हमलोग बादामी पहुंच
चुके हैं। बादामी कर्नाटक में बागलकोट जिले की एक तहसील है। बादामी का बस स्टैंड
काफी साफ सुथरा और सुंदर है, कर्नाटक के दूसरे बस अड्डों की तरह ही इसका रंग रोगन
अपनी पहचान बताता है। बस स्टैंड के अंदर के बेहतरीन कैंटीन भी है। इसे देखकर मैं सोचता
हूं हमारे उत्तर भारत के छोटे छोटे शहरों में इतने सुंदर बस स्टैंड कब बनेंगे।
बादामी का पुराना
नाम वातापी था। हम बादामी इसलिए पहुंचे हैं कि यहां से हमें बादामी के अलावा
पट्टडकल ( विश्व विरासत स्थल) एहोले और दूसरे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों को
देखना है। इसके लिए बादामी मुफीद जगह है।
यहां रहने के लिए कई होटल हैं। खाने के कई विकल्प हैं। अच्छा खासा बाजार है।
तो बात बादामी की, बादामी यानी वातापी लंबे समय तक बादामी चालुक्य वंश की राजधानी रही। 540 ई से 757 तक यह नगर अपने उत्कर्ष पर था। अब बादामी को केंद्र सरकार ने हेरिटेज शहर की ह्रदय परियोजना में शामिल किया है। पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि अगस्त्य ने असुर वातापी को यहां मार डाला था। इसलिए यहां उनके नाम पर अगस्त्य कुंड है और शहर का पुराना नाम वातापी है। पर ऐतिहासिक तौर पर बादामी शहर की स्थापना चालुक्य वंश के शासक पुलकेशिन प्रथम ने 540 ई में की। पुलकेशिन ने ही बादामी फोर्ट का निर्माण कराया।
तो बात बादामी की, बादामी यानी वातापी लंबे समय तक बादामी चालुक्य वंश की राजधानी रही। 540 ई से 757 तक यह नगर अपने उत्कर्ष पर था। अब बादामी को केंद्र सरकार ने हेरिटेज शहर की ह्रदय परियोजना में शामिल किया है। पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि अगस्त्य ने असुर वातापी को यहां मार डाला था। इसलिए यहां उनके नाम पर अगस्त्य कुंड है और शहर का पुराना नाम वातापी है। पर ऐतिहासिक तौर पर बादामी शहर की स्थापना चालुक्य वंश के शासक पुलकेशिन प्रथम ने 540 ई में की। पुलकेशिन ने ही बादामी फोर्ट का निर्माण कराया।
पुलकेशिन ने इसे
राजधानी के तौर पर इसलिए चुना था कि पूरा नगर तीन तरफ से विशाल पहाड़ियों से घिरा
हुआ था। इसलिए यह सामरिक तौर पर सुरक्षित था। पुलकेशिन प्रथम के बेटे कीर्तिवर्मन
ने बादामी में गुफा मंदिरों का निर्माण कराया। छठी से आठवीं सदी तक चालुक्य वंश का
कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों तक शासन रहा। पुलकेशिन
द्वितीय (610-642 ) इस वंश का सबसे प्रतापी राजा हुआ जिसने कई पड़ोसी राजाओं को
पराजित किया। राष्ट्रकूट वंश के 757 ई में शासन में आने के बाद बादामी का महत्व कम
होने लगा।
बादामी में क्या
देखें – बादामी के गुफा मंदिर, अगस्त्य कुंड, भूतनाथ मंदिर, बादामी संग्रहालय (
शुक्रवार को बंद रहता है ), बादामी का किला (पहाड़ी पर), कई शिव मंदिर आदि। यहां वे तमाम नजारे हैं जिन्हें आपने फिल्म गुरू और राउडी राठौर में देखा होगा।
मैं शाम को बादामी
के बाजार में घूमने निकलता हूं। गन्ने का जूस , आईसक्रीम और तरबूज की दुकाने की
सजी हैं। यहां पर भेलपुरी की दुकानें दिखाई दीं, जहां आप रेस्टोरेंट की तरह बैठकर
भेलपुरी खा सकते हैं। 15 रुपये की प्लेट। गोलगप्पे की कई दुकानें दिखीं। दस रुपये
में 7 गोलगप्पे या पानी पुरी। एक गोलगप्पे वाले राजस्थान के मिल गए। कई साल से
बादामी में ही गोलगप्पे बेच रहे हैं। यहां रहकर खुश हैं। मैं शहर के सब्जी बाजार
का मुआयना करता हूं। सब्जियां सस्ती हैं। एक होजरी की दुकान से बेटे के लिए बनियान
खरीदता हूं। दुकानदार बताते हैं तुम्हारी दिल्ली में इलेक्ट्रानिक सामान सस्ता
मिलता है। मैं पिछले साल दिल्ली हरिद्वार और बद्री केदार की यात्रा पर गया था।
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दक्षिण भारतीय थाली... होटल राजसंगम बादामी |
-vidyutp@gmail.com
(BADAMI, VATAPI, CHALUKYA KINGS, BADAMI FORT )
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