भीलवाड़ा शहर से छह किलोमीटर की दूरी पर हरणी महादेव (शिव) का मंदिर स्थित है। यह राजस्थान के प्रसिद्ध शिवमंदिरों
में से एक है। यह शिव का अति प्राचीन मंदिर है। मंदिर में स्वंभू शिवलिंगम के
दर्शन किए जा सकते हैं। शिवलिंग किसी प्रचीन में गुफा में स्थित है। बाद में उसी स्थल पर मंदिर का
निर्माण करा दिया गया है। मंदिर में पीतल के बने नंदी की सुंदर प्रतिमा स्थापित की
गई है। स्थानीय लोगों में मंदिर को लेकर काफी आस्था है। वे मानते हैं शिव उन्हें
हर संकट से उबारते हैं और पूरे परिवार की रक्षा करते हैं। यहां शिव पर मिठाई, फूल,
नारियल और दूध चढाने का रिवाज है। राजस्थान में दूर दूर से लोग हरणी महादेव से
मन्नतें मांगने पहुंचते हैं।
यह मन्दिर पहाड़ी की तलहटी पर
स्थित है। प्राचीन समय में यहां घना आरण्य होने से आरण्य वन कहा जाता था,
जिसका अपभ्रंश हो कर हरणी नाम से प्रचलित हो गया। अब महादेव के
मंदिर का परिसर काफी सुंदर बन गया है। मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद पूरब रुख
का मंदिर का प्रवेश द्वार है। मंदिर परिसर में यज्ञशाला और प्रसाद की दुकाने हैं।
मंदिर का परिसर बड़ा मनोरम है। शहर से दूर ग्रामीण वातावरण में अवस्थित होने के
कारण यहां आकर अदभुत शांति का अहसास होता है।
मंदिर के पीछे विशाल सरोवर है।
हालांकि इसमें बरसात के अलावा बाकी समय में पानी नहीं रहता है। बरसात के दिनों में
हरणी महादेव का परिसर और आसपास काफी मनोरम हो जाता है। हरणी महादेव में राजस्थान
के माहेश्वरी समाज के लोगों की काफी आस्था है। वे इन महादेव को अपना कुल देवता
मानते हैं।
महाशिवरात्रि पर विशाल मेला - यहां
पर प्रत्येक शिवरात्रि पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होता है। मेले का
आयोजना जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से किया जाता है। मेले के दौरान तीनदिन
तक हर रात्रि में अलग-अलग कार्यक्रम जैसे धार्मिक भजन संध्या (रात्रि जागरण),
कवि सम्मेलन व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता है। इसके
अलावा सावन महीने में और हर सोमवार को मंदिर परिसर में उत्सव का माहौल रहता है।
खुलने का समय- मंदिर प्रातः काल
से देर शाम तक खुला रहता है। दोपहर में थोड़े समय के लिए मंदिर के पट बंद होते
हैं।
कैसे पहुंचे – हरणी महादेव का
मंदिर मंगरोप रोड पर स्थित है। भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से सुभाष चौराहा वहां से
बाइला चौराहा पहुंचे। बाइला चौराहा से मंगरोप जाने वाली बसों से हरणी महादेव तक जा
सकते हैं। बस का किराया 10 रुपये है। अगर परिवार समेत हैं या समूह में हैं तो आने
जाने के लिए टैक्सी या आटो रिक्शा बुक कर सकते हैं। मंदिर परिसर के आसपास खाने की
पीने की दुकाने हैं। रहने के लिए कुछ धर्मशालाएं भी बनी हैं।
दोपहर के तीन बजे हैं। भीलवाड़ा
रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद लोगों से पूछता हुआ हरणी महादेव के लिए चल पड़ा हूं।
बाइला चौराहा से हरणी महादेव के लिए बस मिल गई। छह किलोमीटर के सफर में रास्ते में
दो गांव मिले। शाम को मंदिर में भीड़ बिल्कुल नहीं है। दर्शन के बाद कुछ देर मंदिर
परिसर में गुजारने के बाद वापसी के लिए बस का इंतजार करने लगता हूं। थोड़ी देर में
शहर जाने वाली एक बस आ गई।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य
( HARNI MAHADEV TEMPLE, BHILWARA, RAJSTHAN )
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन टोपी, कबीर, मगहर और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
ReplyDeleteधन्यवाद राजा जी
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