देश भर में मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी के मंदिर बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। अयोध्या में कनक भवन और ओरछा का राम मंदिर तो प्रसिद्ध है। पर दक्षिण भारत में तो शायद ही कोई मंदिर मिल जाए। पर हंपी में है रामजी का बुत ही कलात्मक मंदिर। इसे हजार राम मंदिर के नाम से जाना जात है। हंपी का यह हजार राम मंदिर द्रविड़ शैली में 15वीं सदी का बना हुआ भव्य परिसर है।
हंपी की सैर करते हुए जनाना प्रांगण से आगे बढ़ने के बाद हम रुकते हैं हजार राम मंदिर के सामने। इस मंदिर के उल्टी तरफ कभी विशाल पान सुपारी बाजार हुआ करता था। हजार राम का मंदिर विजयनगर के राजसी अंचल में स्थित है। यह मंदिर राजा के महल के काफी करीब है।
राज परिवार का निजी मंदिर - विजयनगर साम्राज्य के दौरान यह मंदिर आम आदमी के लिए नहीं खुला रहता था। यह राज परिवार का निजी मंदिर था। इसे राज परिवार के अनुष्ठान के लिहाज से ही बनवाया गया था। पर आजकल इसमें हर कोई जा सकता है। मंदिर की योजना में गर्भ गृह, अंतराल, मुख मंडप और उत्तर और दक्षिण में अर्ध मंडप बनाए गए हैं।
हंपी की सैर करते हुए जनाना प्रांगण से आगे बढ़ने के बाद हम रुकते हैं हजार राम मंदिर के सामने। इस मंदिर के उल्टी तरफ कभी विशाल पान सुपारी बाजार हुआ करता था। हजार राम का मंदिर विजयनगर के राजसी अंचल में स्थित है। यह मंदिर राजा के महल के काफी करीब है।
राज परिवार का निजी मंदिर - विजयनगर साम्राज्य के दौरान यह मंदिर आम आदमी के लिए नहीं खुला रहता था। यह राज परिवार का निजी मंदिर था। इसे राज परिवार के अनुष्ठान के लिहाज से ही बनवाया गया था। पर आजकल इसमें हर कोई जा सकता है। मंदिर की योजना में गर्भ गृह, अंतराल, मुख मंडप और उत्तर और दक्षिण में अर्ध मंडप बनाए गए हैं।
पूरी रामकथा चित्रों में देखें - हजार राम मंदिर के महामंडप का रुख पूरब दिशा की ओर है। मुख्य मंदिर के चारों ओर तीन श्रेणियों में रामायण की कथा को अत्यंत कलात्मक मूर्तियों में उकेरा गया है। मंदिर में ज्यादातर चित्र काले पत्थरों पर उकेरे गए हैं। हर चित्र कला शिल्प का बेजोड़ नमूना है।
वाल्मिकी रामायण से प्रेरणा - इस मंदिर के निर्माण में वाल्मिकी रामायण से प्रेरणा ली गई है। राम के पुत्र लव कुश के सुंदर चित्र भी बनाए गए हैं। मंदिर की दीवारों पर हाथी, घोड़ा पालकी, युद्ध के लिए जाती हुई राजा की सेना आदि के सुंदर चित्र उकेरे गए हैं।
भगवान बुद्ध की भी मूर्ति : खास बात है कि मंदिर परिसर में भगवान बुद्ध की एक प्रतिमा भी स्थापित की गई है। जयदेव ने गीत गोविंद में बुद्ध को विष्णु का नवां अवतार माना था। इस लिहाज से उन्हे इस विष्णु परंपरा के मंदिर में जगह मिली है। मंदिर परिसर में भागवत कथा से जुड़ी मूर्तियां भी हैं। यहां कृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ी सुंदर मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं। मंदिर की बाहरी दीवारों और स्तंभों पर ग्रेनााइट पत्थरों पर नयनाभिराम नक्काशी की गई है।
हंपी का बेजोड़ मंदिर - हजार राम मंदिर में सुंदर काले पत्थरों के पालिश किए हुए स्तंभ हैं जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर की सुंदरता में खो जाते हैं। यह हंपी एक ऐसा बेजोड़ कलात्मक मंदिर है जिसका सौंदर्य निहारने के लिए आपके पास एक घंटे से ज्यादा का वक्त होना चाहिए।
आखिर हजार राम नाम क्यों - हजार राम मंदिर को देखते हुए एक सवाल मन में सहज ही उठता है कि इस मंदिर का नाम हजार राम क्यों है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहां राम कथा से जुड़े हुए 1000 से ज्यादा चित्र उकेरे गए हैं इसलिए इसका नाम हजार राम रखा गया होगा।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
(HAMPI, HAJARRAM MANDIR, )
हंपी की यात्रा को शुरुआत से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।
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