
एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार
सुबह से शाम तक जिंदगी की भागदौड़ में संघर्ष करता हुआ जीता है। बच्चे को स्कूल
भेजना, दफ्तर जाना, शापिंग करना, रेलवे स्टेशन बस स्टाप तक की भागदौड़। इस भागदौड़
में अगर उसके पास एक स्कूटर हो तो जिंदगी आसान बन जाती है। पर स्कूटर कौन सा हो।
कई स्कूटरों से तुलना के बाद हमारी नजर टीवीएस जुपिटर पर जाकर टिकती है। साल 2013
में टीवीएस द्वारा लांच इस स्कूटर को खासतौर पर 30 से 45 साल के उम्र के लोगों की
जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। पर ऐसी खूबियां है कि यह 18 से 30 और
45 से 70 साल के लोगों को भी खूब पसंद आ सकता है।
ज्यादा का फायदा
अगर हम बाजार में उपलब्ध 4
स्ट्रोक वाले गेयरलेस स्कूटरों के मॉडल का तुलनात्मक अध्ययन करें तो टीवीसी का
जुपिटर कई मामलों में ज्यादा सुविधाजनक है। जैसे बार बार पेट्रोल डालने के लिए सीट
खोलने की जरूरत नहीं। फ्यूल टैंक का ढक्कन बाहर उपलब्ध है।
जुपिटर में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट बना है। सफर शुरू करने के साथ अपना मोबाइल चार्जिंग में लगा दिजिए। जुपिटर हैंडल और सीट के बीच दूसरे माडल की तुलना में ज्यादा लेग स्पेस भी प्रदान करता है। और इन सबसे आगे अगर आपको प्रति लीटर पेट्रोल में ज्यादा माइलेज मिले तो सोने पर सुहागा। तो 110 सीसी इंजन वाला स्कूटर जुपिटर मानक स्थितियों में 62 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज का दावा करता है। इसलिए जुपिटर ने अपने एड कंपेन का नारा दिया है ज्यादा का फायदा।
जुपिटर में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट बना है। सफर शुरू करने के साथ अपना मोबाइल चार्जिंग में लगा दिजिए। जुपिटर हैंडल और सीट के बीच दूसरे माडल की तुलना में ज्यादा लेग स्पेस भी प्रदान करता है। और इन सबसे आगे अगर आपको प्रति लीटर पेट्रोल में ज्यादा माइलेज मिले तो सोने पर सुहागा। तो 110 सीसी इंजन वाला स्कूटर जुपिटर मानक स्थितियों में 62 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज का दावा करता है। इसलिए जुपिटर ने अपने एड कंपेन का नारा दिया है ज्यादा का फायदा।
नौजवान और बुजुर्गों की भी पसंद
शानदार पिकअप और मोबाइल
चार्जिंग प्वाइंट जैसी सुविधा जुपिटर को युवा वर्ग की पसंद बनाती है। तो बड़े ही
श्रम से पाई पाई कमाने में जिंदगी गुजार चुके बुजुर्गों के नजरिए से देखें तो अपने
सिगमेंट में सबसे ज्यादा माइलेज इसे प्रौढ़ लोगों की भी पसंद बनाता है। वजन में
हल्की और बड़े पहिए इसे और भी खास बनाते हैं।
टीवीएस मोटर्स के जनरल मैनेजर
वैकिल प्रोग्राम पवन भास्करराव पवार कहते हैं कि वास्तव में टीवीएस जुपिटर एक
फेमिली बाइक या यूनीसेक्स बाइक है जिसे मम्मी, पापा, दादा-दादी और बच्चे को भी
लेकर फर्राटा भर सकता है। अपनी इन सारी विशेषताओं के बीच टीवीएस जुपिटर ने पिछले
दिनों हिंदी फिल्मों के मेगा स्टार अमिताभ बच्चन को अपना ब्रांड एंबेस्डर बनाया
है।
तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले का
औद्योगिक शहर होसुर, जहां कई नामचीन ब्रांड के प्लांट लगे हैं यहीं बनता है टीवीएस
जुपिटर। बेंगलुरु शहर से 40 किलोमीटर के सफर के बाद कर्नाटक की सीमा खत्म होते ही
जैसे ही आप तमिलनाडु में प्रवेश करते हैं टीवीएस का विशाल हरा भरा प्लांट आ जाता
है। 400 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैले टीवीएस प्लांट में जुपिटर का उत्पादन
होता है। यहीं पर टीवीएस के दूसरे लोकप्रिय ब्रांड टीवीएस एक्सएल हेवी ड्यूटी
मोपेड, टीवीएस किंग तिपहिया और टीवीएस के कुछ बाइक माडल का भी उत्पादन होता है।
उत्तर भारत में सुलभ ढंग से सप्लाई के लिए हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में भी प्लांट
लगाया है।
इंजन एसेंबलिंग में 90 फीसदी
महिलाएं
टीवीएस के होसुर प्लांट में
जुपिटर को बनते हुए देखना बड़ी ही सुखद अनुभूति है। फैक्ट्री में प्रवेश के साथ ही
सबसे पहले हम इंजन का निर्माण देखते हैं। इसमें बड़ी संख्या में रोबोट काम करते
दिखाई देते हैं। इंजन की एसेंबलिंग प्लांट में 90 फीसदी महिलाएं कार्यरत है। यह
महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण है। टीवीएस प्रबंधन ने महिलाओं को बड़ी संख्या
में रोजगार देने को लेकर अपनी ओर से विशेष सक्रियता दिखाई है।
रोबोट बनाते हैं स्कूटर
टीवीएस जुपिटर का इंजन पूर्णतः
धूल रहित वातावरण में तैयार होता है। स्कूटर के मेटल और प्लास्टिक वाले हिस्से के
पेंट का काम भी अत्याधुनिक प्लांट में रोबोट करते हैं। पर उनकी मदद के लिए युवा
इंजीनियर्स भी तैनात हैं। इसके बाद शुरू होती है अलग अलग पार्ट्स की एसेंबलिंग की
प्रक्रिया। तमाम जिम्मेवार लोग हर चरण में एसेंबलिंग प्रक्रिया की जांच में लगे
रहते हैं।
हर 27 सेकेंड में एक नया स्कूटर
निर्माण की सारी प्रक्रिया से
गुजरते हुए हर 27 सेकेंड में एक नया टीवीएस जुपिटर स्कूटर तैयार होकर बाहर आ जाता
है। यानी हर मिनट में दो स्कूटर। टीवीएस की फैक्टरी में दो शिफ्ट में काम होता है।
फैक्टरी के अंदर कामकाज में गजब का अनुशासन दिखाई देता है। यह त्रुटि रहित निर्माण
के लिए काफी जरूरी भी है।
पांच दशक से आटोमोबाइल सेक्टर
में भरोसेमंद नाम टीवीएस अपने कर्मचारियों की सुविधाओं का भी अच्छा खासा ख्याल
रखती है। कंपनी परिसर में विशाल कैंटीन है। यहां रियायती दरों पर भोजन मिलता है।
हाल में यहां चपाती बनाने वाली मशीन भी लगाई गई है। भोजन सुस्वादु है। अधिकारी
कर्मचारी एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। यहां थाली धोने के लिए आटोमेटिक मशीन लगाई
गई है।
25 लाख लोगों की पसंद बना
साल 2013 में सितंबर महीने में
लांच किया गया टीवीएस जुपिटर अब देश में 25 लाख से ज्यादा लोगों की पसंद बन चुका
है और स्कूटर के बाजार में तेजी से अपना वर्चस्व बढ़ा रहा है। टीवीएस मोटर्स में
डिजाइन इंजीनियर अमित राजावाडे बताते हैं कि हम इसके डिजाइन और एस्थेटिक (सौंदर्य)
को लेकर लगातार शोध करते हैं। इस शोध का
परिणाम है जुपिटर का क्लासिग मॉडल। बाहरी कास्मेटिक में कुछ बेहतरीन बदलाव के साथ
यह कुछ ज्यादा ही यूथफुल लगता है। जेडी पावर 2018 के सर्वे में टीवीएस जुपिटर को इसके
डिजाइन के कारण मोस्ट अपीलिंग स्कूटर का अवार्ड दिया गया है।
तो अब ड्राइव पर चलें - हर सफर का साथी...
तो अब चलते हैं टेस्ट राइड के
लिए। टीवीएस जुपिटर को चलाना शानदार अनुभव है। होसुर के हरिता परिसर में 2
किलोमीटर लंबा टेस्ट ड्राईव ट्रैक बना है। हर नए स्कूटर को कम से कम 0.75 किलोमीटर
चलाकर इसकी जांच की जाती है। पर हमने
जुपिटर का चलाया 4 किलोमीटर। इस दौरान इसका पिकअप, ब्रेक की जांच की। टेढे मेढ़े
रास्तों पर घूमा फिराकर देखा। मुझे तो लगता है कि शहर में ही नहीं लॉंग ड्राईवर पर
जुपिटर के साथ निकला जा सकता है। तो आप अगर अपने या अपने परिवार के लिए स्कूटर
लेने का मन बना रहे हैं तो एक बार जुपिटर को जरूर देखकर कोई फैसला लें।
-विद्युत प्रकाश मौर्य
Driving since 2 years nice scooter
ReplyDeleteSo nice .
ReplyDeleteत्रुटिपूर्ण की जगह त्रुटिरहित कर लीजिए भईया, बाकी लेख जोरदार है
ReplyDeleteधन्यवाद भाई, आगे भी उत्साह बढ़ाते रहें।
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