केरल से हमारी वापसी का टिकट
अलुवा रेलवे स्टेशन से है। वास्तव में मुन्नार का निकटतम रेलवे स्टेशन अलुवा ही
है। यह मुंबई की तरफ से जाने पर कोच्चि से पहले ही पड़ता है। इसलिए अगर आपको
मुन्नार जाना हो तो अलुवा में ही उतर सकते हैं। तो मुन्नार से लौट रही बस के
कंडक्टर को हमने कह दिया था कि हमें अलुवा में ही उतार दें। उन्होंने रेलवे स्टेशन
के पास हमें उतर जाने का संदेश दिया। हमलोग बस से उतर कर आसानी से रेलवे स्टेशन
पहुंच गए। हमारी उडुपी जाने वाली ट्रेन 8.30 बजे है। हमारे पास दो घंटे का समय है।
तो हमने सोचा पेट पूजा कर ली जाए।

चलने का लाभ भी हुआ। हमें अच्छा शाकाहारी भोजनालय मिल गया। विशाल डायनिंग हॉल और दरें भी काफी वाजिब हैं। होटल आर्या अलुवा में स्टेशन के पास शाकाहारी खाने के लिए बेहतर विकल्प है। यह एक पारिवारिक रेस्टोरेंट है जहां पर शहर के स्थानीय लोग भी खाने पीने आते हैं।
हमने आर्डर किया लेमन राइस विद कर्ड एंड पापड़। तो यहां बिरयानी, मसाला डोसा, इडली, पूरी सब्जी आदि की दरें भी काफी वाजिब हैं। अनादि माधवी आदि सबने अपनी अपनी पसंद का खाने का आर्डर किया। मजे से खाया और फिर रेलवे स्टेशन के लिए वापस चल पड़े।
हमारा यहां से उडुपी तक का वापसी का टिकट स्लिपर क्लास में है। मुन्नार के सर्द मौसम से हमलोग अब गर्म मौसम की तरफ आ चुके हैं। हालांकि केरल कर्नाटक का समुद्र तटीय इलाका रात में गर्म नहीं रह जाता है।
अलुवा कोचीन से पहले
कोचीन का एक उपनगर है। अब कोचीन की मेट्रो
रेल अलुवा तक आ रही है। जाते समय हमारी ट्रेन अलुवा में रात को ढाई बजे थी इसलिए
हम यहां नहीं उतर कर एर्नाकुलम नार्थ पहुंच गए थे। पर अलुवा उतर कर मुन्नार पहुंच
जाना सहज है। रेलवे स्टेशन के पास ही बस स्टैंड है जहां मुन्नार की बसें मिल जाती
हैं।

एक बार फिर कोंकण रेल के संग - एक बार फिर उसी रेलमार्ग पर वापसी
हो रही थी। मंगलुरु के बाद हमलोग एक बार फिर कोंकण रेल की यात्रा पर थे। सुबह 5
बजे के बाद उजाला हो गया है। सूरतखल के बाद एक रेलवे स्टेशन दिखाई देता है
नंदीकूर। पास के मंदिर से मंगलधुन सुनाई दे रही है। संयोग से आज विजयादशमी का दिन
है। हमलोग इस मौके पर कर्नाटक के धार्मिक शहर उडुपी में कुछ घंटे का ब्रेक लेने
वाले हैं। उडुपी आने से पहले मैं अनादि और माधवी को उतरने के लिए जगाता हूं।
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विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
(ALUVA TO UDUPI, HOTEL ARAYAS, KONKAN RAIL )
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