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बरला ( मुजफ्फरनगर) में शिवा टूरिस्ट ढाबा पर रात को 2 बजे। |
हम घर से पेट पूजा करके चले थे इसलिए खाना तो नहीं लिया, रात के एक बजे काफी लोग खा-पी रहे थे। यहां पर दिल्ली से हरिद्वार जाने वाली एक तीर्थ यात्रा समूह की बस भी रुकी है।
खतौली के ढाबों में लूटपाट
मुझे कुछ दिन पहले की हरिद्वार से लौटने वाली यात्राएं याद आईं।
ज्यादातर यूपी और उत्तराखंड रोडवेज की बसें खतौली बाईपास के पास ढाबे पर दिन रात
में खाने के लिए रुकती हैं। ये ढाबे लूट के अड्डा हैं। यहां पर कोई मीनू कार्ड
नहीं होता। आपसे बिना पूछे हुए आपकी थाली में कुछ भी रख दिया जाता है। फिर 60
रुपये की थाली के वसूले जाते हैं 225 रुपये। मजबूर ग्राहक अपनी जेब ढीली करता है
और खुद को ठगा हुआ महसूस करता है। जो लोग बार बार जाते हुए इस लूट से वाकिफ हो गए
हैं वे तो यहां कुछ खाते पीते ही नहीं। ऐसी लूट का मैं खुद शिकार हुआ हूं और अपने
साथ लोगों को शिकार होते देखा है।
इसके बाद मैंने यूपी की योगी सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को शिकायत की। मेरा मानना है कि जो ढाबे यूपी रोडवेज द्वारा अनुबंधित हैं। वहां पर खाने पीने की दरें प्रकाशित होनी चाहिए। मीनू कार्ड पर और साइनबोर्ड पर भी। हालांकि लगातार सक्रियता दिखानेवाले मंत्री जी ने शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया और लूटपाट बदस्तूर जारी है।
हरियाणा पंजाब के हाईवे पर भी ठगी - खाने पीने में इस तरह की ठगी न सिर्फ दिल्ली हरिद्वार बल्कि आपको दिल्ली से अंबाला, लुधियाना, जालंधर, पठानकोट जम्मू के मार्ग पर भी मिल सकता है। जो यात्री इन ढाबों पर एक बार ठगे जाते हैं वे दुबारा की यात्रा में यहां कभी नहीं खाने का तय कर लेते हैं। पर ये ढाबे वाले सुधरने को तैयार नहीं है। अपनी दक्षिण भारत की यात्राओं के दौरान देखा है कि वहां जिन ढाबों पर बसें रुकती हैं वहां रेट लिस्ट लगी होती है। खाने पीने की दरें भी वाजिब रहती हैं। आप जब दिल्ली हरियाणा, यूपी में बस से सफर करें तो ऐसे ठग ढाबे वालों से सावधान रहें।
इन सबके बीच हरिद्वार से
दिल्ली लौटते हुए सुखद अनुभूति हुई। हम मेरठ से दिल्ली बिजनौर से आने वाली
बस में बैठे। रात के 10 बजे बस मोदीनगर मुरादनगर के बीच एक ढाबे पर खाने के लिए रुकी। यह था संगम यात्री प्लाजा, यहां पर खाने पीने की दरें बोर्ड पर चस्पा थीं। थाली महज 40 रुपये की। थाली में चार
चपाती, चावल, दाल और दो सब्जियां भीं। खाने का स्वाद भी अच्छा है। ब्रेड पकौड़ा 10
रुपये का। ऐसे ढाबे वाले की तारीफ करने का कायदा बनता है। तमाम लूटेरे ढाबों के
बीच कुछ ईमानदार और जेब के अनुकूल ढाबे भी हैं।
इसके बाद मैंने यूपी की योगी सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को शिकायत की। मेरा मानना है कि जो ढाबे यूपी रोडवेज द्वारा अनुबंधित हैं। वहां पर खाने पीने की दरें प्रकाशित होनी चाहिए। मीनू कार्ड पर और साइनबोर्ड पर भी। हालांकि लगातार सक्रियता दिखानेवाले मंत्री जी ने शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया और लूटपाट बदस्तूर जारी है।
हरियाणा पंजाब के हाईवे पर भी ठगी - खाने पीने में इस तरह की ठगी न सिर्फ दिल्ली हरिद्वार बल्कि आपको दिल्ली से अंबाला, लुधियाना, जालंधर, पठानकोट जम्मू के मार्ग पर भी मिल सकता है। जो यात्री इन ढाबों पर एक बार ठगे जाते हैं वे दुबारा की यात्रा में यहां कभी नहीं खाने का तय कर लेते हैं। पर ये ढाबे वाले सुधरने को तैयार नहीं है। अपनी दक्षिण भारत की यात्राओं के दौरान देखा है कि वहां जिन ढाबों पर बसें रुकती हैं वहां रेट लिस्ट लगी होती है। खाने पीने की दरें भी वाजिब रहती हैं। आप जब दिल्ली हरियाणा, यूपी में बस से सफर करें तो ऐसे ठग ढाबे वालों से सावधान रहें।
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मुरादनगर के पास संगम यात्री प्लाजा में वाजिब दाम की थाली |
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विद्युत प्रकाश मौर्य
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( DHABA, FOOD, DELHI, UP, HARIDWAR, HARYANA ,
PUNJAB )
दिल्ली से कोटद्वार का भी यही हाल था। मैं तो अक्सर ब्रेड ऑमलेट खा लेता हूँ। २५-३० रूपये का मिल जाता है। हाँ, लोगों को काफी ठगा जाता है। विरोध करने पर हाथा पाई पे उतर आते हैं ये लोग। दिल्ली से रामनगर जाते हुए ऐसा ही हुआ था।एक आदमी से लड़ने वो बस तक आ गए थे। बस वालों ने उन्हें भगाया फिर।
ReplyDeleteजिस ईमानदार ढाबे पे आप थे उसका नाम क्या था? वो भी बता देते तो सही रहता।
देखिए संगम यात्री प्लाजा मुरादनगर की फोटो लगी है और दूसरा है शिवा टूरिस्ट ढाबा, बरला
ReplyDeleteओह!शुक्रिया। मैं पढने में इतना तल्लीन था कि चित्रों के विषय में भूल ही गया। शुक्रिया।
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