आपकी
रेलगाड़ी कई बार दिल्ली के पुराने लोहे के पुल से गुजरी होगी। आपको पता है कि
यमुना नदी पर बना ये पुल सिर्फ दिल्ली का ही नहीं बल्कि देश के सबसे पुराने रेल
पुल में से एक है। रेलवे के नंबरिंग के हिसाब से ब्रिज नंबर 249 इस पुल के पर
यातायात चालू होने के बाद ही दिल्ली हावड़ा से जुड़ सका। यह एक रेल कम रोड ब्रिज
है। यानी नीचे नीचे सड़क मार्ग और ऊपर ऊपर रेल।
इस पुल
का निर्माण 1863 में आरंभ हुआ यानी 1857 की क्रांतिके छह साल बाद। पुल तीन साल में
बनकर तैयार हो गया। 1866 में इस पर यातायात आरंभ हो गया। पहले यह सिंगल ट्रैक वाला
पुल था पर 1913 में इसे डबल ट्रैक वाले रेल में पुल में बदला गया। इस पुल के
निर्माण में 16 लाख 16 हजार 335 रुपये की कुल लागत आई थी। 1913
में डाउन लाइन बिछाने के लिए इसमें 12 स्पैन और दो एन्ड स्पैन जोड़े गए।
साल
2016 में दिल्ली के इस लोहा पुल ने अपनी सेवा के स्वर्णिम 150 साल पूरे किए। पर
पुल का सड़क मार्ग और रेल मार्ग दुरुस्त है। इसपुल की खास बात है कि यह ऐतिहासिक
लालकिला के बिल्कुल बगल में है। पुल पार करने के बाद ट्रेन तुरंत दिल्ली जंक्शन
रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर जाती है। पुल के तरफ दिल्ली के जमुना बाजार का इलाका
है। इसी तरह के लोहे के पुल दिल्ली हावड़ा मार्ग पर इलाहाबाद के नैनी में और पटना के
पास कोईलवर में सोन नदी पर बनाए गए हैं।
अब
दिल्ली में यमुना नदी पर कई नए सड़क पुल बन गए हैं पर अभी भी बड़ी संख्या में
ट्रैफिक हर रोज पुराने लोहे के पुल से होकर गुजरता है। इसके सड़क मार्ग पर रिक्शे ठेले चलते नजर आते हैं जो होल सेल बाजार गांधीनगर और चांदनी चौक के बीच आवाजाही करते हैं। कभी कभी तो पुल पर जाम लगने
के हालात बन आते हैं। पुराने
लोहे के पुल ने दिल्ली के बसते हुए देखा और आबादी का बोझ बढ़ते हुए देखा है।
बारिश के दिनों बंद करना पड़ता है - दिल्ली में हर साल बढ़ने वाले यमुना
के जलस्तर का यह पुल साक्षी रहा है। 1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ को देखा है, जब
पानी खतरे के निसान से काफी ऊपर आ गया था। तब दिल्ली के कई इलाके डूब गए थे। हर साल यमुना का जल स्तर बढ़ने पर पुराने लोहे के पुल पर रेल यातायात एहतियात के तौर पर कुछ दिनों के लिए रोक दिया जाता है। पर बाढ़ से पुल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। 150 साल में इस पुल की कई बार मरम्मत की गई है। पर इसका सुपर स्ट्रक्टचर आज भी बेहतर है।
आसपास कई नए पुल बने- भारतीय
रेलवे ने 1997-98 में इस पुल के बगल में ही एक नया रेलवे पुल बनाने की योजना बनी। 2003
में काम शुरू हुआ। पिलर डाल दिए गए पर पर्यावरण और ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण के
मुद्दे पर 2008 में काम रुक गया। नए पुल के राह में ऐतिहासिक सलीमगढ़ का किला आ
रहा था। अब यह विवाद दूर हो गया है। पर जब
तक नया पुल नहीं तैयार हो जाता यह पुराना लोहे का पुल अपनी सेवाएं बदस्तूर जारी
रखेगा।
- vidyutp@gmail.com
( OLD YAMUNA BRIDGE, DELHI, RAIL )
- vidyutp@gmail.com
( OLD YAMUNA BRIDGE, DELHI, RAIL )
अपडेट कर लीजिए।
ReplyDeleteलोहे का पुल बारिश के दिनों में लगभग हर साल अत्यधिक पानी आने की स्थिति में दो चार दिन रेल यातायात के लिये बंद भी किया जाता रहा है।
बीते 15 साल से मैं खुद भुगतभोगी हूँ। कार्यालय जाने के लिए बस अडडा वाले पुल से होकर आना पडता था।
सही कहा आपनेे पर पुल दुरुस्त है
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