मैं और बेटा अनादि सुबह सुबह एक्टिवा
से चल पड़े हैं। हमारी मंजिल है आगुडा फोर्ट। कालंगुट से कंडोलियम वाले रास्ते पर
आगे बढ़ने के बाद बायीं तरफ सड़क पर चढ़ाई बढ़ने लगती है। हम ऊंचाई की ओर बढ़ते जा रहे
हैं। पर सड़क काफी अच्छी है। सुबह की शीतल बयार के संग सफर सुहाना है। आगुडा फोर्ट से
पहले एक नगरपालिका द्वारा निर्मित बच्चों का सुंदर उद्यान नजर आता है। पर वहां फिलहाल ताला लगा हुआ है। लो हम पहुंच गए हैं आगुडा फोर्ट के पृष्ठभूमि में। कुछ अस्थायी
दुकानें बनी हैं यहां पर। पर सुबह सुबह ये दुकानें खुली नहीं हैं। हमें सामने 17वीं सदी का विशाल किला
नजर आ रहा है।
आगुडा फोर्ट गोवा के प्रमुख
ऐतिहासिक विरासत के स्थलों में से है। यह पणजी के करीब और सिंक्वेरियम बीच के काफी पास है।
यहां पहुंचने का आसान रास्ता कालांगुट से कैंडोलियम होकर है। समंदर के किनारे
ऊंचाई पर स्थित यह किला पुर्तगालियों द्वारा बनवाया गया था।
इस किले का निर्माण 1612 में डच और मराठा आक्रमणकारियों पर नजर रखने के लिए कराया गया था। इस विंदू से अरब सागर में यूरोप की ओर से आते हुए जहाज भी नजर आ जाते थे। किले के निर्माण में ऊंचे स्थल का चयन सामरिक दृष्टि से सोच समझकर किया गया था। किले के दूसरे हिस्से में मंडोवी नदी का तट है। किले को देखकर याद आया कि हमें बस में दिखाई गई फिल्म सिंह इस ब्लिंग में इसकी शूटिंग नजर आई थी।
इस किले का निर्माण 1612 में डच और मराठा आक्रमणकारियों पर नजर रखने के लिए कराया गया था। इस विंदू से अरब सागर में यूरोप की ओर से आते हुए जहाज भी नजर आ जाते थे। किले के निर्माण में ऊंचे स्थल का चयन सामरिक दृष्टि से सोच समझकर किया गया था। किले के दूसरे हिस्से में मंडोवी नदी का तट है। किले को देखकर याद आया कि हमें बस में दिखाई गई फिल्म सिंह इस ब्लिंग में इसकी शूटिंग नजर आई थी।
किले का पास ही सिंक्वेरियम बीच
के पास टाटा समूह द्वारा प्रबंधित पांच सितारा होटल भी है। आगुडा फोर्ट में कभी एक
मीठे पानी का झरना हुआ करता था जिससे आने वाले जहाजों को पीने का पानी दिया जाता
था। अब ये झरना नहीं है। किले का नाम आगुडा है जिसका मतलब ही पानी होता है। कभी
यहां से गुजरते हुए जहाज पीने का पानी स्टोर करने के लिए ही यहां रुकते थे।
आगुडा फोर्ट में कुल 79 तोप
तैनात करने का इंतजाम था। इस किले की विशाल मोटी दीवारें आज भी सलामत दिखाई देती
हैं। किले के अंदर ताजा पानी स्टोर करने के लिए विशाल टैंक बना हुआ था। यह दो
हिस्सों में बना है। ऊपरी हिस्से का पानी किले में इस्तेमाल के लिए होता था तो नीचे
के हिस्से का पानी आने जाने वाले जहाजों के लिए।
अति
प्राचीन लाइट हाउस - किले के पास ही पुर्तगालियों द्वारा बनवाया हुआ चार मंजिला
लाइट हाउस है। यह लाइट हाउस 1864 का बना हुआ है। अपने तरह का यह एशिया का प्राचीनतम
लाइट हाउस है। लाइट हाउस में शुरुआत में हर सात मिनट
पर रोशनी देने का इंतजाम था। बाद में इसे घटाकर 1843 में 30 सेकेंड पर कर दिया
गया। हालांकि 1976 से यह लाइट हाउस बंद है।
लाइट हाउस के पीछे पैदल चलकर जाने पर हरे भरे जंगलों के बीच व्यू
प्वाइंट आता है। यहां से अरब सागर का नजारा सुंदर दिखाई देता है। सुबह सुबह भी कुछ
युवतियां यहां घूमती नजर आईं।
लाइट हाउस और आगुडा फोर्ट के खुलने का समय सुबह नौ बजे से है।
प्रवेश के लिए मामूली सी टिकट राशि है। हालांकि फोर्ट को आप बाहर से भी घूम कर देख
सकते हैं।
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विद्युत प्रकाश
मौर्य
(AGUADA FORT, GOA, LIGHT HOUSE )
( आगे पढ़िए- गोवा का मतलब मछली और क्या .... )
(AGUADA FORT, GOA, LIGHT HOUSE )
( आगे पढ़िए- गोवा का मतलब मछली और क्या .... )
bahut accha yatra vritant hai . padh kar maza aa gaya .
ReplyDeleteहिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 97वां जन्म दिवस - सितारा देवी - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteधन्यवाद
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