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सीआरपीएफ के पैवेलियन में... |
इस बार कई राज्यों के स्थायी पवेलियन
टूट चुके हैं। उन राज्यों को अस्थायी हैंगरों में जगह दी गई है। इसलिए इस बार बड़े
राज्यों के भी पैवेलियन भव्य नहीं दिखाई दे रहे हैं। सरकार ने मेले में आने वाले लोगों की संख्या भी सीमित कर रखी है। प्रगति मैदान के टिकट काउंटर बंद है। सिर्फ आनलाइन या दूर के मेट्रो स्टेशनों से ही प्रवेश टिकट खरीदा जा सकता है।
पर कपार्ट के सरस मेले में वही पुराना उत्साह और उमंग दिखाई दे रहा है। सरस मेला हर साल की तरह अपने पुराने स्थल पर ही लगा है। कपार्ट द्वारा लगाए जाने वाले इस मेले में देश के 20 से ज्यादा राज्यों के शिल्पी अपने उत्पादों के साथ प्रस्तुत होते हैं। कपार्ट उन्हें निःशुल्क स्टाल मुहैया कराता है, इसलिए सरस मेले में आपको उत्पाद वाजिब दाम पर मिलते हैं। कई बार तो आप थोड़ा मोल भाव भी कर सकते हैं।
पर कपार्ट के सरस मेले में वही पुराना उत्साह और उमंग दिखाई दे रहा है। सरस मेला हर साल की तरह अपने पुराने स्थल पर ही लगा है। कपार्ट द्वारा लगाए जाने वाले इस मेले में देश के 20 से ज्यादा राज्यों के शिल्पी अपने उत्पादों के साथ प्रस्तुत होते हैं। कपार्ट उन्हें निःशुल्क स्टाल मुहैया कराता है, इसलिए सरस मेले में आपको उत्पाद वाजिब दाम पर मिलते हैं। कई बार तो आप थोड़ा मोल भाव भी कर सकते हैं।
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मुजफ्फरपुर (बिहार) की किसान चाची। |
किसान चाची और ओल का अचार - मैं हर साल सरस मेले से बांस का
अचार खरीदता हूं। बांस का अचार झारखंड, छत्तीसगढ़ या असम में मिल जाता है। बिहार
के मुजफ्फरपुर से हर साल किसान चाची सरस मेले में अपने अचार के साथ आती हैं। पर इस
बार वे हरी लीची का अचार लेकर नहीं आईं। पिछले साल उनसे लिया लीची का अचार काफी स्वाद भरा था। लीची नहीं तो क्या हुआ मैंने उनसे इस बार ओल
(जीमीकंद) का अचार खरीदा।
किसान चाची बिहार में नारी सशक्तिकरण का चेहरा बनकर उभरी हैं। अपने अचार के बदलौत वे कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन के साथ हॉटसीट पर भी जा चुकी हैं। तो वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर चुकी हैं।
किसान चाची मतलब राजकुमारी देवी अब हाईटेक हो गई हैं। अपने अचार को ऑनलाइन भी बेच रही हैं। अपना वेबसाइट भी बना लिया है - www.kisanchachi.com वे कहती हैं हमको गूगल पर किसानचाची टाईप करके ढूंढ लिजिएगा न। अमिताभ बच्चन के साथ वाला भी फोटो वीडियो सब मिल जाएगा।
किसान चाची बिहार में नारी सशक्तिकरण का चेहरा बनकर उभरी हैं। अपने अचार के बदलौत वे कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन के साथ हॉटसीट पर भी जा चुकी हैं। तो वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर चुकी हैं।
किसान चाची मतलब राजकुमारी देवी अब हाईटेक हो गई हैं। अपने अचार को ऑनलाइन भी बेच रही हैं। अपना वेबसाइट भी बना लिया है - www.kisanchachi.com वे कहती हैं हमको गूगल पर किसानचाची टाईप करके ढूंढ लिजिएगा न। अमिताभ बच्चन के साथ वाला भी फोटो वीडियो सब मिल जाएगा।
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सरस मेले में बड़े भाई चिरंजीलाल कटारिया जी से मुलाकात हुई। |
बिहार का लिट्टी चोखा और राजस्थान का दाल बाटी चूरमा
और मेले में चलते चलते भूख लग जाए तो फूड
कोर्ट का रुख करें। एक ही परिसर में कई राज्यों के स्वाद का आनंद उठाइए। राजस्थान
के दाल बाटी के मुकाबले में बिहार का लिट्टी चोखा भी मेले में खूब धूम मचा रहा है।
मिस्टर लिट्टीवाला के स्टाल पर लिट्टी चोखा और अनरसा मिठाई का स्वाद भी लेना न
भूलें।
हालांकि प्रगति मैदान में अलग अलग राज्यों के व्यंजन थोड़े महंगे होते हैं, पर इसके पीछे कई कारण होते है। खास तौर पर स्टालों का महंगा आवंटन। पर इस बार फूड कोर्ट में दक्षिण भारतीय राज्यों के स्टाल पर भी उनके परंपरागत स्वाद का आनंद लिया जा सकता है। टहलते हुए आपको महाराष्ट्र के व्यंजनों का स्टाल और झारखंड के खास तरह के खानपान का मजा भी यहां मिल जाएगा।
हालांकि प्रगति मैदान में अलग अलग राज्यों के व्यंजन थोड़े महंगे होते हैं, पर इसके पीछे कई कारण होते है। खास तौर पर स्टालों का महंगा आवंटन। पर इस बार फूड कोर्ट में दक्षिण भारतीय राज्यों के स्टाल पर भी उनके परंपरागत स्वाद का आनंद लिया जा सकता है। टहलते हुए आपको महाराष्ट्र के व्यंजनों का स्टाल और झारखंड के खास तरह के खानपान का मजा भी यहां मिल जाएगा।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
बढ़िया पोस्ट... ये मेला कितने तारीक तक चलेगा ये भी पोस्ट में दिया रहता तो बढ़िया रहता.....क्या पूरे नवम्बर चलता है ये??
ReplyDelete14 से 27 नवंबर
ReplyDeleteधन्यवाद।
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