अगरतला के शकुंतला रोड पर ही अब रविंद्र शतवार्षिकी भवन नामक विशाल सभागार बन चुका है। त्रिपुरा के साथ रबी ठाकुर के रिश्ते को लोगों ने बड़े प्यार से संभाल कर रखा है। रखें भी क्यों नहीं टैगोर को अगरतला से बड़ा लगाव जो था। वे सात बार यहां पर आए थे।
पास में एक विशाल मार्केटिंग कांप्लेक्स भी दिखाई दे रहा है जो हाल में ही बनकर तैयार हुआ है। रविंद्र भवन के बाहर एक विशाल पोस्टर लगा है जिसमें 2017 में त्रिपुरा में हमले में मारे गए दो पत्रकारों के मौत की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। यहां की पत्रकार बिरादरी लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रही है।
पास में एक विशाल मार्केटिंग कांप्लेक्स भी दिखाई दे रहा है जो हाल में ही बनकर तैयार हुआ है। रविंद्र भवन के बाहर एक विशाल पोस्टर लगा है जिसमें 2017 में त्रिपुरा में हमले में मारे गए दो पत्रकारों के मौत की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। यहां की पत्रकार बिरादरी लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रही है।

आईपीएफटी राज्य के 10,491 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जो राज्य का दो तिहाई से अधिक इलाका होगा को अलग राज्य बनाने की मांग कर रही है। इस क्षेत्र में 12 लाख आबादी रहती है। राज्य में 19 प्रमुख जनजातियां निवास करती हैं।इन जनजातीय लोगों का का प्रतिनिधित्व आईपीएफटी करने का दावा करता है। इसके अलावा आईपीएफटी त्रिपुरा की प्रमुख जनजातीय भाषा कोकबोरोक को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी कर रहा है।
त्रिपुरा से अब चला चली की वेला है। मैं होटल से चेकआउट कर अगरतला एयरपोर्ट के लिए निकल पड़ा हूं। कमान चौमुहानी के आसपास से एयरपोर्ट से लिए शेयरिंग आटोरिक्शा एयरपोर्ट के लिए चलते हैं। कुल 11 किलोमीटर की दूरी का किराया है 20 रुपये। आटोरिक्शा बिल्कुल एयरपोर्ट के पोर्च में जाकर छोड़ते हैं। अगरतला देश के चंद उन एयरपोर्ट में शामिल है जहां आप इतने सस्ते में समाजवादी तरीके से पहुंच सकते हैं।
कोलकाता की उड़ान बांग्लादेश के आसमान से -
पिछली बार मैं अगरतला से ट्रेन से गुवाहाटी पहुंचा था। पर इस बार वायु मार्ग से कोलकाता जाना है। इंडिगो की उड़ान है। संख्या 6ई 275 कोलकाता होकर चेन्नई और फिर कोयंबटूर तक जाती है। अगरतला एयरपोर्ट पर जेट की लाइन में लग गया। तभी एक जेट कर्मचारी आकर बोलती हैं लाइए मैं आपका बोर्डिंग पास निकाल लाती हूं। थोड़ी ही देर में मैं विमान में अपनी सीट पर हूं। कैप्टन हैं जयमूर्ति और वाइस कैप्टन ताशी भूटिया। क्रू के हेड हैं मणिपुर के मेरान। भूटिया महिलाएं विमान भी उड़ा रही हैं, गर्व की बात है।
कैप्टन बताते हैं कि अगरतला से कोलकाता की 40 मिनट की उड़ान में हम ज्यादातर समय बांग्लादेश के आसमान से उड़ेंगे। तो सारे रास्ते हमें विमान की खिड़की से बांग्लादेश के नदी, पहाड़ और खेत धुंधले ही सही नजर आते रहे हैं। वह सारा भू भाग जो कभी हमारे अपने देश का ही हिस्सा हुआ करता था। पर 1947 में एक दीवार खींच गई। मेरे जेहन में ख्याल आता है, क्या ये दीवार कभी गिरेगी। तभी कैप्टन घोषणा करते हैं- हम कोलकाता उतरने वाले हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( TRIPURA, AGARTALA AIRPORT, BANGLADESH )
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