मडिकेरी से कुशल नगर की राह पर
हूं। हमारी प्राथमिकता में आज तीन स्थलों का दौरा करना है। पहला है दुबारे
फारेस्ट। यहां जाने के लिए मैं कुशल नगर से पहले गुडेहोसुरु उतर जाता हूं। यहां से
दाहिनी तरफ की सड़क दुबारे फारेस्ट जाती है। वहां पर एक परिवार भी दुबारे जाने
वाली गाड़ी का इंतजार कर रहा है। उनसे पूछने पर पता चलता है कि दुबारे ज्यादा पानी
आ जाने के कारण बंद है। तो मैं वहां जाने का इरादा बदल देता हूं। वैसे दुबारे में
खास तौर पर लोग हाथियों की अटखेलियां देखने जाते हैं। तो ये नजारा भी फिर कभी सही।
अब गुडेहोसुरु से शेयरिंग आटो में
बैठकर तीन किलोमीटर आगे कावेरी निःसर्ग धाम में उतर गया। यह स्थल कुशलनगर से ठीक
पहले स्थित है। प्रवेश के लिए 10 रुपये का
टिकट है। अंदर जाते ही कावेरी नदी पर बना लोहे का झूला पुल है। यहां कावेरी की
चौड़ाई महज 30 फीट है। नदी का नजारा बड़ा ही मोहक है। यहां पर कावेरी की धारा बहुत मनोरम नजर आती है। नदी का जल पूरे
वेग से आगे बढ़ रहा है। वही कावेरी जो पूरे कर्नाटक और तमिलनाडु की जीवन धारा है।
वही कावेरी जिसके जल के बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में तनातनी रहती है।
उसका जल यहां कल कल निर्मल नजर आ रहा है। बल खाती कावेरी शायद ये कह रही है पानी
में सबका हक है। मैं किसी खास के लिए नहीं।
कावेरी के पुल को पार करने के
बाद कई एक फैला विशाल बागीचा है। इस बागीचा में कुर्ग की संस्कृति से जुड़ी कई तरह
की झांकिया लगी हैं। वन में प्राकृतिक आबोहवा के बीच देर का विचरते रहना बड़ा
अच्छा लग रहा है। यहां आप कई घंटे गुजार सकते हैं। कई जगह मचान बने हैं जहां उपर
चढ़कर दूर तक नजारा किया जा सकता है। कई झूले भी लगे हैं। क्रॉस द वैली जैसे
मनोरंजक गेम्स का भी इंतजाम है।
वापस लौटने पर यहां खाने पीने
की कई दुकाने हैं।कपड़ो की दुकाने हैं और गिफ्ट शॉप भी हैं। आप चाहें जी भरकर
शॉपिंग कर सकते हैं। यह परिवार के साथ आनंद के पल गुजराने वाली जगह है। निःसर्ग धाम से निकलकर कुशलनगर शहर में आ गया हूं। बीच चौराहे पर मंच सजा है और कुछ लोक कलाकार गा रहे हैं। मैं उनकी संगीत मंडली के करीब पहुंच कर थोड़ी देर संगीत का आनंद लेने लगता हूं। वे लोग बड़े प्रेम से मुझे अपने पास बिठाते हैं। कुछ गीत सुनने के बाद आगे बढ़ गया। दोपहर के खाने का वक्त हो गया तो आगे के सफर से पहले पेट पूजा। एक कन्नड रेस्टोरेंट में 50 रुपये की थाली है चावल की। थाली खाने के बाद आगे के सफर पर निकल पड़ा हूं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
- विद्युत प्रकाश मौर्य
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( KUSHALNAGAR, KAVERI RIVER, NISARG DHAM )
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