उडुपी दक्षिण भारतीय व्यंजनों
के लिए जाना जाता है। इतना प्रसिद्ध की उडुपी साउथ इंडियन खाने का पर्याय ही बन
गया है, तभी तो देश के तमाम दूसरे शहरों में उडुपी नाम से रेस्टोरेंट खुल गए हैं।
तो आप उडुपी में आएं और डोसा और इडली का स्वाद न लें ऐसा कैसे हो सकता है।
हमें उडुपी में श्रीकृष्णा मंदिर के प्रवेश द्वार से पहले एक मनोरम परिसर वाला होटल व रेस्टोरेंट नजर आया। तो हम सबसे पहले सुबह के नास्ता के लिए वहां पहुंच गए। तो हमने मंदिर के मुख्य द्वार के
सामने मथुरा वेज में सुबह सुबह डोसा और इडली का स्वाद लिया।
दुबारा मंदिर में दर्शन के बाद हमलोग दोपहर में भी भोजन के लिए यहीं पहुंचे। दोपहर में शाकाहारी
बिरयानी मंगाई। यहां पर उत्तर भारतीय शाकाहारी थाली भी उपलब्ध है। महज 110 रुपये
की थाली में तमाम आइटम। तो एक थाली भी मंगा ली। हर व्यंजन का स्वाद लाजवाब। बेहतरीन उत्तर भारतीय खाना और
वह भी वाजिब दरों पर, यह मथुरा वेज की खासियत है। खाने के बाद ऐसा मन ख्याल आया कि दुबारा उडुपी इसी
रेस्टोरेंट में खाने के लिए ही पहुंचा जाए।
मथुरा वेज रेस्टोरेंट का परिसर अत्यंत सुरूचिपूर्ण ढंग से सजा है। पूरे परिसर में कृष्ण लीला के सुंदर मूर्तियों से सजा है। परिसर में आकर लगता है मानो कान्हा की
नगरी में ही आ गए हों। मथुरा वेज एक आवासीय होटल भी है। यहां एसी और नान एसी कमरे
वाजिब दरों पर उपलब्ध हैं।
उडुपी में अगर डोसा इडली का स्वाद लेना है तो शहर के प्रसिद्ध डायना रेस्टोरेंट का रुख किया जा सकता है। वहीं मित्र समाज में भी मसाला डोसा का स्वाद ले सकते हैं।
उडुपी में ज्यादातर होटलों में खाने पीने की दरें अत्यंत वाजिब हैं। समय की कमी के कारण हमलोग कई और रेस्टोरेंट के खाने का स्वाद नहीं ले सके। पर अच्छे शहरों में अगली बार के लिए भी कुछ स्थलों को छोड़ देना चाहिए। तो अगली बार लेगें कुछ और स्वाद।
उडुपी में अगर डोसा इडली का स्वाद लेना है तो शहर के प्रसिद्ध डायना रेस्टोरेंट का रुख किया जा सकता है। वहीं मित्र समाज में भी मसाला डोसा का स्वाद ले सकते हैं।
उडुपी में ज्यादातर होटलों में खाने पीने की दरें अत्यंत वाजिब हैं। समय की कमी के कारण हमलोग कई और रेस्टोरेंट के खाने का स्वाद नहीं ले सके। पर अच्छे शहरों में अगली बार के लिए भी कुछ स्थलों को छोड़ देना चाहिए। तो अगली बार लेगें कुछ और स्वाद।
लकड़ी के सामान खरीदें -
उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर के चारों तरफ की वीथियों में सुंदर बाजार है। यहां खास तौर
पर आप लकड़ी के बने हुए सामनों की खरीददारी कर सकते हैं।
लकड़ी के बने सुंदर नक्काशीदार मंदिरों की दर्जनों दुकानें यहां देखी जा सकती हैं। यहां खरीददारी में कोई मोलभाव नहीं है। आमतौर पर दुकानदार पहले से ही वाजिब कीमत बताते हैं।
लकड़ी के बने सुंदर नक्काशीदार मंदिरों की दर्जनों दुकानें यहां देखी जा सकती हैं। यहां खरीददारी में कोई मोलभाव नहीं है। आमतौर पर दुकानदार पहले से ही वाजिब कीमत बताते हैं।
उडुपी का सुंदर सुरम्य मलपे बीच - उडुपी का प्रमुख आकर्षण है मलपे
बीच। यह अरब सागर के अत्यंत खूबसूरत समुद्र तटों में से एक है। शहर के मध्य में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर से
मलपे की दूरी 8 किलोमीटर है। वहां जाने के लिए आटोरिक्शा ले सकते हैं।
आप चाहें तो शाम को समंदर के साथ कुछ घंटे गुजारने के
लिए वक्त मुकर्रर कर सकते हैं। पर बेहतर होगा कि आप अगर उडुपी में पहुंचे हैं तो यहां पर कम से कम दो दिन के लिए तो ठिकाना बनाएं। तभी आप उडुपी की खुशबू और अपनेपन को बेहतर ढंग से महसूस कर सकते हैं।
मलपे बीच पर समंदर की ओर रुख करते हुए कुछ सुंदर रिजार्ट और होटल बने हैं। यहां रहकर परिवार के संग समुद्र तट पर मौज मस्ती करने का अलग आनंद है।
यहां समंदर की लहरें, नारियल के हरे भरे पेड़ के साथ यहां पर रेत पर आप कई तरह के खेलों का भी मजा ले सकते हैं। मलपे बीच पर बापू की बैठी हुई मुद्रा में एक सुंदर प्रतिमा भी नजर आती है। उडुपी में समुद्र तट पर रहना गोवा, केरल या मुंबई में रहने से किफायती भी है।
मलपे बीच पर समंदर की ओर रुख करते हुए कुछ सुंदर रिजार्ट और होटल बने हैं। यहां रहकर परिवार के संग समुद्र तट पर मौज मस्ती करने का अलग आनंद है।
यहां समंदर की लहरें, नारियल के हरे भरे पेड़ के साथ यहां पर रेत पर आप कई तरह के खेलों का भी मजा ले सकते हैं। मलपे बीच पर बापू की बैठी हुई मुद्रा में एक सुंदर प्रतिमा भी नजर आती है। उडुपी में समुद्र तट पर रहना गोवा, केरल या मुंबई में रहने से किफायती भी है।
रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के
इंतजार के दौरान हमारी मुलाकात एक रोहतास जिले के नौजवान से होती है। वे बताते हैं
कि यहीं मनीपाल में इंजीनियरिंग की पढाई की, और बाद में नौकरी भी यहीं मिल गई। तो
दिल लग गया है यहां, कहीं और जाने की इच्छा नहीं होती। उडुपी में रहकर आप बाइक
किराये पर लेकर आसपास के स्थलों को गहराई से घूम सकते हैं।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य ( UDUPI, MATHURA VEG, THALI, MASALA DOSA )
आगे पढ़िए - उडुपी से कोंकण रेल के रास्ते से वापसी
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रोचक जानकरी। मुझे तो यही लगता था कि उड्डुपी खाने का प्रकार है। क्योंकि मुंबई में काफी उड्डुपी रेस्टोरेंट हैं। मौका लगा तो इधर जरूर जाऊँगा।
ReplyDeleteजरूर जाएं . पास में शृ्गेरी , शिवमोगा , जोग फाल्सफाल्स , मुरडेश्वर भी है।
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