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सुखोई के साथ। |
पालम स्थित वायु सेना संग्रहालय
में एक एनैक्सी है जिसमें विंग कमांडर (बाद में एयर मार्शल) एस मुखर्जी,
ओ बी ई, स्क्वाड्रन लीडर (बाद में एयर कमोडोर)
मेहर सिंह, एम वी सी, डी एस ओ, विंग कमांडर (बाद में एयर मार्शल) ए एम इंजीनियर, डी
एफ सी तथा एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह, डी एफ सी की भव्य
तस्वीरों से सुसज्जित है। ये अफसर भारतीय वायु सेना के अग्रणी थे। संग्रहालय में
रखा हुआ वायु सेना का ध्वज एक अप्रैल 1954 को पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र
प्रसाद द्वारा भारतीय वायु सेना को प्रदान किया गया था।
संग्रहालय का दूसरा भाग द्वितीय
विश्व युद्ध के पदक विजेता भारतीय अफसरों की तस्वीरों से सजा हुआ है। इन अफसरों ने
बड़ी दिलेरी से दुश्मनों की युद्ध मशीनो को तबाह कर दिया तथा अपने उड़ान मिशन
सफलतापूर्वक पूरे किए। 1966 तथा 1971 की लड़ाइयों में पाकिस्तान से जब्त किए गए कुछ
छोटे शस्त्र जैसे रिवॉल्वर, पिस्टल आदि तथा
वायु सेनाध्यक्ष को भेंट की गई समारोह-किर्च आदि को भी यहां देखा जा सकता है।
वायु सेना से जुड़े देश दो प्रमुख संग्रहालय हैं। एक संग्रहालय मेघालय
की राजधानी शिलांग हैं तो दूसरा दिल्ली
में। आश्चर्य की बात है कि दिल्ली में रहने वाले लोग इतने शानदार संग्रहालय से
अनजान हैं। रोज इस बेहतरीन संग्रहालय को
देखने बहुत कम लोग ही पहुंचते हैं।
खुलने का समय : प्रातः 10
बजे से सायं 5 बजे तक। आप वायु सेना संग्रहालय
से निकलते समय वायु सेना से जुड़े कई प्रतीक चिन्ह भी खरीद सकते हैं।जैसे वायुसेना
की टोपियां, चाबी रिंग और दूसरी उपहार में दी जाने योग्य वस्तुएं। वायुसेना स्टेशन
परिसर में एक कैंटीन भी है। भूख लगने पर हल्का फुल्का रिफ्रेशमेंट यहां उपलब्ध है।
दो दिन का अवकाश : सोमवार एवं मंगलवार को
संग्रहालय बंद रहता है। यानी बुधवार से रविवार तक आप यहां जा सकते हैं। प्रवेश के
लिए कोई शुल्क नहीं है। पर कोई सरकारी पहचान पत्र होना जरूरी है। जैसे आधार कार्ड,
ड्राइविंग लाइसेंस या फिर मतदाता पहचान पत्र।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य
क्या आपको पता है कि भारतीय
वायु सेना का आदर्श वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है। - नभः स्पृशं दीप्तम्।
यह महाभारत के महायुद्ध के
दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री क्रष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए
उपदेश का एक अंश है। भगवान श्री क्रष्ण, अर्जुन को अपना विराट रूप दिखा रहे हैं। भगवान का यह विराट रूप आकाश तक
व्याप्त है जो अर्जुन के मन में भय और आत्म-नियंत्रण में कमी उत्पन्न कर रहा है।
इसी प्रकार भारतीय वायु सेना राष्ट्र की रक्षा में वांतरिक्ष शक्ति का प्रयोग करते
हुए शत्रुओं का दमन करने का लक्ष्य करती है।
वायु सेना संग्रहालय कैसे पहुंचे - यह पालम में दिल्ली केंटोण्मेंट इलाके में स्थित है। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1डी से तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब आप यहां दिल्ली मेट्रो के मेजेंटा लाइन के सदर बाजार छावनी स्टेशन से भी पहुंच सकते हैं। यहां से संग्रहालय काफी करीब है।
वायु सेना संग्रहालय कैसे पहुंचे - यह पालम में दिल्ली केंटोण्मेंट इलाके में स्थित है। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1डी से तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब आप यहां दिल्ली मेट्रो के मेजेंटा लाइन के सदर बाजार छावनी स्टेशन से भी पहुंच सकते हैं। यहां से संग्रहालय काफी करीब है।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य
(AIR FORCE MUSEUM, DELHI, AIRPORT, PALAM, SADAR BAZAR CANT METRO, MAGENTA LINE )
(AIR FORCE MUSEUM, DELHI, AIRPORT, PALAM, SADAR BAZAR CANT METRO, MAGENTA LINE )
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