गुजरात के अंबाजी में दूसरा
प्रमुख मंदिर है गब्बर मंदिर। पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर को शक्ति पीठ का वास्तविक
स्थान कहा जाता है। गुजराती में इसे मां अंबाजी मूल स्थान शक्तिपीठ कहते हैं। इसलिए
अक्सर अंबा जी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु गब्बर मंदिर भी जरूर जाते हैं। गब्बर
मंदिर पहाड़ी पर है। अगर आप यहां तक पैदल जाना चाहें तो 900 से ज्यादा सीढ़ियां
चढ़नी पड़ती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल चढ़ाई करते हैं।
रोपवे से करें चढ़ाई –
पहले गब्बर हिल की चढ़ाई कठिन हुआ करती थी। पर अब श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां
तक जाने के लिए रोपवे का संचालन होता है। साल 2008 में यहां रोपवे की सेवा शुरू की
गई। इसी तरह की रोपवे सेवा गुजरात के पावागढ़ की पहाड़ी पर कालिका माता के मंदिर
में भी संचालन में है। इसका आने और जाने का टिकट 95 रुपये का है। यह टिकट आपको
अंबाजी मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने स्थित टिकट काउंटर से भी मिल जाएगा। अंबाजी
मंदिर से थोड़ी दूरी पर ही रोपवे का स्टेशन है। उड़नखटोला की सेवा सुबह 7 बजे से
शाम 7 बजे तक उपलब्ध रहती है। इस उड़न खटोले का संचालन उषा ब्रेको लिमिटेड नामक
कंपनी करती है।
वास्तव में गुजरात-राजस्थान की
सीमा पर स्थित अम्बाजी गांव से 4 किलोमीटर
की दूरी पर स्थित गब्बर पहाड़ियों
को अम्बाजी माता का मूल स्थान माना जाता है। तन्त्र चूड़ामणि के एक उल्लेख के
अनुसार देवी सती के हृदय का एक भाग इस पर्वत के ऊपर गिरा था। इस पहाड़ पर भी देवी
मां का प्राचीन मंदिर स्थापित
किया गया है। माना जाता है यहां एक पत्थर पर मां के पदचिह्न बने हैं। पदचिह्नों के
साथ-साथ मां के रथचिह्न भी बने हैं। कहा जाता है कि
भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार यहीं पर हुआ था। इस मंदिर के प्रति आसपास के
श्रद्धालुओं की अगाध आस्था है। गुजरात और राजस्थान के कई जिलों के श्रद्धालु यहां
सालों भर आते हैं। गब्बर मंदिर की ऊंचाई से अंबा जी का मंदिर बड़ा सुंदर दिखाई
देता है।
अगर आप अंबाजी और गब्बर पहाडी
स्थित प्रचीन मंदिर दोनों के दर्शन करना चाहते हैं तो अच्छा होगा कि अंबा जी में
एक दिन का अपना ठहराव तय करें। अंबाजी में रहने के लिए किफायती दरों पर होटल और कई
धर्मशालाएं मिल जाती हैं। आप आबू रोड में रुक कर भी अंबा जी के दर्शन के लिए जा
सकते हैं। पर ध्यान रखें कि अगर उत्सव और छुट्टियों का दिन हो तो अंबा जी मंदिर
में दर्शन में ही पूरा दिन लग जाता है।
गब्बर हिल पर श्रद्धालुओं की
सुविधा के लिए इंतजार कक्ष, जन सुविधाएं और प्रसाद की दुकान आदि का इंतजाम है। उपर
एक कैफेटेरिया और बच्चों के खेलने के लिए स्थान और प्राथमिक चिकित्सा का इंतजाम भी
है।
अंबाजी और गब्बर मंदिर की
प्रसिद्धि गुजरात में कुछ इस तरह की है कि सभी प्रमुख दलों के बड़े नेताओं की
गुजरात यात्रा की शुरुआत मां अंबा जी के दर्शन और आशीर्वाद लेकर होती है।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( AMBA JEE TEMPLE, GABBAR HILL, ROPE WAY, BANASKANTHA, GUJRAT
)
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