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SPICE GIRL OF MIZORAM |
पूर्वोत्तर के
आठ राज्यों में से सात के कुछ कुछ हिस्सों का दौरा कर चुका हूं। पर मिजोरम नहीं
गया। वैसे दिल्ली में कई बार ऐसे आयोजन होते हैं जब आप यहां पूर्वोत्तर की खुशबू
को महसूस कर सकते हैं। कभी व्यापार मेले में तो कभी फैशन शो में तो कभी बाबा खड़ग
सिंह मार्ग क इंपोरियम में घूमते हुए। इसी तरह 9-10 सितंबर को भारत सरकार की ओर से
इंडियागेट लान में नार्थ इस्ट फेस्ट का आयोजन किया गया।
दो दिन के इस फेस्ट में
जाकर उन सभी राज्यों के स्टाल को देखना जहां आप घूम कर आ चुके हों तो एहसास कुछ
अपना सा लगता है। इस दो दिनी उत्सव में असम, अरुणाचल, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड,
मणिपुर, त्रिपुरा के लोग अपने अपने स्टाल, खानपान, हैंडीक्राफ्ट के साथ मौजूद थे।
कुछ बिजनेस मीटिंग, क्विज प्रतियोगिताओं के बीच खाने पीने का दौर। मेला ऐसा है
जैसे के परिसर में पूर्वोत्तर के सभी राज्य समा गए हों। इन सबके बीच मिजोरम के भी
कुछ स्टाल थे। खास तौर पर मिजो लोगों से मिलना और उनके राज्य की कुछ चीजें खरीदना
हमारा इस मेले में जाने का मकसद था।
तो हमने मिजोरम के स्टाल से खरीदा करी पत्ता।
सूखा करी पत्ता। वैसे वहां बैठी बाला अदरक पाउडर भी ले जाने की सलाह दे रही थी। ये
सब कुछ आया था मिजोरम की राजधानी एजल के पास केफांग (KEIFANG) से। वहां सूखे अदरक की
छड़ियां भी पैक होकर बिक रही थीं। वहीं सूखी बांस की जड़ें भी पैक होकर बिक रही
थीं। किंग चीली, बर्ड आई चीली यानी मिर्च की कई किस्में भी उपलब्ध थीं।
मिजोरम की
मिजो चीली (मिर्च) की अपनी अलग किस्म है। वहां कई इलाकों में ब्लैक ग्रेप का भी
उत्पादन हो रहा है। आमतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों के मसाले अगर आप खरीदते हैं तो वह
काफी हद तक आर्गेनिक तरीके से उत्पादित होगा। वैसे सिक्किम तो पूर्णतः आर्गेनिक
राज्य घोषित हो चुका है। हालांकि पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों के लोग भोले भाले
होते हैं। इसलिए वे कारोबार करने मे चतुराई नहीं दिखाते। वस्तुओं के मूल्य को लेकर
कोई मोलभाव नहीं करते।
और आगे चलिए तो
मिजो डिनर का मजा लिजिए। 350 रुपये की थाली। इसमें क्या है स्मोक्ड पोर्क और चावल
की थाली। खैर मैं पोर्क तो खाता नहीं। पर खाने पीने वाले इस स्टाल पर दरिआफ्त करते
नजर आए। उनके स्टाल पर वेज आइटम यानी दाल राइस भी उपलब्ध था। मुझे पता चला कि
दिल्ली के सफदरजंग इलाके में सालों भर मिजो फूड उपलब्ध होता है। मतलब आप दिल्ली में भी मिजोरम के व्यंजनों का आनंद सालों भर ले सकते हैं। मिजोरम सरकार के
आगे दो और स्टाल दिखाई दिए जिसमें शॉल और दूसरे हस्तशिल्प में बने कपड़े के उत्पाद
उपलब्ध थे। खास तौर पर जैकेट पर महिलाओं की नजर ज्यादा जा रही थी।
चलते चलते एक और
मिजो स्टाल पर एरोमेटिक ग्रीन टी का स्वाद लेने का मौका मिला। इस हरी चाय की
पत्तियों का पैकेट बिक्री के लिए भी उपलब्ध था। कुल 150 रुपये का पैकेट, हरी चाय। पूर्वोत्तर
के आठ राज्यों के बीच मिजोरम काफी साक्षर और शांत राज्य है। पर मिजोरम की पर्यटन
विभाग की सक्रियता कुछ ज्यादा नहीं दिखाई देती। पूरे मेले में हमें सभी राज्यों के
टूरिज्म के स्टाल तो मिले पर मिजोरम का नहीं मिला।
आगे चलते हुए माईहोम इंडिया का स्टाल मिला। माईहोम इंडिया के एक अभिनव प्रयास है पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को देश के दूसरे राज्यों के साथ जोड़ने का जो सालों से चलाया जा रहा है। इसके संस्थापक सुनील देवधर जी हैं। यह संस्था मुंबई -दिल्ली समेत देश के अलग अलग हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों के साथ मिलकर आयोजन करती रहती है।
आगे चलते हुए माईहोम इंडिया का स्टाल मिला। माईहोम इंडिया के एक अभिनव प्रयास है पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को देश के दूसरे राज्यों के साथ जोड़ने का जो सालों से चलाया जा रहा है। इसके संस्थापक सुनील देवधर जी हैं। यह संस्था मुंबई -दिल्ली समेत देश के अलग अलग हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों के साथ मिलकर आयोजन करती रहती है।
- - विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
( ( MIZORAM, DELHI, SPICE, PEOPLE )
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