गोवा में पुर्तगाली आक्रमण से
पहले सैकड़ों प्रसिद्ध मंदिर हुआ करते थे। यह एक हिंदू बहुल इलाका हुआ करता था। पर पुर्तगाली शासन में ज्यादातर मंदिरों पर
पुर्तगालियों का कहर बरपा। इनमें से ज्यादातर मंदिरों को नष्ट कर डाला गया। पर गोवा के कुछ मंदिर अभी भी मूल रूप में सुरक्षित हैं। अगर गोवा राज्य के सबसे
पुराने मंदिर की बात करें तो यह 12वीं सदी का है। यह महादेव
शिव का यह मंदिर तांबड़ी सुर्ल गांव में स्थित है। यह मंदिर कदंबा और
देवगिरी के यादव शासन काल के वास्तुकला का सुंदर नमूना है। तांबड़ी सुर्ल-शिव
मंदिर अपने कलात्मक शिल्प एवं वैभव के कारण जाना जाता है। चौदहवीं शताब्दी में
कदंब राजाओं के समय इसका निर्माण हुआ।
कैसे पहुंचे – तांबदी सुर्ल की
दूरी गोवा की राजधानी पणजी से 65 किलोमीटर है। वहीं मोलेम से 12 किलोमीटर की दूरी
पर है। यह मंदिर सघन वन क्षेत्र में है। सतारी तालुक के वालपोई से इसकी दूरी 22
किलोमीटर है।
जैन शैली में निर्माण - इस मंदिर का निर्माण जैन शैली की छाप दिखाई देती है। मंदिर का निर्माण ऐसे जगह पर हुआ है जहां पहुंचना आसान नहीं था। वहीं
यह मंदिर गोवा के बाकी मंदिरों की तुलना में आकार में भी छोटा है। मंदिर को देखकर यह प्रतीत होता है कि इसका गुंबद का निर्माण पूरा नहीं हो सका था। इस मंदिर के निर्माण की शैली कर्नाटक के बादामी के पास मंदिरों के गांव एहोल की निर्माण शैली से मिलती जुलती है।
यह गोवा का एक मात्र मंदिर है जो मुस्लिम आक्रमण और पुर्तगाली
आक्रमण के बाद भी सुरक्षित रहा। यह गोवा में कदंबा और यादव काल के शासन की एकमात्र
निशानी है। इसके निर्माण में बेहतरीन किस्म के बेसाल्ट चट्टानों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में छोटा सा मंडप बना है। यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश की प्रतिमाएं निर्मित की गई हैं। मंदिर परिसर में शिव के सवारी नंदी की भी प्रतिमा बनाई गई है।
कदंबा राजतंत्र के प्रतीक चिन्ह हाथी का भी चित्रण मंदिर में किया गया है। मंदिर
के पास ही सर्ल नदी बहती है। सालों भर मंदिर को देखने कम ही श्रद्धालु पहुंचते हैं
पर महाशिवरात्रि के समय यहां लघु मेला लग जाता है। आइए अब एक और मंदिर की बात करते हैं...
शांता दुर्गा मंदिर –
मंगेशी के रास्ते में थोड़ा आगे जाने पर शांता दुर्गा मंदिर स्थित है। यह गोवा के
सुंदर मंदिरों में से एक है। शांता दुर्गा गोवा निवासियों की ख़ास देवी हैं। कहते
हैं कि बंगाल की क्षुब्धा दुर्गा गोवा में आकर शांत हो गईं और शांता दुर्गा के नाम
से पूजी जाने लगीं।
श्री मल्लिकार्जुन का मंदिर –
गोवा में मडगांव से 40 किलोमीटर
दूर कारवार के रास्ते में कोणकोण गांव में श्री मल्लिकार्जुन का सुंदर मंदिर है। सघन
वन और हरीतिमा के बीच चतुर्दिक पहाड़ियों से घिरे इस मंदिर को देखने जो भी यात्री
आता है, वह इसके प्राकृतिक सौंदर्य को देख मुग्ध होकर
वहीं का हो जाता है।
-vidyutp@gmail.com
( TEMPLE, GOA, CHANDRESHWAR BHOOTNATH, SHANTA DURGA )
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