खजुराहो के तमाम
मंदिरों के बीच कंदरिया महादेव मंदिर सबसे प्रसिद्ध है, जहां कला और शिल्प का उत्कर्ष दिखाई देता है। मंदिर के गर्भ गृह में संगमरर का शिवलिंग
स्थापित है। यह अपनी भव्यता और संगीतमय कलाकृतियों के लिए जाना जाता है। एकबारगी
इस मंदिर को देखकर लगता है कि यह सैंडस्टोन की बना न होकर चंदन की लकड़ी की बना
हुआ हो। कलात्मकता के लिहाज से पूरे देश में शायद ही कोई इतना भव्य मंदिर हो। सूरज
की चमकती रोशनी में मंदिर को देखते हुए विस्मय होता है कि एक हजार से ज्यादा सालों
यह अदभुत मंदिर यों खड़ा है।
कंदरिया महादेव
मंदिर का निर्माण काल 1000 ई के बाद का है। इसकी लंबाई 102 फीट चौड़ाई 66 फीट और ऊंचाई
101 फीट है। मकर तोरण इसकी मुख्य विशेषता है। स्थानीय मत के अनुसार इसका कंदरिया
नामांकरण, भगवान शिव के एक नाम
कंदर्पी के नाम पर किया गया था। पर कुछ लोगों का मानना
है कि इसका आकार कंदरा के समान है इसलिए इसे कंदरिया महादेव कहा जाता है।
मुख्यद्वार से देखने पर यह किसी कंदरा के समान ही प्रतीत होता है। इस विशाल मंदिर
का निर्माण महा प्रतापी चन्देल राजा विद्याधर ने महमूद
गजनवी पर अपनी विजय के बाद में कराया था। राजा गंड देव के पुत्र विद्याधर का
कार्यकाल 1017 से 1029 ई के बीच रहा। उसने 1019 और 1022 में महमूद गजनी से उसने बहादुरी
पूर्वक युद्ध लड़ा।
कंदरिया महादेव मंदिर
पांच हिस्सों में विभाजित है। इसके गर्भगृह, अर्धमंडप, प्रदक्षिणा पथ, अंतराल और
महामंडप प्रमुख हिस्से हैं।
मंदिर के
दीवारों पर असंख्य मूर्तियां बनाई गई हैं। इनकी नक्काशी अत्यंत सुंदर है, जिससे
नजरें नहीं हटतीं। इन्हे देखते हुए बरबस ये सवाल उठता है कि इन मूर्तियों का आखिर
शिल्पकार कौन रहा होगा। इसके पीछे दर्शन किसका रहा होगा। इन्हें बनाने में कितना
वक्त लगा होगा। इन मूर्तियों में देव देवियां और कामकला की भाव भंगिमाओं वाली
मूर्तियां हैं।
मंदिर के
संगमरमरी लिंगम के अलावा इसकी विशेषता यहां मौजूद अत्यधिक ऊर्जावान मिथुन मूर्तियां
हैं। इतिहासकार अलेक्जेंडर कनिंघम लिखते हैं कि खजुराहो के सभी मंदिरों की तुलना
में यहां सर्वाधिक मिथुनों की आकृतियां हैं। उन्होंने मंदिर के बाहर 646 आकृतियां और भीतर 246 आकृतियों की गिनती की थी।
पश्चिमी समूह के प्रमुख मंदिर – लक्ष्मण मंदिर ( मतंगेश्वर
मंदिर के बगल में), वराह मंदिर, कंदरिया महादेव मंदिर, जगदंबी मंदिर, चित्रगुप्त (
सूर्य) मंदिर, पार्वती मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, नंदी मंडप।
खजुराहो में जो 25 मंदिर बचे हुए हैं उसमें कंदरिया महादेव
मंदिर सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मंदिर है। हर रोज दिन भर सैकड़ों की संख्या में देशी
और विदेशी सैलानी इस मंदिर को निहारते हुए पाए जाते हैं।
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