हैं। हमारे पास समय नहीं है इसलिए बिना स्वाद लिए आगे बढ़ जाता हूं। हमलोग अपनी मंजिल पर पहुंच गए हैं। सीएसएमटी रेलवे स्टेशन जो विश्व विरासत में शुमार है। हर बार कुछ नया दिखाई देता है।यहां तो कई बार आ चुका हूं। पर इस बार यहां नई चीज बन गई है सेल्फी प्वाइंट। हमें टैक्सी ड्राईवर इस सेल्फी प्वाइंट के बारे में पहले ही बता देते हैं। रात की रोशनी में अलग अलग रंग में चमकते सीएसएमटी के भवन के साथ तमाम लोग अलग अलग एंगिल से तस्वीरें खिंचवा रहे हैं।
दूसरी तरफ बीएमसी की इमारत रोशन है। इस इमारत के आगे एक विशाल प्रतिमा लगी है। अनादि नाम पढ़कर बताते हैं सर फिरोजशाह मेहता (1845-1915)। पारसी, मुंबई के जाने माने वकील, कांग्रेस के नरमपंथी नेता। वे बंबई नगरपालिका के संविधान (चार्टर) के निर्माता थे। साथ ही अंग्रेजी अखबार बांबे क्रानिकल के संस्थापक भी थे।तो अब भूख लग गई है, चलिए चलते हैं भोजन के लिए। सीएसएमटी के बाईं तरफ शिवाला वेज रेस्टोरेंट। ( मोतीवाला हाउस, वालचंद हीराचंद मार्ग, फोर्ट) रेलवे स्टेशन के पास शाकाहारी खाने की मुफीद जगह।हम दो थाली आर्डर करते हैं। एक 170 वाली और दूसरी 140 वाली। वे हमें पहले सूप पेश करते है। फिर खाने में तमाम वेराइटी। सुस्वादु खाना। खाकर हमलोग तृप्त हो गए।


- विद्युत प्रकाश मौर्य
vidyutp@gmail.com