कोडाईकनाल 2133 मीटर की ऊंचाई
पर स्थित दक्षिण भारत का लोकप्रिय हिल स्टेशन है। मैं इससे पहले तमिलनाडु के ऊटी
और केरल के मुन्नार में जा चुका हूं। पर कोडाई की ऊंचाई उससे ज्यादा है। साथ ही यह एक सदाबहार हिल स्टेशन है जहां आप कई रोज
गुजार सकते हैं। 21 वर्ग किलोमीटर के दायरे में यहां काफी देखने लायक स्थल हैं,
जहां रहकर आप आनंदित हो सकते हैं।
जैसे ऊटी में बोटानिकल गार्डन
वहां का मुख्य आकर्षण है ठीक उसी तरह कोडाईकनाल की झील कोडाई लेक यहां का मुख्य
आकर्षण है। इस झील का विस्तार काफी लंबा चौड़ा है। अगर झील के चारों तरफ बनी सड़क
पर चलें तो ये चक्कर साढ़े चार किलोमीटर का है। झील के किनारे पहुंचते ही आपको
मौजमस्ती में डूबे देश के कोने कोने से आए लोग नजर आने लगते है। रंग बिरंगे लोग.
हरी भरी वादियों में। झील के साथ मनोरंजन के तमाम मसाले मौजूद हैं। सबसे अच्छा
तरीका है साइकिल किराये पर लें और झील का पूरा चक्कर लगाएं। घूमना भी और व्यायाम
भी हो गया।
झील के किनारे पहुंचते ही मैं एक साइकिल किराये पर ले लेता हूं। 50 रुपये में आधे घंटे के लिए। वैसे यहां हर साइज की साइकिलें उपलब्ध हैं। डबल सीट और डबल पैडल वाली साइकिल भी किराये पर उपलब्ध है। साइकिल से चलते हुए कुदरत का नजारा लेने के लिए बार बार रास्ते में रुक जाता हूं। फिर चल पड़ता हूं। हल्की सी बारिश हो रही है। पर इसकी परवाह किसे है।
झील के किनारे साइकिल चलाने में इतना मजा आया कि अगले दिन सुबह फिर साइकिल चलाने पहुंच गया।आप झील में पैडल वाली बोट किराये पर लेकर बोटिंग का आनंद भी उठा सकते हैं। कई जगह बोट स्टेशन बने हैं जहां से बोट किराये पर ली जा सकती है। लोग पूरे परिवार के साथ बोटिंग का आनंद लेते दिखाई दे जाते हैं। पर मैं अकेला हूं तो बोट के बजाय साइकिल चलाना पसंद किया।
विद्युत प्रकाश मौर्य
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झील के किनारे पहुंचते ही मैं एक साइकिल किराये पर ले लेता हूं। 50 रुपये में आधे घंटे के लिए। वैसे यहां हर साइज की साइकिलें उपलब्ध हैं। डबल सीट और डबल पैडल वाली साइकिल भी किराये पर उपलब्ध है। साइकिल से चलते हुए कुदरत का नजारा लेने के लिए बार बार रास्ते में रुक जाता हूं। फिर चल पड़ता हूं। हल्की सी बारिश हो रही है। पर इसकी परवाह किसे है।
झील के किनारे साइकिल चलाने में इतना मजा आया कि अगले दिन सुबह फिर साइकिल चलाने पहुंच गया।आप झील में पैडल वाली बोट किराये पर लेकर बोटिंग का आनंद भी उठा सकते हैं। कई जगह बोट स्टेशन बने हैं जहां से बोट किराये पर ली जा सकती है। लोग पूरे परिवार के साथ बोटिंग का आनंद लेते दिखाई दे जाते हैं। पर मैं अकेला हूं तो बोट के बजाय साइकिल चलाना पसंद किया।
यह झील देखने में प्राकृतिक
लगती है, पर आप गलत हो सकते हैं। यह एक मानव निर्मित झील है। इसका निर्माण मदुरै
के कलेक्टर रहे सर वेरे हेनरी लेविंगे ने 1863 में कराया था। पूरे कोडाईकनाल शहर
का विकास ब्रिटिश काल में हुआ। पर अब यह झील पर्यटकों के आकर्षण का सबसे बड़ा
केंद्र बन गई है। सुबह सात बजे से रात्रि 10 बजे तक झील के आसपास सैलानियों का
जमावड़ा लगा रहता है। कोडाईकनाल के कई होटल झील के पास हैं। आप भी अपने होटल का
चयन झील के निकट इलाके में ही करें तो यहां के सौंदर्य का पूरा आनंद ले पाएंगे।
लेक से लगता हुआ एक तिब्बती
बाजार है। यहां से आप कपड़े और जरूरत के दूसरे सामान खरीद सकते हैं। यहां खासतौर
पर कपड़े वाजिब दरों पर मिल जाते हैं।
झील से लगता हुआ एक सुंदर पार्क
भी है। ब्रायंट पार्क में प्रवेश के लिए टिकट है। पर पार्क में शाम को घूमना
सुहाना मौसम हो सकता है। मुझे यहां कई लोग डीएसएलआर कैमरे लेकर फोटो शूट करते
दिखाई दिए। अन्ना पार्क नामक पार्क में भी अत्यंत सुंदर फूल हैं। इन्हें आप घंटो
निहार सकते हैं। पार्क में हर्बल वृक्षों की भी श्रंखला है। कुछ घंटे पार्क में
गुजारने के बाद मैं अपने होटल लौट आया हूं।
कैसे पहुंचे – कोडाईकनाल का
निकटतम रेलवे स्टेशन पलनी है। जो 64 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरा रेलवे स्टेशन
कोडाई रोड है जो 80 किलोमीटर की दूरी पर है। वैसे यहां डिंडिगुल और मदुरै से भी
पहुंचा जा सकता है।
(KODAIKANAL LAKE, PARK, CYCLE ON RENT, BRAYANT PARK )
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