हमारे आटो वाले में हमें आखिरी
पड़ाव के तौर पर एराविकुलम नेशनल पार्क लेकर गए। यह उद्यान मुन्नार से 15
किलोमीटर दूर है। यह स्थान देवीकुलम तालुक में पड़ता है। उद्यान के
दक्षिणी क्षेत्र में अनामुडी चोटी है। अनामुडी दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी गिनी
जाती है।
मूल रूप से इस पार्क का निर्माण
नीलगिरी जंगली बकरों की रक्षा करने के लिए किया गया था। 1975
में इसे अभयारण्य घोषित किया गया था। वनस्पति और जंतु के पर्यावरण
जगत में इसके महत्व को देखते हुए 1978 में इसे राष्ट्रीय
उद्यान घोषित कर दिया गया। कुल 97 वर्ग किमी में फैला यह
उद्यान प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। यहां दुर्लभ नीलगिरी बकरों को देखा जा
सकता है। साथ ही यहां ट्रैकिंग की भी सुविधा उपलब्ध है।
अपनी अदभुत प्राकृतिक छटा और नीलगिरी बकरों जैसी खासियत के कारण इसे यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए प्रस्तावित किया गया है। एरावीकुलम नेशनल पार्क में कई किस्म के बटरफ्लाई और अन्य वन्य जीव जंतु देखे जा सकते हैं।
अपनी अदभुत प्राकृतिक छटा और नीलगिरी बकरों जैसी खासियत के कारण इसे यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए प्रस्तावित किया गया है। एरावीकुलम नेशनल पार्क में कई किस्म के बटरफ्लाई और अन्य वन्य जीव जंतु देखे जा सकते हैं।
एरावीकुलम नेशनल पार्क इको
टूरिज्म के लिए शानदार जगह है। मुन्नार से आप आटो से पहुंचे या टैक्सी से पार्क के
राजामाला गेट के पास आपको प्रवेश के लिए टिकट लेकर इंतजार करना होगा। प्रवेश टिकट
में पार्क सैर के लिए ले जाने वाली बस का किराया शामिल होता है।
पार्क का प्रवेश टिकट 90 रुपये
का है। बच्चों के लिए टिकट 65 रुपये का है। पार्क का प्रवेश का समय सुबह 7.30 से
शाम 4 बजे तक का है। विदेशी नागरिकों के लिए टिकट 360 रुपये का है। पार्क का टिकट
आनलाइन भी खऱीदा जा सकता है। पार्क के प्रवेश द्वार पर एक रेस्टोरेंट और सोवनियर
शॉप भी है।
नेशनल पार्क में ले जाने वाली
बस के लिए हमलोग लाइन लग गए। हमारा नंबर आने पर एक बस में सवार हुए। हरे भरे चाय
के बगानों से होती हुई बस चार किलोमीटर आगे ले जाकर एक एक प्वाइंट पर छोड देती है।
पर इस दौरान कुदरत के शानदार नजारे दिखाई देते हैं। रास्ते में पहाड़ों से गिरता
एक विशाल झरना भी नजर आता है। बस जहां हमें छोड़ देती है, वहां पर भी एक सोवनियर
शॉप है जहां पर रंग बिरंगे मुखौटे और कई तरह की चीजें खरीद सकते हैं।
एरावीकुलम नेशनल पार्क में आगे
क्या देखना है। बस पैदल चलते जाइए। और कुदरत के नजारे देखते रहिए। आगे कुछ व्यू
प्वाइंट और फोटो प्वाइंट भी हैं। कुछ लोगों को यह सब कुछ बेकार सा भी लगता है। पर
आप प्रकृति प्रेमी हैं तो सब कुछ काफी अच्छा लगेगा। दो किलोमीटर ऊपर तक जाने के
बाद हमलोग वापस लौट आते हैं। वापसी में फिर बस के लिए लाइन में लगना पड़ता है।
इस पार्क में खास नीलाकुरुंजी
नामक फूल खिलता है। पर इस फूल को हर 12 साल बाद ही देखा जा सकता है। इसी पार्क से
दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी अनामुडी के दर्शन किए जा सकते हैं। इसकी ऊंचाई 2695
मीटर है।
फरवरी और मार्च में हर साल बंद
एरावीकुलम नेशनल पार्क हर साल फरवरी
और मार्च महीने में बंद रहता है। इस दौरान नीलगिरी के बकरों का प्रजनन काल होता है
इसलिए तब के महीनों में पार्क को सैलानियों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाता है।
इसलिए इन महीनों में मुन्नार जाने पर आपको इस पार्क के नजारे देखने को नहीं
मिलेंगे।
रोचक वृत्तांत।
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