बेंगलुरु से
कोलार की यात्रा पर हूं। कोलार कर्नाटक का एक जिला है। बेंगलुरु से कोलार की दूरी 70 किलोमीटर के आसपास है। कोलार जिले को सिल्क,
मिल्क और गोल्ड के लिए जाना जाता है। किसी जमाने में कोलार की सोने
की खानें काफी प्रसिद्ध हुआ करती थीं। पर इनसे अब काफी सोना निकाला जा चुका है।
कोलार जिले में एक आधुनिक शिव का मंदिर है जो कोटिलिंगेश्वर के नाम से प्रसिद्ध
है। बेंगलुरु से कोलार के लिए बसें मैजेस्टिक बस स्टैंड के आठ नंबर प्लेटफार्म से
मिलती हैं। हालांकि अब बस स्टैंड तीन हिस्सों बंट हुआ तो कोलार का प्लेटफार्म ढूंढने
में थोड़ा वक्त लग गया। दरअसल कोलार के सोने के खदान वाले इलाके को संक्षेप में
केजीएफ यानी कोलार गोल्ड फील्ड्स कहते हैं। तो बस स्टैंड पर लगे बोर्ड पर भी केजीएफ
लिखा हुआ साफ नजर आता है।
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इधर हुई थी कयामत से कयामत तक की क्लाइमेक्स की शूटिंग। |
केजीएफ जाने
वाली सभी बसें कोलार शहर और बंगारपेट होकर जाती हैं। मैं एक बंगारपेट वाली बस में
बैठ जाता हूं। सुबह का नास्ता करके निश्चिंत हूं और रास्ते में पढ़ने के लिए अखबार
खरीद लेता हूं। बस बेंगलुरु शहर के केआरपुरम यानी कृष्णा राजपुरम इलाके को पार
करती हुई शहर के बाहर निकल जाती है। इसके बाद एनएच 75 जो तिरुपति चेन्नई की ओर जाता
है उस पर सरपट दौड़ने लगती है। बेंगलुरु शहर के बाहर होसकोटे नामक एक शहर आता है। इसके
बाद का रास्ता मनोरम है। रास्ते में पहाड़ियां नजर आ रही हैं।
इधर हुई
कयामत से कयामत तक की शूटिंग - आपको पता है आमिर
खान जूही चावला की सुपर हिट फिल्म कयामत से कयामत तक की शूटिंग कोलार जिले की इन्ही
वादियों में हुई थी। वे दृश्य जब राज और रश्मि घर छोड़कर भागते हैं और पहाड़ पर
अपना आशियाना बनाते हैं। वह सब कुछ कोलार जिले के पहाड़ ही तो हैं।
यह फिल्म मैंने उस जमाने में देखी थी जब मैं मुजफ्फरपुर में इंटर में पढ़ता था। फिल्म का क्रेज कुछ इस तरह का था इसे मैंने चार या पांच बार जाकर देखा था सिनेमा घर में। मुझे याद आता है कि यह फिल्म मुजफ्फरपुर के अमर सिनेमा घर में लगी थी। आमिर खान जूही चावला यह पहली फिल्म उस साल की सुपर डुपर हिट फिल्म रही थी।
एक घंटे में हम कोलार पहुंच गए हैं। वहां बोर्ड पर लिखा है सिल्क, मिल्क और गोल्ड की नगरी में आपका स्वागत है। कोलार बस स्टैंड में जाने के बाद बस फिर नए रास्ते पर निकल पड़ती है। यहां से बंगारपेट की दूरी 20 किलोमीटर है।
तो और कुछ बातें कोलार की। कोलार कर्नाटक का एक जिला है, पर यह छोटा रेलवे स्टेशन है, जबकि बंगारपेट इसी जिले का बड़ा जंक्शन है। बेंगलुरू से चेन्नई जाने के मार्ग में बंगारपेट बेंगलुरु के बाद दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन आता है। यहां तकरीबन सभी प्रमुख रेलगाड़ियां रुकती हैं। इसलिए अगर आपको कोलार गोल्डफील्ड्स या कोटिलिंगेश्वर जाना हो तो बेंगलुरु से बंगारपेट तक रेल मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। इस मार्ग पर हमेशा रेलगाड़ियां उपलब्ध रहती हैं।

यह फिल्म मैंने उस जमाने में देखी थी जब मैं मुजफ्फरपुर में इंटर में पढ़ता था। फिल्म का क्रेज कुछ इस तरह का था इसे मैंने चार या पांच बार जाकर देखा था सिनेमा घर में। मुझे याद आता है कि यह फिल्म मुजफ्फरपुर के अमर सिनेमा घर में लगी थी। आमिर खान जूही चावला यह पहली फिल्म उस साल की सुपर डुपर हिट फिल्म रही थी।
एक घंटे में हम कोलार पहुंच गए हैं। वहां बोर्ड पर लिखा है सिल्क, मिल्क और गोल्ड की नगरी में आपका स्वागत है। कोलार बस स्टैंड में जाने के बाद बस फिर नए रास्ते पर निकल पड़ती है। यहां से बंगारपेट की दूरी 20 किलोमीटर है।
तो और कुछ बातें कोलार की। कोलार कर्नाटक का एक जिला है, पर यह छोटा रेलवे स्टेशन है, जबकि बंगारपेट इसी जिले का बड़ा जंक्शन है। बेंगलुरू से चेन्नई जाने के मार्ग में बंगारपेट बेंगलुरु के बाद दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन आता है। यहां तकरीबन सभी प्रमुख रेलगाड़ियां रुकती हैं। इसलिए अगर आपको कोलार गोल्डफील्ड्स या कोटिलिंगेश्वर जाना हो तो बेंगलुरु से बंगारपेट तक रेल मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। इस मार्ग पर हमेशा रेलगाड़ियां उपलब्ध रहती हैं।
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विद्युत प्रकाश
मौर्य - vidyutp@gmail.com
( KOLAR, BANAGRPET, RAIL, KGF, SILK, MILK, GOLD, KARNATKA)
आपके बेहतरीन लेखन और सुन्दर चित्रों से सज्जित हर पोस्ट सहेजने लायक और पठनीय हो जाता है \
ReplyDeleteधन्यवाद
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