कानपुर में एक टोपी बाजार है जहां सिर्फ टोपियों की दुकानें है। इन
टोपी बाजार की पतली गलियों से गुजरते हुए हमलोग बिरहाना रोड पहुंच गए हैं। ये
कानपुर की अत्यंत पुरानी सड़क है। इस सड़क पर ज्वेलरी की कई प्रसिद्ध दुकाने हैं।
पिछली तीन पीढ़ियों से शुक्ला परिवार मलाई मक्खन की दुकान चला रहा
है। हालांकि शुक्ला मक्खन के आसपास अब कुछ और मक्खन वाली दुकाने खुल गई हैं। पर जो
स्वाद शुक्ला मक्खन का है वैसा स्वाद किसी और का कहां। कई लोग तो कई दशकों से
शुक्ला मक्खन के स्वाद के दीवानें हैं और अक्सर यहां पहुंचते हैं।
बिरहाना रोडपर हमलोग पहुंच गए हैं शुक्ला मक्खन के स्टाल पर। नया
गंज चौराहा पर स्थित शुक्ला मक्खन की दुकान का नाम अब कानपुर से बाहर काफी दूर तक
मशहूर हो चुका है। घर के बने हुए मतलब होममेड मक्खन को ये अपने अंदाज में परोसते
हैं। हल्की सी मिठास वाला हल्का मक्खन। और मक्खन के ऊपर मलाई डाल कर। तो हो गया
शुक्ला मलाई मक्खन। उसके ऊपर कई तरह के ड्राई फ्रूट की कतरन उसका स्वाद और भी बढ़ा
देती है। ये मक्कन तो हवा के मानिंद हल्का है। जो एक बार खा लेता उसे इसका स्वाद
लग जाता है। सर्दियों में सुबह से लेकर शाम तक यहां मक्खन खाने वालों की खूब भीड़
उमड़ती है।
शुक्ला मक्खन का हल्का मीठा स्वाद है। यह आपके मुंह में जाते ही
घुल जाता है। देखने में फोम जैसा और खाने के बाद पेट में काफी हल्की अनुभूति।
शुक्ला मक्खन का स्वाद लाजवाब है। पर ये मक्खन सिर्फ सर्दियों के मौसम में ही
मिलता है।
जब हम शुक्ला मक्खन के स्टाल पर पहुंचे हैं वाराणसी के मदनपुरा
मुहल्ले का एक मुस्लिम परिवार शुक्ला मक्खन का स्वाद लेने पहुंचा है। सभी सदस्यों
ने मस्कट वाली टोपी लगा रखी है। वे सिर्फ शुक्ला मक्खन का स्वाद लेने के लिए अपनी
लंबी यात्रा के बीच कानपुर में रुक गए हैं।
शुक्ला मक्खन वाले अब पैकिंग की सुविधा भी देते हैं। अगर आपको
मक्खन घर ले जाना है तो मिट्टी की हांडी में मक्खन को अच्छी तरह पैक कर देते हैं।
यह कुछ घंटे तक खाने योग्य रह सकती है। तो बनारस वाला मुस्लिम परिवार खाने के बाद
पैक भी कराने में लगा है।
शुक्ला मलाई मक्खन कानपुर का परंपरागत डेजर्ट है। जब कभी आप
सर्दियों में कानपुर पहुंचे तो बिरहाना रोड का रुख करें और शुक्ला मलाई मक्खन का
स्वाद जरूर लें।
जब हमलोग पहुंचे हैं मक्खन का रेट है 460 रुपये किलो। सबसे छोटी
प्लेट है 70 रुपये में150 ग्राम की प्लेट। पर इतना खाकर आप तृप्त हो जाएंगे। और इसका स्वाद कई दिनों तक याद आता रहेगा।

गर्मियों में शुक्ला मक्खन में मलाई मक्खन नहीं मिलता है। तो
गर्मियों में यह दुकान फ्रूट आईसक्रीम की दुकान में बदल जाती है। मौसम में उपलब्ध
ताजे फलों से वह आइसक्रीम तैयार करते हैं। मैं कानपुर को अब तक ठग्गू के लड्डू के
लिए जानता था पर अब उसमें शुक्ला मक्खन का नाम भी जुड गया है।
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विद्युत प्रकाश
मौर्य
(SHUKLA MAKHHAN, BIRHANA ROAD, KANPUR )
(SHUKLA MAKHHAN, BIRHANA ROAD, KANPUR )
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