खजुराहो की एक सुबह ( 09 फरवरी 2017 ) |
महोबा रेलवे स्टेशन से ट्रेन
खजुराहो की ओर सरपट भागी जा रही है। सुबह का उजाला हो चुका है। दोनों तरफ खेतों
में दूर दूर तक सरसों झूम रही है। दिल्ली से खजुराहो के लिए रोज एक ट्रेन जाती है।
उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12448) 5.20 में महोबा से खुलने के लिए समय नीयत है। पर आज थोड़ी देर से चल रही है। ट्रेन सुबह साढ़े सात बजे खजुराहो पहुंचा
देती है। इसके अलावा एक और एक्सप्रेस ट्रेन रोज खजुराहो आती है। उदयपुर खजुराहो
इंटरसिटी एक्सप्रेस (19666) यह शाम को 6.05 बजे खजुराहो पहुंचती है।
साल 2008 में रेल से जुड़ा खजुराहो - महोबा से
खजुराहो की दूरी 63 किलोमीटर है। साल 2008 में रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल
में विश्व भर में चर्चित पर्यटक स्थल खजुराहो रेल नेटवर्क से जुड़ा। अभी यहां
दिल्ली, झांसी, उदयपुर कानपुर आदि शहरों से सीधी रेल सेवा है। पर साफ सुथरे शानदार
खजुराहो रेलवे स्टेशन पर बहुत कम रेलगाड़ियां ही पहुंचती है। मैं उत्तर प्रदेश
संपर्क क्रांति में झांसी से बैठा हूं। महोबा में ये ट्रेन दो हिस्सों में बंट
जाती है। एक हिस्सा बांदा चला जाता है तो दूसरा खजुराहो। महोबा से खजुराहो के बीच कुल
पांच छोटे छोटे रेलवे स्टेशन आते हैं। चिथारी, राघौली, सिंहपुर डुमरा, राजनगर और
इसके बाद खजुराहो। पर एक्सप्रेस ट्रेनें इन स्टेशनों पर नहीं रुकतीं। महोबा उत्तर
प्रदेश में है और खजुराहो मध्य प्रदेश में। पर दोनों ऐतिहासिक तौर पर बुंदलेखंड के
हिस्सा हैं।
अब यहां लोग खजुराहो से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए सीधी
ट्रेन की मांग कर रहे हैं। खजुराहो से एक रेलवे लाइन टीकमगढ़ होते हुए ललितपुर तक
के लिए बन चुकी है। इस लाइन से भी हर रोज झांसी तक के लिए एक पैसेंजर ट्रेन चलती
है।
खजुराहो रेलवे स्टेशन (KURJ)
के आसपास अभी कोई बाजार नहीं है। यहां रेल आने पर बाहर आटो रिक्शा,
टुकटुक टैक्सी आदि मिलती हैं। रेलवे स्टेशन से खजुराहो मुख्य बाजार 8 किलोमीटर की
दूरी पर है। वहीं रेलवे स्टेशन से आपको छतरपुर के लिए भी शेयरिंग टैक्सियां मिलती
हैं। खजुराहो के साफ सुथरे रेलवे स्टेशन पर एक छोटी सी खाने पीने की दुकान है जहां
आपको चाय समोसा बिस्कुट आदि मिल जाते हैं। कोई कैंटीन नहीं है। रिटायरिंग रूम हैं
पर यहां रहने का कोई फायदा नहीं है।
रेल के अलावा खजुराहो आप हवाई
सेवा और बस से भी पहुंच सकते हैं। दिल्ली से खजुराहो के लिए रोज विमान सेवा है।
दोपहर में विमान यहां पहुंचते हैं। एयरपोर्ट बिल्कुल बाजार के पास है। एयरपोर्ट के
पास कई मिडिल क्लास और महंगे होटल भी हैं। अगर आप सड़क मार्ग से खजुराहो पहुंचना
चाहते हैं तो ग्वालियर, झांसी, हरपालपुर, महोबा और छतरपुर से सीधी बसें मिल सकती
हैं। खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आता है। यह चर्चा कर देना भी लाजिमी
होगा कि चंदेल काल में बने भव्य मंदिरों के लिए खजुराहो विश्व विरासत स्थलों में
शामिल किया गया है। देश का ऐसा शहर है जहां सालों भर सैलानियों की आमद होती है।
सैलानियों के स्वागत के लिए यहां समान्य से लेकर लग्जरी तक कुल 135 होटल बने हुए
हैं।
- ---- विद्युत
प्रकाश मौर्य
( (KHAJURAHO, WORLD HERITAGE SITE, RAIL, TEMPLE)
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