एर्नाकुलम के पास कालडी ग्राम आदि शंकराचार्य की जन्मस्थली है। कालडी
में जो नंबुदरिपाद ब्राहम्णों का गांव है, अब देश भर से आने वाले हिंदू श्रद्धालुओं
के आस्था का केंद्र बन चुका है। इसी गांव में 788 ई में आदि शंकराचार्य का जन्म हुआ
था। उनका परलोक गमन 820 ई. में केदारनाथ (उत्तराखंड) में हुआ।
कलाडी गांव से होकर केरल की प्रसिद्ध पेरियार नदी बहती है। इसका एक
नाम पूर्णा भी है। इसी पेरियार नदी में शंकराचार्य बचपन में स्नान किया करते थे।


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शंकर कीर्ति स्तंभ। |
कालडी में विशाल शंकर कीर्ति स्तंभ मंडपम – कालडी में शंकराचार्य की याद में विशाल शंकर
कीर्ति स्तंभ मंडपम भी निर्माण कराया गया है। यह स्तंभ वास्तव में आठ मंजिला
गोलाकार भवन है। इसमें ऊपर जाने के लिए गोलाकार सीढ़ियां बनी हैं। रास्ते में
शंकराचार्य की जीवन चित्रों में प्रदर्शित किया गया है। इस स्तंभ का निर्माण कांची
कामकोटि पीठम द्वारा कराया गया है। स्तंभ मंडप की ऊंचाई 45 मीटर ( 148 फीट) है। पेरियार
नदी के तट पर यहां विशाल रामकृष्ण मिशन का आश्रम भी है। यहां आप उस घाट को भी देख
सकते हैं जहां शंकराचार्य बचपन में पेरियार नदी में स्नान किया करते थे।
1910 में हुआ था विशाल कुंभाभिषेकम - कालडी में श्रंगेरी
शारदा पीठम की शाखा भी स्थापित की गई है। यह मठ भी पेरियार नदी के किनारे है। मठ
में नदी तट पर सुंदर घाट बना हुआ है। उन्नीसवीं सदी तक कालडी ग्राम बहुत चर्चा में
नहीं होता था। पर 1910 में श्रंगेरी मठ के शंकराचार्य जगदगुरु सचिदानंद नरसिंह
भारती की प्रेरणा से कालडी में दो मंदिरों का निर्माण हुआ। एक मंदिर मां शारदा का
और दूसरा आदि शंकराचार्य का। साल 1910 में गांव में विशाल कुंभाभिशेक महोत्सव का
आयोजन हुआ। इसके बाद से हर साल कालडी में हिंदू श्रद्धालु आने लगे। अब कालडी में
आदि शंकराचार्य के नाम पर कई शैक्षणिक संस्थान, चिकित्सालय आदि का निर्माण हो चुका
है। आश्रम परिसर में अतिथि निवास का भी निर्माण कराया गया है।
कालडी ग्राम का वातावरण काफी मनोरम है। पेरियार केरल की बहुत सुंदर
नदियों में से एक है। इसका एक नाम पूर्णा भी है। नदी के किनारे सुंदर नारियल के
पेड़ नजर आते हैं।
कैसे पहुंचे – कालडी पहुंचने के लिए वैसे तो निकटतम रेलवे स्टेशन अंगामाली
फार कालडी 7 किलोमीटर है। अलुवा रेलवे स्टेशन से कालडी 22 किलोमीटर है। पर बेहतर
होगा कि आप कोचीन शहर में रुके और वहां से स्थानीय बसें या टैक्सी बुक करके कालडी
पहुंचें। कोचीन से कालडी की दूरी 40 किलोमीटर है। कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कलाडी
सिर्फ 7 किलोमीटर है। कोचीन शहर में ही रुककर कालडी के अलावा आथिरापल्ली, फोर्ट
कोच्चि आदि भ्रमण किया जा सकता है।
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माधवी रंजना
( KALADY, COCHIN, ADI
SHANKARCAHRYA )
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