पुराने
अगरतला से लौटते हुए मुझे सड़क पर एक स्टाल में हास ( मतलब हंस या बतख) नामक स्थानीय चिड़िया का मांस
बिकता हुआ दिखाई दिया। दुकानदार भाई ने उस चिड़िया की तस्वीर भी लगा रखी थी। वे उस
चिडिया के मांस के साथ बिरयानी की प्लेट 80 रुपये की बेच रहे थे। जैसा कि उन्होने
बताया कि इस चिड़िया का मांस सर्दियों में गर्म होता है इसलिए लोग खाते हैं। बाद में पता चला कि यह हंस है इसे लोग यहां हास बोलते हैं। हंस माने कि बतख। भले
ही त्रिपुरा बंगाली बहुल शहर हो पर यहां के रेस्टोरेंट में चिकेन, मटन, मछली,
पोर्क और कई तरह की चिड़िया का मांस आपको बिकता हुआ दिखाई देता है।
पर घबराइए मत
अगरतला में शाकाहारी खाने के लिए तमाम विकल्प मौजूद हैं। पुराने मोटर स्टैंड के
पास निरामिष भोजनालय स्थित है। यहां पर पांच रुपये की चपाती और अलग अलग सब्जियां
20, 30 और 40 रुपये की हैं। यहां पर मुझे कटहल की सब्जी की प्लेट भी दिखाई देती
है। हर सब्जी की प्लेट का नमूना स्वागत कक्ष के काउंटर पर लगा रखा है। खाना
संतोषजनक है। पर इस बार मुझे एक और बेहतरीन शाकाहारी भोजनालय दिखाई दे गया अगरतला
की सड़कों पर।
उज्जयंत
पैलेस के पास एलएनबाड़ी रोड पर है मां शेरावली स्वीट्स । यह मिठाईकी दुकान के साथ
एक होटल भी है। एक तरफ मिठाई की दुकान दूसरी तरफ डाइनिंग हॉल।
अगरतला
के शेरावली स्वीट्स में आपको हर तरह की मिठाइयां मिल जाएंगी। मालपुआ, केसर चमचम,
केसर बर्फी, चना टोस्ट, स्ट्राबेरी बर्फी के अलावा वे शुगर फ्री मिठाइयां भी बनाते
हैं। सुबह के नास्ते में आपको यहां गुजराती स्वाद ढोकला, खमण आदि भी मिल जाएगा।
वहीं लंच और डिनर में दक्षिण भारतीय खाना, गुजराती थाली और उत्तर भारतीय थाली के विकल्प भी मौजूद हैं। मेरे पास अब समय नहीं है इसलिए सुबह नास्ते में मैं यहां ढोकला लेता हूं। इसके बाद वापस अपने होटल के निकल जाता हूं। अपनी पिछली यात्रा में मैं शकुंतला रोड स्थित गुजरात भोजनालय गया था। अब उस होटल की पुरानी बिल्डिंग गिराई जा चुकी है। गुजरात भोजनालय अब नए भवन में शिफ्ट हो चुका है। हालांकि इस बार में इस शाकाहारी भोजनालाय में खाने का समय नहीं निकाल सका।
वहीं लंच और डिनर में दक्षिण भारतीय खाना, गुजराती थाली और उत्तर भारतीय थाली के विकल्प भी मौजूद हैं। मेरे पास अब समय नहीं है इसलिए सुबह नास्ते में मैं यहां ढोकला लेता हूं। इसके बाद वापस अपने होटल के निकल जाता हूं। अपनी पिछली यात्रा में मैं शकुंतला रोड स्थित गुजरात भोजनालय गया था। अब उस होटल की पुरानी बिल्डिंग गिराई जा चुकी है। गुजरात भोजनालय अब नए भवन में शिफ्ट हो चुका है। हालांकि इस बार में इस शाकाहारी भोजनालाय में खाने का समय नहीं निकाल सका।
इस
बार की अगरतला यात्रा में मेरी मुलाकात विभूति देववर्मा से भी हुई। सूचना देने पर
विभूति मुझसे मिलने होटल में आए। उनके साथ अगरतला के एक पत्रकार भी थे। संजय सेन संवाद नामक बांग्ला अखबार में काम करते हैं। मुलाकात के बाद विभुति अपने घर और ससुराल भी ले गए। विभूति मेरे
फेसबुक की फ्रेंडलिस्ट में हैं। वे त्रिपुरा सरकार में कर्मचारी और सामाजिक मोर्चों सक्रिय
रहने वाले नौजवान हैं। विभुति के साथ कभी बांग्लादेश का दौरा करने पर चर्चा भी हुई।
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विद्युत प्रकाश मौर्य ( MA SHERAWALI SWEETS, AGARTALA AIRPORT, )
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