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बादामी बाजार में स्थित हनुमान मंदिर। |
थोड़ा वक्त
इस मंदिर में गुजारने के बाद आगे बढ़ जाता हूं। बच्चे स्कूल जाने की तैयारी कर रहे
हैं। रास्ते में कुछ पुराने घर दिखाई देते हैं। चलते चलते पहुंच गया हूं पहाड़ की
तलहटी में। यहां बादामी का संग्रहालय है। संग्रहालय सुबह 8 बजे खुलता है।
संग्रहालय से पहले विशाल प्रवेश द्वार बना हुआ है। म्युजियम की स्थापना सन 1976
में की गई। संग्रहालय में बाहर आपको नंदी और नटराज के सुंदर शिल्प दिखाई देते हैं।
कुछ टूटी हुई जैन शिल्पाकृतियों को संग्रहालय में जमा किया गया है। गैलरी में कई
शिल्पाकृतियों को संजोया गया है। इस संग्रहालय में बादामी के आसपास से प्राप्त
मूर्तियों को लाकर संग्रहित किया गया है। संग्रहालय भी दूर से पहाड़ों की गुफा
जैसा ही प्रतीत होता है।
संग्रहालय से थोड़ा
आगे चलने पर एक प्रचीन मंदिर दिखाई देता है। इसके बगल से कप्पे आरभट शिला शासन
जाने का रास्ता है। इस शिलालेख में तत्कालीन कन्नड़ जीवन के बारे में लिखा गया है।
सातवीं सदी के इस शिलालेख में लिखा गया है कि कन्नड़ लोग न किसी का अपमान करते थे
न ही अपमान सहते थे। यहां सरोवर किनारे आठवीं सदी का बना एक सुंदर लघु देवालय भी
नजर आता है।
संग्रहालय के एक तरफ
से बादामी के किला की ओर जाने का रास्ता है। यह रास्ता संकरा सा है। साल 2012 में आई
फिल्म राउडी राठौर जिसमें सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय कुमार थे, उसकी फिल्म बादामी
के इस हिस्से के आसपास हुई थी।
बादामी की गुफा के ठीक
सामने संग्रहालय के ऊपर चालुक्यों का राजमहल था। महल का अस्तित्व ज्यादा दिखाई
नहीं देता, पर किलेबंदी समझ में आती है। यहां हाथी का निवास स्थान और घुड़शाला बनी
हुई है। इसके साथ ही ध्वज स्तंभ भी दिखाई देता है। उत्तरी पर्वतमाला पर जाने का
रास्ता पैदल आधे घंटे का है। पर्वत पर पहुंचने पर आपको दो शिव मंदिर दिखाई देते
हैं। एक को लोअर शिवालय तो दूसरे को अपर शिवालय नाम दिया गया है।
यहां 18वीं सदी के
कुछ खंडहर देखे जा सकते हैं जिसे टीपू सुल्तान का कोषागार कहा जाता है। पर्वत शिखर
पर वातापी गणपति का एक मंदिर हुआ करता था। पर अब वहां गणपति की प्रतिमा नहीं है। पर
दक्षिण में कविताओं मे वातापी गणपति की महिमा गाई जाती है। यहां पर कभी 16वीं सदी
के महान वैष्णव संत प्रसन्न वदन वेंकटदास का निवास हुआ करता था। वे यहां ध्यान
करने के साथ भजन गाया करते थे।
अगर आपके पास समय
हो तो बादामी में पदयात्रा करके इतिहास से रुबरु होने की प्रयाप्त संभावनाएं है।
यहां थोड़ा वक्त गुजारकर आप चालुक्य राजाओं की समृद्ध विरासत को महसूस कर सकते
हैं।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य
(BADAMI FORT, CHALUKYA KING, RAUDI RATHORE )