अब कर्नाटक के शहर हासन से बंगलुरु की राह पर हूं। कुछ दूर चलने पर ही बस चेनेराय पटना पहुंच गई है। मुझे याद आया कि यहां तक तो मैं पहले भी आ चुका हूं। पिछली बार जब बंगलुरु से श्रवणबेलगोला के लिए आया था तो सीआर पटना से ही मैंने बस बदली थी। मतलब आगे का सारा रास्ता अब जाना पहचाना आने वाला है।
बस से चलते हुए अगला पड़ाव हिरीसावे आया। यहां से भी श्रवण बेलगोला का रास्ता बदलता है। अगर आप बेंगलुरु से अपने वाहन से आ रहे हैं तो हिरीसावे से ही श्रवणबेलगोला जा सकते हैं। इस रास्ते में कई टोल प्लाजा आते हैं। थोड़ी देर बाद एक जगह बस दोपहर के खाने के लिए रुक गई है।
मुझे यहां फिर 35 रुपये में दो चपाती और सब्जी की प्लेट मिल गई तो हल्की से पेट पूजा हो गई। फिर बस चल पड़ी है। हम अब मंड्या जिले से गुजर रहे हैं। अब हमारी बस बस आदि चुनचुन गिरी यूनीवर्सिटी के पास से गुजर रही है। पहले आदि चुनचुनगिरी का मेडिकल कॉलेज का परिसर दिखाई देता है। फिर आदिचुनचुनगिरी यूनीवर्सिटी का परिसर दिखाई देता है। यह बीजी नगर, नागमंगला तालुक में आता है। दक्षिण के प्रसिद्ध बालगंगाधर नाथ महास्वामी जी ने यहां पर कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की है। कई राज्यों से छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते हैं।
अब हम मंड्या जिले से निकलकर तुमकुरू जिले में प्रवेश कर गए हैं। तुमकुरू जिले के कुणीगल शहर में बस पहुंच गई हैं। कुणीगल के बाद बस फिर आगे बढ़ चली है। शानदार सड़क के दोनों तरफ हरे भरे नारियल के पेड़ दिखाई दे रहे हैं। इन पेड़ों के पीछे मध्यम आकार की पहाड़ियां हैं। दोपहर में भी इन पहाड़ियों का नजारा बेहद सुंदर प्रतीत हो रहा है।
अब हमारी बस नीलमंगला पहुंच गई हैं। नीलमंगला में मेंगलुरू बेंगलुरु एनएच 48 को चेन्नई मुंबई एनएच-4 क्रॉस करती है। नीलमंगला से तुमकुर और बंगलुरु के लिए रास्ता बदलता है। यहां से बेंगलुरू शहर सिर्फ 27 किलोमीटर रह गया है। नीलामंगला बेंगलुरु ग्रामीण जिले में आता है। दोपहर तीन बजे बस बंगलुरु शहर की सीमा में प्रवेश कर गई है। पर इसके साथ ही जाम लगना भी आरंभ हो गया है। बंगलूरू के बाहरी इलाके में रास्ते में मुझे एक ज्वार की रोटी का स्टाल नजर आता है। इसका मतलब ज्वार की रोटी व्यवसायिक तौर पर बेची जाने लगी है। यह तो अच्छी बात है।
बस से चलते हुए अगला पड़ाव हिरीसावे आया। यहां से भी श्रवण बेलगोला का रास्ता बदलता है। अगर आप बेंगलुरु से अपने वाहन से आ रहे हैं तो हिरीसावे से ही श्रवणबेलगोला जा सकते हैं। इस रास्ते में कई टोल प्लाजा आते हैं। थोड़ी देर बाद एक जगह बस दोपहर के खाने के लिए रुक गई है।
मुझे यहां फिर 35 रुपये में दो चपाती और सब्जी की प्लेट मिल गई तो हल्की से पेट पूजा हो गई। फिर बस चल पड़ी है। हम अब मंड्या जिले से गुजर रहे हैं। अब हमारी बस बस आदि चुनचुन गिरी यूनीवर्सिटी के पास से गुजर रही है। पहले आदि चुनचुनगिरी का मेडिकल कॉलेज का परिसर दिखाई देता है। फिर आदिचुनचुनगिरी यूनीवर्सिटी का परिसर दिखाई देता है। यह बीजी नगर, नागमंगला तालुक में आता है। दक्षिण के प्रसिद्ध बालगंगाधर नाथ महास्वामी जी ने यहां पर कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की है। कई राज्यों से छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते हैं।
अब हम मंड्या जिले से निकलकर तुमकुरू जिले में प्रवेश कर गए हैं। तुमकुरू जिले के कुणीगल शहर में बस पहुंच गई हैं। कुणीगल के बाद बस फिर आगे बढ़ चली है। शानदार सड़क के दोनों तरफ हरे भरे नारियल के पेड़ दिखाई दे रहे हैं। इन पेड़ों के पीछे मध्यम आकार की पहाड़ियां हैं। दोपहर में भी इन पहाड़ियों का नजारा बेहद सुंदर प्रतीत हो रहा है।
अब हमारी बस नीलमंगला पहुंच गई हैं। नीलमंगला में मेंगलुरू बेंगलुरु एनएच 48 को चेन्नई मुंबई एनएच-4 क्रॉस करती है। नीलमंगला से तुमकुर और बंगलुरु के लिए रास्ता बदलता है। यहां से बेंगलुरू शहर सिर्फ 27 किलोमीटर रह गया है। नीलामंगला बेंगलुरु ग्रामीण जिले में आता है। दोपहर तीन बजे बस बंगलुरु शहर की सीमा में प्रवेश कर गई है। पर इसके साथ ही जाम लगना भी आरंभ हो गया है। बंगलूरू के बाहरी इलाके में रास्ते में मुझे एक ज्वार की रोटी का स्टाल नजर आता है। इसका मतलब ज्वार की रोटी व्यवसायिक तौर पर बेची जाने लगी है। यह तो अच्छी बात है।
बेंगलुरु शहर में प्रवेश करने के साथ ही मेट्रो रेल का नेटवर्क दिखाई देने लगा है। अब मैं केएसआर बंगलुरु रेलवे स्टेशन के सामने स्थित बस स्टैंड में पहुंच गया हूं। आज ही रात को दिल्ली के लिए वापसी की उडान है इसलिए बंगलुरू में किसी दोस्त रिश्तेदार से मिलना संभव नहीं है। तो दो घंटे बस स्टैंड के आसपास के बाजार में ही टाइम पास किया। किसी दोस्त रिश्तेदार से मिलने का समय नहीं है। बंगलुरु सिटी से एयरपोर्ट के लिए एसी बस सेवा चलती है। इसका किराया 235 रुपये है। केआईए 9 बस में एयरपोर्ट के लिए सवार हो गया।
अगर आपको अकेले ही एयरपोर्ट जाना हो तो बस सेवा ही ठीक है। इससे पहले के बंगलुरु एयरपोर्ट तक के सफर के लिए हमने टैक्सी से यात्राएं की थी। हालांकि बेंगलुरु के हर इलाके से एयरपोर्ट के लिए बस सेवाएं हैं। यहां तक कि बंगलुरु एयरपोर्ट से मैसूर के लिए भी सीधी लग्जरी बस सेवा उपलब्ध है। पर कहीं से भी एयरपोर्ट पहुंचना हो संभावित जाम को देखते हुए समय लेकर निकलना चाहिए।
अगर आपको अकेले ही एयरपोर्ट जाना हो तो बस सेवा ही ठीक है। इससे पहले के बंगलुरु एयरपोर्ट तक के सफर के लिए हमने टैक्सी से यात्राएं की थी। हालांकि बेंगलुरु के हर इलाके से एयरपोर्ट के लिए बस सेवाएं हैं। यहां तक कि बंगलुरु एयरपोर्ट से मैसूर के लिए भी सीधी लग्जरी बस सेवा उपलब्ध है। पर कहीं से भी एयरपोर्ट पहुंचना हो संभावित जाम को देखते हुए समय लेकर निकलना चाहिए।

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद नंदिनी के स्टॉल से मैसूर पाक लेना नहीं भूला। नंदिनी का यह स्टॉल एयरपोर्ट के बाहर ही है। यहां नंदिनी के सारे प्रोडक्ट बाजार भाव पर ही मिलते हैं। पर एक बार एयरपोर्ट के अंदर पहुंच गए तो दूसरे ब्रांड की इन्ही मिठाइयों के दाम चार गुने हो जाते हैं। नंदिनी कर्नाटक सरकार का ब्रांड है। इसकी मिठाइयां अच्छी होती हैं।
दिल्ली की उड़ान - मेरी दिल्ली की उड़ान इंडिगो से 22.10 बजे है। वक्त से पहले एयरपोर्ट में प्रवेश कर गया हूं। दो घंटे इधर-उधर घूम कर टाइम पास कर रहा हूं। कभी कपड़ों के स्टाल पर तो कभी किताबों के स्टाल पर। बुक स्टाल पर देख पा रहा हूं कि करुणानिधि और हेमा मालिनी पर लिखी गई जीवनीपरक पुस्तकों को प्रमुखता से डिस्प्ले किया गया है। पहली पुस्तक है रामकमल मुखर्जी की ड्रिम गर्ल हेमा मालिनी और दूसरी पुस्तक है - करुनानिधि - ए लाइफ इन पॉलिटिक्स।
मैं तय समय पर विमान में दाखिल हो गया हूं। ईद के कारण विमान में दिल्ली जाने वाले श्रमिक वर्ग के लोग बड़ी संख्या में दिखाई दे रहे हैं जो गठरियां लेकर विमान में बेतकल्लुफ होकर सवार हुए हैं। पहले से ही इतनी गठरियांं रख दी हैंं कि मेेेेरे बैैग को रखने के लिए केबिन लगेज बॉक्स में जगह तक नहीं मिली। तो अपना बैग सीट के नीचे रखकर मैं चुपचाप बैठ गया हूं।
विमान के पायलट कैप्टन दलजीत सिंह हैं और सह पायलट हैं निहारिका। सुरक्षा एनाउनंसमेंट सुनने के बाद मैं विमान में अपनी सीट पर सो गया। इंडिगो विमान की रात के 1.05 बजे दिल्ली के टी-2 पर लैंडिंग के साथ मेरी नींद खुली। अब इतनी रात गए मैं घर कैसे जाऊं। तो कुछ घंटे हमने एराइवल की लांज में ही गुजारे फिर घर जाने के लिए कश्मीरी गेट जाने वाली एसी बस में बैठ गया।
दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो सेवा रात 11 बजे बंद हो जाती है। पर एयरपोर्ट के टी3, टी2 और टी1 से होती हुई वाया धौलाकुआं, नई दिल्ली स्टेशन, कश्मीरी गेट के लिए डीटीसी की एसी बस सारी रात हर आधे घंटे पर चलती रहती है।
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मध्य रात्रि मे दिल्ली के टी - 2 पर वापसी... |
... तो हमारी दक्षिण की एक और यात्रा पूरी हुई। इस बार यात्रा मार्ग था - दिल्ली से हैदराबाद, भुवनगिरी, नालगोंडा, नागार्जुन सागर, हैदराबाद, बीदर, बसव कल्याण, कालबुर्गी, चेन्नई, त्रिची, तंजौर, डिंडिगुल, कोडाईकनाल, पलनी, त्रिपुर, अविनाशी, सत्यमंगलम, मैसूर, कुशलनगर, मडिकेरी, हासन, बेलुर, हासन, बेंगलुरु, दिल्ली...
कभी ख्वाबों में कभी तेरे दर पे तो कभी दर बदर
ए गमे जिंदगी तुझे ढूंढते हुए हम कहां भटक गए...
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyut@daanapaani.net
(BELUR, PATALESHWAR TEMPLE, BENGLURU AIRPORT, HELITAXI SERVICE, INDIGO, DELHI T2 )
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