दूसरी
बार सिक्किम की राह पर हूं। साल 2015 के दिसंबर में सिक्किम जाना हुआ था। तब
सिक्किम को 16 जनवरी 2016 को आरगेनिक स्टेट का दर्जा मिलने वाला था। अब हम आरगेनिक
स्टेट में जा रहे हैं। दिल्ली के टी3 से एयर इंडिया की बागडोगरा वाली फ्लाइट समय पर
है। यह 36 नंबर गेट से उड़ान भरेगी। सारे यात्रियों के प्रवेश करने के बाद यह विमान अपने तय समय
से 20 मिनट पहले ही हवा में है।
इस बार खिड़की वाली सीट पर अनादि हैं बीच में मैं और बगल वाली सीट पर एक
युवा सरकारी अधिकारी। उनसे बातों सिलसिला शुरू हुआ। इसी बीच विमान की खिड़की श्वेत
धवल हिमालय की चोटियां दिखाई देती रहीं। कहते हैं दिल्ली से गुवाहाटी, बागडोगरा जाते समय में माउंट एवरेस्ट भी विमान की खिड़की से दिखता है। हालांकि हमें माउंट एवरेस्ट नहीं दिखा पर बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियां हमेशा नजर में रहीं।
बीच-बीच में एयर इंडिया के शाकाहारी खाने का लुत्फ उठाता रहा। इसी बीच दो घंटे कब गुजर गए पता नहीं चला और विमान बाग डोगरा में उतरने लगा है। चारों तरफ हरे-भरे चाय के बगान नजरों में हैं। इन बगानों के बीच हरियाला एयरपोर्ट। अपने नाम के अनुरूप यह एयरपोर्ट किसी बाग की तरह ही प्रतीत होता है। बाग डोगरा एयरपोर्ट सिलिगुड़ी शहर से 12 किलोमीटर बाहर बिहार जाने वाले हाईवे पर हरे भरे चाय के बगानों के बीच में है।
बीच-बीच में एयर इंडिया के शाकाहारी खाने का लुत्फ उठाता रहा। इसी बीच दो घंटे कब गुजर गए पता नहीं चला और विमान बाग डोगरा में उतरने लगा है। चारों तरफ हरे-भरे चाय के बगान नजरों में हैं। इन बगानों के बीच हरियाला एयरपोर्ट। अपने नाम के अनुरूप यह एयरपोर्ट किसी बाग की तरह ही प्रतीत होता है। बाग डोगरा एयरपोर्ट सिलिगुड़ी शहर से 12 किलोमीटर बाहर बिहार जाने वाले हाईवे पर हरे भरे चाय के बगानों के बीच में है।
देश में हरियाली के बीच इतना सुंदर एयरपोर्ट शायद ही कोई दूसरा हो। पर काफी कम लोग इस एयरपोर्ट से वाकिफ हैं। हमें एक हनीमून कप मिले जो गंगटोक से दिल्ली जाने के लिए पहले गुवाहाटी गए फिर वहां से दिल्ली की फ्लाइट बुक कराई। उन्हें बागडोगरा के बारे में पता भी नहीं था। बिहार के किशनगंज पूर्णिया, कटिहार यानी सीमांचल क्षेत्र के लोग भी इस हवाई अड्डे का खूब इस्तेमाल करते हैं।
बाग डोगरा महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डा भी है। साथ
ही दार्जिलिंग, सिक्किम, बंगाल के दुआर्स और भूटान जाने के लिए निकटतम एयरपोर्ट है।
बाग डोगरा एयरपोर्ट से गंगटोक के लिए सिक्किम टूरिज्म का छोटा हेलीकॉप्टर रोज उड़ान
भरता है। इसकी पूछताछ आप यहीं कर सकते हैं। चाहे तो उड़कर भी सिक्किम जा सकते हैं।
वहीं भूटान के पारो के लिए भी यहां से
विमान सेवा है। एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर अगर आप टैक्सी बुक करते हैं तो
सिलिगुड़ी जंक्शन के लिए वे 500 से 600 मांगते हैं। पर हमें एक सूमो वाले मिल गए
उन्होंने हम दो सवारियों को 100 रुपये में
ही हिलकार्ट रोड पर छोड़ दिया। वैसे बागडोगरा से आपको गंगटोक या दार्जिलिंग
जाने के लिए रिजर्व छोटी या बड़ी गाड़ी चाहिए तो मिल जाएगी।
अगर सस्ते में बागडोगरा एयरपोर्ट से शहर की ओर जाना चाहते हैं तो टैक्सी के चक्कर में न पड़कर पैदल चलते हुए ही थोड़ा बाहर की ओर निकलें। बाहर निकलकर आधा किलोमीटर पैदल चलें। आप एनएच 31 पर पहुंच जाएंगे। यहां से आपको बाग डोगरा बाजार और सिलिगुड़ी के लिए आटो बैटरी रिक्शा आदि मिल जाएंगे।
अगर सस्ते में बागडोगरा एयरपोर्ट से शहर की ओर जाना चाहते हैं तो टैक्सी के चक्कर में न पड़कर पैदल चलते हुए ही थोड़ा बाहर की ओर निकलें। बाहर निकलकर आधा किलोमीटर पैदल चलें। आप एनएच 31 पर पहुंच जाएंगे। यहां से आपको बाग डोगरा बाजार और सिलिगुड़ी के लिए आटो बैटरी रिक्शा आदि मिल जाएंगे।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन घनश्याम दास बिड़ला और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteधन्यवाद भाई
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