रेलगाड़ी में जब दिन में चल रही हो तो आने वाले स्टेशनों को देखना अच्छा लगता
है खासकर सफर जब नए मार्ग पर हो। पर रात में आप रास्ते का आनंद नहीं ले पाते। पर
बेंगलुरु से विजयपुरा (बीजापुर) जाते हुए रात में भी मुझे ज्यादातर नींद नहीं आई। गोलगुंबज
एक्सप्रेस बेंगलुरु सिटी के बाद यशवंतपुर में रुकी। हमलोग एस4 कोच में है। कोच में
आधी सीटें खाली हैं। हमारा नीचे का कोई भी बर्थ नहीं है। पर खाली होने के कारण
नीचे सोने का मौका मिल गया। 70 किलोमीटर बाद तुमकुरु आया। कर्नाटक का एक जिला।
इसके बाद ट्रेन रुकी अरसिकेरे जंक्शन पर, यह हासन जिले का रेलवे स्टेशन है। मध्य
रात्रि में ट्रेन बिरूर जंक्शन पर रुकी। यह चिकमंगलुर जिले का रेलवे स्टेशन है।
इसके बाद आया चिकजाजुर जंक्शन। यह स्टेशन चित्रदुर्ग जिले में आता है। ट्रेन समय
से चल रही है। रात के एक बजे आया दावणगेरे रेलवे स्टेशन। तुमकुर और दावणगेरे नाम
मेरे लिए काफी समय से परिचित हैं क्योंकि मेरे दो बचपन के साथी इन शहरों में
इंजीनयरिंग की पढ़ाई के लिए आए थे।
इसके बाद ट्रेन रुकी हरिहर रेलवे स्टेशन पर, यह भी दावणगेरे जिले का एक शहर
है। अगला स्टेशन है राणीबेनुर, यह हावेरी जिले का एक शहर है। यहां पास में एक काले हिरण की सेंक्चुरी है।
इसके बाद का स्टेशन है हावेरी। यह कर्नाटक
का एक जिला है। हावेरी लाल मिर्च के लिए जाना जाता है देश भर में। सुबह 4 बजे
ट्रेन हुबली जंक्शन पर रुकी। यहां ट्रेन का इंजन आगे से पीछे की ओर लगा और ट्रेन
नए मार्ग पर चल पड़ी। हुबली कर्नाटक का प्रसिद्ध शहर है। यह अपने पेड़े के लिए
प्रसिद्ध है। हुबली आबादी में बेंगलुरू के बाद राज्य का दूसरा बड़ा शहर है। यह
राज्य के धारवाड़ क्षेत्र में आता है। इसके बाद अगला स्टेशन है अन्निगेरी।
अन्निगेरी शहर धारवाड़ जिले में आता है। सुबह हो चुकी है अगला स्टेशन है गदग
जंक्शन। यहां ट्रेन 10 मिनट रुकी। गदग भी जिला और जिले का मुख्यालय है। अगला ठहराव
होले आलुर है, यह भी गदग जिले का हिस्सा है। इसके बाद बादामी में एक मिनट का
ठहराव, बागलकोट जिला आरंभ हो चुका है।
बागलकोट के बाद आया अलमाट्टि। विजयपुर जिले
में अलमाट्टि में कृष्णा नदी पर विशाल बांध बना है जो रेलगाड़ी से दिखाई देता है। उत्तर
कर्नाटक का यह बांध 2005 में पूरा हुआ। हालांकि इसकी नींव साल 1964 में रखी गई थी।
यहां पर विशाल जलाशय लाल बहादुर शास्त्री सागर बना है। यह कर्नाटक का सबसे बड़ा
जलाशय है। इस डैम के साथ कृष्णा भाग्या जल निगम लिमिटेड की ओर से हाईड्रो पावर
प्रोजेक्ट लगाया गया है जिसका लक्ष्य 560 मेगावाट बिजली बनाने का है।
साल 2016 में
फंड के बेहतर इस्तेमाल के लिए इस जलाशय के प्रोजेक्ट को विश्व बैंक द्वारा अवार्ड
भी मिला है। अलमाट्टि डैम में बांध की ऊंचाई 52 मीटर है। अब यह एक पर्यटक स्थल भी
बन गया है। डैम के पास पिकनिक स्पाट विकसित किया गया है। बोटिंग और म्युजिकल
फाउंटेन भी का मजा भी यहां लिया जा सकता है। काफी लोग डैम देखने पहुंचते हैं। यह
बीजापुर से 66 किलोमीटर की दूरी पर है। बीजापुर से वापस आते हुए भी हमने अलमाट्टि
डैम का नजारा लिया।
(ALMATTI DAM, VIJAYPURA, HUBLI, LAL BAHADUR SHASTRI SAGAR )
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A VIEW OF ALMATTI DAM FROM TRAIN.... |
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