सुमधुर संगीत हमारे कानों को
सुनाई दे रही है और हमलोग खींचे हुए उधर चले जाते हैं...कोई संगीत नहीं है पार्श्व
में...पर एक आवाज इतनी सुरीली है कि विशाल रेस्टोरेंट में बैठे सारे लोग पूरी
शांति से उस गीत का मजा ले रहे हैं...गीत पुरानी फिल्म सुजाता (1959) का
है....सचिन देव बर्मन ने संगीत दिया था... आवाज थी तलत महमूद की शब्द थे मजरूह सुल्तानपुरी
के... जलते हैं जिसके लिए तेरी आंखों के दीए...मैं ढूंढ लाया हूं वही गीत तेरे
लिए। पर ये सज्जन इतना बढ़िया गा रहे हैं कि हमलोग बेनालियम बीच पर बने इस
रेस्टोरेंट में पहुंच जाते हैं। पूरा गीत सुनने के बाद सारे लोगों के साथ तालियां
बजाते हैं। रात ढल चुकी है। रेस्टोरेंट की टेबल पर लोग कुछ खा रहे हैं और पी रहे
हैं साथ में लाइव संगीत का आनंद ले रहे हैं। ये गोवा की शाम का असली आनंद है।
बेनालियम बीच कोलवा से दो
किलोमीटर आगे है। यह कोलवा से भी ज्यादा शांत है। यहां पहुंचने का रास्ता गंवई
परिवेश वाला है। वास्तव में इसका पुराना संस्कृत नाम बाणावाली था जो बिगड़ गया
है। कहा जाता है परशुराम ने समंदर के देवता वरुण की ओर जो बाण मारा था वह यहीं आकर
गिरा था। इसलिए इसका नाम बाणावली था।
नारियल के पेड़...हरे भरे खेत..कहीं
कहीं रास्ते में घर। इन घरों में दुकानें। चलते चलते आप समुद्र के तट पर पहुंचते
हैं। कहीं कहीं एक दो होटल दिखाई देते हैं। उन लोगों को ये बीच खास पसंद है जो
गोवा मे शांत जगह में कुछ दिन गुजारने आते हैं। इस बीच पर समंदर से लगे हुए कुछ
रिजार्ट बने हैं।
यहां ताज एग्जोटिका रिजार्ट एंड स्पा है जो मोटी जेब वालों की खास पसंद है। बेनालियम में डॉन बास्को एनिमेशन सेंटर बना हुआ है। यह ईसाई संत सेंट फ्रांसिस वाज की जन्म स्थली भी है। यहां दो लोकप्रिय चर्च भी हैं। होली ट्रिनिटी चर्च और न्यू चर्च आप यहां अगर समय हो तो देख सकते हैं।
यहां ताज एग्जोटिका रिजार्ट एंड स्पा है जो मोटी जेब वालों की खास पसंद है। बेनालियम में डॉन बास्को एनिमेशन सेंटर बना हुआ है। यह ईसाई संत सेंट फ्रांसिस वाज की जन्म स्थली भी है। यहां दो लोकप्रिय चर्च भी हैं। होली ट्रिनिटी चर्च और न्यू चर्च आप यहां अगर समय हो तो देख सकते हैं।
शाम ढलने के बाद हमलोग एक्टिवा
से बेनालियम समुद्र तट की ओर जाने के लिए निकले हैं। रास्ता पूछते पूछते आगे बढ़ रहे
हैं। यूं लग रहा है किसी गांव से गुजर रहे हों। एक जगह घर में दुकान नजर आती है।
हमलोग रास्ता पूछने रुक जाते हैं। फिर दुकान में कुछ देखने लगते हैं। दो दुकानों
में कपड़ों, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और एंटिंग चीजों का विशाल संग्रह है।
पति पत्नी मिलकर दुकान चलाते हैं। मैं उनसे कलेक्शन के बारे में पूछता हूं। वे बताते हैं कि अलग अलग शहरों से जाकर खरीददारी करता हूं और यहां लाकर बेचता हूं। उनके पास लकड़ी के बने कुछ शानदार खिलौने हैं। कुछ लालबुझक्कड टाइप के बाक्स भी हैं। इन बाक्स में एक अंदर दूसरा फिर अंदर तीसरा बाक्स दिखाई देता है। अनादि वहां कुछ तलवार और कटारों पर जोर आजमाइश करते हैं। माधवी कई तरह की ज्वेलरी पसंद करने लगती हैं। मुझे भी एक आरेंज कलर का टी शर्ट पसंद आ जाता है। थोड़ी बहुत बार्गेनिंग के बाद हमलोग कई चीजें खरीद लेते हैं।
दुकानदार महोदय का व्यवहार इतना अच्छा लगता है कि हमलोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं। हम उनसे बेनालियम के बारे में थोड़ी जानकारी लेते हैं फिर आगे बढ़ जाते हैं। बेनालियम की दुनिया थोड़ी रहस्यमयी लगती है, थोड़ी सपनीली लगती है। कुल मिलाकर मजा आता है। बेनालियम इलाके का मुख्य बाजार मारिया हॉल में है।
पति पत्नी मिलकर दुकान चलाते हैं। मैं उनसे कलेक्शन के बारे में पूछता हूं। वे बताते हैं कि अलग अलग शहरों से जाकर खरीददारी करता हूं और यहां लाकर बेचता हूं। उनके पास लकड़ी के बने कुछ शानदार खिलौने हैं। कुछ लालबुझक्कड टाइप के बाक्स भी हैं। इन बाक्स में एक अंदर दूसरा फिर अंदर तीसरा बाक्स दिखाई देता है। अनादि वहां कुछ तलवार और कटारों पर जोर आजमाइश करते हैं। माधवी कई तरह की ज्वेलरी पसंद करने लगती हैं। मुझे भी एक आरेंज कलर का टी शर्ट पसंद आ जाता है। थोड़ी बहुत बार्गेनिंग के बाद हमलोग कई चीजें खरीद लेते हैं।
दुकानदार महोदय का व्यवहार इतना अच्छा लगता है कि हमलोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं। हम उनसे बेनालियम के बारे में थोड़ी जानकारी लेते हैं फिर आगे बढ़ जाते हैं। बेनालियम की दुनिया थोड़ी रहस्यमयी लगती है, थोड़ी सपनीली लगती है। कुल मिलाकर मजा आता है। बेनालियम इलाके का मुख्य बाजार मारिया हॉल में है।
( BENAULIM
BEACH, SOUTH GOA, PEDRO’S BAR AND RESTAURANT, TAJ
EXOTICA
)