भूटान में दोचुला से पुनाखा की ओर
आगे बढ़ने पर अचानक हमें एक गाड़ियों का जत्था (कॉनवाय) जाता दिखा। दरअसल भूटान के
वर्तमान राजा का काफिला पुनाखा से थिंपू की ओर आ रहा था। हमारे ड्राईवर साहब
चिंतित हो गए कि मैं राजा के सम्मान में गाड़ी रोक नहीं पाया। कहीं उनके सुरक्षा
दस्ते ने मेरी गाड़ी का नंबर तो नहीं नोट कर लिया होगा। मैंने उन्हें सांत्वना दी।
ऐसा नहीं हुआ होगा, आप निश्चिंत होकर चलते रहिए। पर यह वाकया बताता है कि जब भी राजा काफिला गुजरता है लोग सम्मान में गाड़ियां रोक देते हैं।
सबसे लंबा शासन काल - जिग्मे सिंगे वांगचुक (
1972 – 2005 ) – भूटान के राजाओं में सबसे लंबा कार्यकाल चौथे राजा जिग्मे सिंगे
वांगचुक का रहा। करीब 33 साल शासन करने के बाद 17 दिसंबर 2005 को उन्होंने अपने बेटे के लिए राज गद्दी छोड़ने का
खुद ही ऐलान कर दिया। वे भूटान की जनता में काफी लोकप्रिय रहे। पर जिग्मे सिंगे ने कुल चार शादियां की हैं। एक और मजेदार बात उनकी चारों रानियां आपस
में बहनें हैं। वे तो पांचवी सबसे छोटी बहन से भी शादी करना चाहते थे, पर सबसे छोटी बहन ने ये रिश्ता स्वीकार नहीं किया। उसने राज
परिवार से बाहर किसी कारोबारी से शादी करना पसंद किया। लंबे समय तक शासन के बाद जिग्मे सिंगे वांगचुक ने 2005 में अपने बेटे के लिए राजसत्ता खुद ही छोड़ने का ऐलान कर दिया। इसके
बाद वे अवकाश प्राप्ति का जीवन जीने लगे।
भूटान में अगर
राजपरिवार की गाड़ी हो तो उसके आगे नंबर प्लेट पर भूटान -1 से लेकर 20 तक नंबर हो
सकता है। प्राइवेट टैक्सी का नंबर बीपी, किराये की टैक्सी का नंबर बीटी होता है।
इसी तरह बीजी मतलब भूटान सरकार, बीएसटी मतलब भूटान रायल फेमिली, आरबीजी मतलब रायल
भूटान गार्ड, आरबीपी मतलब रायल भूटान पुलिस, आरबीए मतलब रायल भूटान आर्मी होता है।
पांचवे राजा हैं जिग्मे
खेशर नामग्याल वांगचुक - भूटान के वर्तमान राजा जिग्मे खेशर नामग्याल वांगचुक हैं। उनकी ताजपोशी
2006 में हुई थी। भूटान नरेश जिग्मे खेशर
नामग्याल वांगचुक ने मार्च 2013 में जेटसन
पेमा से विवाह रचाया। भारत और लंदन
के रीजेंट्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करने वाली जेटसन पेमा ने बौद्ध रीति रिवाज
से एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाईं। पेमा पायलट की बेटी हैं।
ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई कर चुके शादी के समय 31 वर्षीय
नरेश से पेमा 10 साल
छोटी हैं।
भूटान (भोटान्त) हिमालय पर बसा
दक्षिण एशिया का एक छोटा देश है जो चीन
(तिब्बत) और भारत के बीच स्थित है। इस देश का स्थानीय नाम द्रुक यू है,
जिसका मतलब होता है ‘अझदहा का देश । भूटान देश
मुख्यतः पहाड़ी है केवल दक्षिणी भाग में थोड़ी सी समतल भूमि है। कहा जाता है भूटान
मतलब हुआ भू उत्थान यानी ऊंची जमीन। सांस्कृतिक और धार्मिक तौर से तिब्बत से जुड़ा
है, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक तौर पर यह भारत के करीब है।
भूटान का राजप्रमुख राजा अर्थात द्रुक ग्यालपो होता है।
पहले राजा गौंगसार उग्येन वांगचुक (1907 – 1926) - भूटान में राजतंत्र की शुरुआत 1907 में हुई। राजतंत्र की स्थापना के साथ ही 17 दिसंबर 1907 को गौंगसार उग्येन वांगचुक भूटान के पहले राजा बने। 1865 में ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ, जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती कुछ भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान पर करार हुआ। ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहाँ राजशाही की स्थापना हुई। 1910 में एक और समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटेन इस बात पर राजी हुआ कि वह भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेगा, लेकिन भूटान की विदेश नीति इंग्लैंड द्वारा तय की जाएगी। बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली।
पहले राजा गौंगसार उग्येन वांगचुक (1907 – 1926) - भूटान में राजतंत्र की शुरुआत 1907 में हुई। राजतंत्र की स्थापना के साथ ही 17 दिसंबर 1907 को गौंगसार उग्येन वांगचुक भूटान के पहले राजा बने। 1865 में ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ, जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती कुछ भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान पर करार हुआ। ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहाँ राजशाही की स्थापना हुई। 1910 में एक और समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटेन इस बात पर राजी हुआ कि वह भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेगा, लेकिन भूटान की विदेश नीति इंग्लैंड द्वारा तय की जाएगी। बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली।
जिग्मे वांगचुक ( 1926
-1952 ) – दूसरे राजा जिग्मे
वांगचुक ने 26 साल तक शासन किया। भारत के आजाद होने के समय यहां पर उनका ही शासन था। भूटान के सभी संस्थान, होटल, दुकान में आपको पांच
राजाओं की तस्वीरें क्रम से लगी हुई दिखाई दे जाएंगी।
Father of Bhutan - जिग्मे दोरजी वांगचुक – (1952-1972)
– फादर ऑफ भूटान के नाम से लोकप्रिय तीसरे राजा जिग्मे दोरजी वांगचुंग ने 20 साल
तक शासन किया। उन्हें फादर ऑफ भूटान इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भूटान में आधुनिकीकरण
की नींव रखी। उनके शासन काल में परंपरागत देश भूटान ने कई बेहतर बदलाव देखे। लोगों के जीवन में खुशहाली आई। कई बौद्ध मठ और मंदिरों का निर्माण हुआ। उनके शासन काल में ही भूटान जैसे देश का संपर्क आसपास के देशों से बढ़ने लगा। जिग्मे दोरजी वांगचुक ने देश के पहले प्रधानमंत्री
पंडित जवाहरलाल नेहरु से मुलाकात की थी। ये मुलाकात साल 1954 में हुई थी। इससे भारत और भूटान के रिश्तों में और मजबूती बढ़ी और आपसी सहयोग का दायरा भी बढ़ा। भूटान की राजधानी थिंपू में इन दोनों की मैत्री की याद में नेहरू वांगचुंक सेंटर बना हुआ है।

-
विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
( KINGS OF BHUTAN, THIMPU, PUNAKHA )
( KINGS OF BHUTAN, THIMPU, PUNAKHA )
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
ReplyDeleteधन्यवाद
Delete